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जहां जगह मिलती है, वहां एक पौधा लगाती हूं : इशिता दत्ता - बागवानी के लिए प्यार

हरे-भरे पेड़-पौधे आखिर किसको नहीं पसंद, हरियाली न केवल पर्यावरण को शुद्ध करती है, बल्कि दिल को सुकून भी देती है. इसी हरियाली को लेकर अभिनेत्री इशिता दत्ता का कहना है कि बागवानी ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान व्यस्त रहने में बेहद मदद की है. उन्हें जहां भी जगह मिलती है, वह वहां एक पौधा लगाती हैं.

इशिता दत्ता
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Published : Jun 22, 2021, 3:38 PM IST

मुंबई : अभिनेत्री इशिता दत्ता का कहना है कि बागवानी ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान व्यस्त रहने में बेहद मदद की है. इशिता ने कहा 'मैं जमशेदपुर में बहुत हरियाली के आस-पास पली-बढ़ी हूं. हम प्रकृति और पेड़ों से बहुत जुड़े हुए हैं. पुश्तैनी घर में हमारा खुद का एक बगीचा है. मैंने अपनी बालकनी और किचन में गार्डन बनाया है. मुझे जहां भी जगह मिलती है, वहां एक पौधा लगाती हूं.'

अभिनेत्री का कहना है कि पौधे पॉजिटिविटी लाते हैं. वह कहती हैं कि पौधे ऐसी पॉजिटिव ऊर्जा लाते हैं और उनमें से बहुत से अद्भुत औषधीय मूल्य के हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने मिनी गार्डन से तुलसी, एलोवेरा और कुछ अन्य का उपयोग करती हैं. यह उन्हें उनके बचपन के दिनों की याद दिलाते हैं.

पढ़ें : तनावपूर्ण घड़ी में बागवानी करना दिल को सुकून देता है : ऋचा चड्ढा

इसी के साथ उन्होंने सावधानी का एक नोट भी दिया, जिसमें वह कहती हैं 'चलो सभी प्रोटोकॉल के भीतर रहें. महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. जब भी हमें मौका मिले, चलो टीकाकरण करवाएं.'

(आईएएनएस)

मुंबई : अभिनेत्री इशिता दत्ता का कहना है कि बागवानी ने उन्हें लॉकडाउन के दौरान व्यस्त रहने में बेहद मदद की है. इशिता ने कहा 'मैं जमशेदपुर में बहुत हरियाली के आस-पास पली-बढ़ी हूं. हम प्रकृति और पेड़ों से बहुत जुड़े हुए हैं. पुश्तैनी घर में हमारा खुद का एक बगीचा है. मैंने अपनी बालकनी और किचन में गार्डन बनाया है. मुझे जहां भी जगह मिलती है, वहां एक पौधा लगाती हूं.'

अभिनेत्री का कहना है कि पौधे पॉजिटिविटी लाते हैं. वह कहती हैं कि पौधे ऐसी पॉजिटिव ऊर्जा लाते हैं और उनमें से बहुत से अद्भुत औषधीय मूल्य के हैं. उन्होंने कहा कि वह अपने मिनी गार्डन से तुलसी, एलोवेरा और कुछ अन्य का उपयोग करती हैं. यह उन्हें उनके बचपन के दिनों की याद दिलाते हैं.

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इसी के साथ उन्होंने सावधानी का एक नोट भी दिया, जिसमें वह कहती हैं 'चलो सभी प्रोटोकॉल के भीतर रहें. महामारी अभी खत्म नहीं हुई है. जब भी हमें मौका मिले, चलो टीकाकरण करवाएं.'

(आईएएनएस)

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