दिल्ली/पटना: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मामले में बुधवार को एक बड़े घटनाक्रम के तहत सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि भारत सरकार ने सैद्धांतिक रूप से बिहार सरकार की सीबीआई जांच की सिफारिश स्वीकार कर ली है.
केंद्र की ओर से पैरवी कर रहे मेहता ने न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय के समक्ष कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो के लिए अधिसूचना जल्द ही जारी की जाएगी.
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में सभी पक्षों को अपना-अपना पक्ष रखने के लिए तीन दिन का समय दिया. यह भी उल्लेख किया कि मुंबई पुलिस को अब तक की गई जांच के रिकॉर्ड को प्रस्तुत करना होगा. मामले पर सुनवाई अगले सप्ताह होनी है.
न्यायाधीश रॉय ने कहा, "हम जानना चाहते हैं कि मुंबई पुलिस ने अब तक क्या किया है."
महाराष्ट्र सरकार के वकील ने सीबीआई जांच का विरोध किया और तर्क दिया कि यह मुंबई पुलिस है, जो सीआरपीसी के तहत जांच के लिए अधिकृत है.
महाराष्ट्र सरकार के वकील ने यह भी कहा कि बिहार पुलिस की कार्रवाई 'राजनीति से प्रेरित' है और जोर देकर कहा कि सीआरपीसी के तहत, केवल मुंबई पुलिस के पास 'मामला दर्ज करने के लिए ड्यूटी, अधिकार और फंक्शन है.'
महाराष्ट्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार
कोर्ट ने आरोपी रिया चक्रवर्ती की उस याचिका पर सुनवाई की. जिसमें उसने पटना में दर्ज एफआईआर को मुंबई ट्रांसफर करने की मांग की थी. कोर्ट ने मामले में महाराष्ट्र सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आईपीएस अधिकारी को क्वारंटीन करना सही संदेश नहीं देता है. पुलिस ऑफिसर अपनी ड्यूटी पर गया था. आपकी तमाम कार्रवाई प्रोफेशनल तरीके से होनी चाहिए थी. सबूतों को प्रोटेक्ट करना जरुरी है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि मुंबई में अप्राकृतिक मौत की जांच चल रही है. पटना की एफआईआर में दर्ज बातें जांच का हिस्सा हैं या नहीं यह हम नहीं जानते. एक आईपीएस जांच के लिए जाता है, उसे रोक दिया जाता है, ऐसी बातें अच्छे संकेत नहीं देतीं. महाराष्ट्र सरकार सुनिश्चित करे कि सब प्रोफेशनल तरीके से हो.
इनपुट-आईएएनएस