मुंबई : शरद केलकर इस बात से ज्यादा खुश हैं कि दर्शकों ने उन्हें एक अभिनेता के रूप में स्वीकार किया है और इसे उन्होंने अपने लिए सबसे बड़ी प्रशंसा कहा है.
केलकर एक कुशल डबिंग कलाकार हैं, उन्होंने 'बाहुबली' श्रृंखला के डब संस्करण में प्रभास की भूमिका के लिए अपनी गहरी आवाज दी है.
वह 2004 में दूरदर्शन शो 'आक्रोश' के साथ अभिनय के क्षेत्र में उतरे थे. बाद में उन्हें 'सात फेरे: सलोनी का सफर', 'बैरी पिया' और 'कुछ तो लोग कहेंगे' जैसे शो में देखा गया.
शरद ने 2012 में फिल्म '1920: एविल रिटर्न्स' से बॉलीवुड में कदम रखा, जहां उन्हें बुरी आत्मा के साथ खेलते देखा गया. इसके बाद उन्होंने संजय लीला भंसाली की 'गोलियां की रासलीला: राम-लीला' में काम किया.
फिर उन्हें 'मोहेंजो दारो', 'भूमि', 'हाउसफुल 4' और 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' जैसी फिल्मों में देखा गया.
शेड्स में निभाई गई अपनी भूमिका के बारे में बात करते हुए, शरद ने आईएएनएस से कहा, "यह अच्छा लगता है. मैंने एक नकारात्मक लड़के की भूमिका निभाई. मैं लगभग चार साल से हर घर के लिए नीली आंखों वाला लड़का था. उस छवि को बदलने के लिए और फिल्मों के लिए ग्रे-शेड आदमी बनना - स्वीकृति एक प्रश्न चिह्न् था कि क्या लोग मुझे एक नकारात्मक व्यक्ति के रूप में स्वीकार करेंगे? लेकिन उन्होंने मुझे स्वीकार किया. मैंने कुछ सकारात्मक भूमिकाएं भी निभाईं. खैर, लोगों ने मुझे स्वीकार किया और मेरी प्रशंसा की."
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(इनपुट-आईएएनएस)