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संगीत सम्राट खय्याम साहब के निधन पर इन सितारों ने जताया शोक - सोनू निगम

सोमवार रात दिग्गज संगीतकार खय्याम साहब के निधन की खबर आते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. वहीं जावेद अख्तर, सोनू निगम, सलीम मर्चेंट और कई सेलेब्स ने जताया शोक.

Celebs at Veteran Music Composer Khayyam Saab Funeral
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Published : Aug 20, 2019, 10:48 AM IST

Updated : Sep 27, 2019, 3:18 PM IST

मुंबई : हिंदी सिनेमा के दिग्गज संगीतकार खय्याम साहब ने सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. 92 वर्षीय खय्याम साहब लंग्स में इन्फेक्शन के चलते पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और मुंबई के सुजय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे.

सोमवार रात उनके निधन की खबर आते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. इसके साथ ही पीएम मोदी ने भी खय्याम के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. वहीं जावेद अख्तर, सोनू निगम और सलीम मर्चेंट ने उनके निधन पर शोक जताते हुए मीडिया से बातचीत की.

  • India will remain grateful to Khayyam Sahab for giving us some of the most memorable compositions, which will be remembered forever. He will also be remembered for his humanitarian gestures to support upcoming artists. His demise is extremely saddening.

    — Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस दौरान जब जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि खय्याम साहब के निधन से बॉलीवुड को कितना नुकसान पहुंचा है तो उन्होंने बड़े ही सरलता से जवाब देते हुए कहा- 'बॉलीवुड का अब नया दौर है. खय्याम साहब का संगीत पूराने दौर का है, लेकिन उनके गीतों की सादगी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. उन्होंने भले ही कम फिल्मों में गीत दिए हैं, लेकिन वह कमाल के हैं. जिनकी तुलना करना नामुमकिन है.'



सोनू निगम ने भी अपने दुख को व्यक्त करते हुए कहा- 'खय्याम साहब ने हिंदी सिनेमा को अपने संगीत के जादू से भर एक नए मुकाम पर पहुंचाया है, जिसे भुलाना नामुमकिन है. आज भले ही वह हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके गीतों की गुंज हिंदी सिनेमा में हमेशा रहेगी.'



सलीम मर्चेंट ने भी मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा- 'मैंने खय्याम साहब जैसा खुद्दार आदमी कभी नहीं देखा. वह अपना काम हमेशा खुद करते थे. उनके जाने से हिंदी सिनेमा को बड़ा नुकसान हुआ है.'



वहीं जब सलीम से खय्याम साहब के निधन की खबर सुनते ही पीएम मोदी और लता मगेंशकर के ट्वीट के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा- 'ये हमारे लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रीय खय्याम जी का सम्मान कर रहा है.'

  • Mahan sangeetkar Aur bahut nek dil insan Khayyam sahab aaj humare bich nahi rahe. Ye sunkar mujhe itna dukh hua hai jo main bayaa’n nahi kar sakti.Khayyam sahab ke saath sangeet ke ek yug ka anth hua hai.Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun. pic.twitter.com/8d1iAM2BPd

    — Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Celebs at Veteran Music Composer Khayyam Saab Funeral



बता दें कि खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था, लेकिन फिल्म जगत में उन्हें खय्याम के नाम से प्रसिद्धी मिली थी, उन्‍हें 'कभी-कभी' और 'उमराव जान' जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.

खय्याम ने अपने करियर की शुरुआत 1947 में की थी. साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत देकर खय्याम को पहचान मिलनी शुरू हुई. आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान और यात्रा जैसी फिल्मों में धुनें दीं.

मोहम्मद जहूर खय्याम ने संगीत की दुनिया में अपना सफर 17 साल की उम्र में लुधियाना से शुरू किया था. उन्हें अपने करियर का पहला बड़ा ब्रेक ब्लॉकबस्टर मूवी 'उमराव जान' से मिला था, जिसके गाने आज भी बॉलीवुड में और लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं.

मुंबई : हिंदी सिनेमा के दिग्गज संगीतकार खय्याम साहब ने सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. 92 वर्षीय खय्याम साहब लंग्स में इन्फेक्शन के चलते पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और मुंबई के सुजय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे.

सोमवार रात उनके निधन की खबर आते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. इसके साथ ही पीएम मोदी ने भी खय्याम के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. वहीं जावेद अख्तर, सोनू निगम और सलीम मर्चेंट ने उनके निधन पर शोक जताते हुए मीडिया से बातचीत की.

  • India will remain grateful to Khayyam Sahab for giving us some of the most memorable compositions, which will be remembered forever. He will also be remembered for his humanitarian gestures to support upcoming artists. His demise is extremely saddening.

    — Narendra Modi (@narendramodi) August 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

इस दौरान जब जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि खय्याम साहब के निधन से बॉलीवुड को कितना नुकसान पहुंचा है तो उन्होंने बड़े ही सरलता से जवाब देते हुए कहा- 'बॉलीवुड का अब नया दौर है. खय्याम साहब का संगीत पूराने दौर का है, लेकिन उनके गीतों की सादगी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. उन्होंने भले ही कम फिल्मों में गीत दिए हैं, लेकिन वह कमाल के हैं. जिनकी तुलना करना नामुमकिन है.'



सोनू निगम ने भी अपने दुख को व्यक्त करते हुए कहा- 'खय्याम साहब ने हिंदी सिनेमा को अपने संगीत के जादू से भर एक नए मुकाम पर पहुंचाया है, जिसे भुलाना नामुमकिन है. आज भले ही वह हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके गीतों की गुंज हिंदी सिनेमा में हमेशा रहेगी.'



सलीम मर्चेंट ने भी मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा- 'मैंने खय्याम साहब जैसा खुद्दार आदमी कभी नहीं देखा. वह अपना काम हमेशा खुद करते थे. उनके जाने से हिंदी सिनेमा को बड़ा नुकसान हुआ है.'



वहीं जब सलीम से खय्याम साहब के निधन की खबर सुनते ही पीएम मोदी और लता मगेंशकर के ट्वीट के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा- 'ये हमारे लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रीय खय्याम जी का सम्मान कर रहा है.'

  • Mahan sangeetkar Aur bahut nek dil insan Khayyam sahab aaj humare bich nahi rahe. Ye sunkar mujhe itna dukh hua hai jo main bayaa’n nahi kar sakti.Khayyam sahab ke saath sangeet ke ek yug ka anth hua hai.Main unko vinamra shraddhanjali arpan karti hun. pic.twitter.com/8d1iAM2BPd

    — Lata Mangeshkar (@mangeshkarlata) August 19, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
Celebs at Veteran Music Composer Khayyam Saab Funeral



बता दें कि खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था, लेकिन फिल्म जगत में उन्हें खय्याम के नाम से प्रसिद्धी मिली थी, उन्‍हें 'कभी-कभी' और 'उमराव जान' जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.

खय्याम ने अपने करियर की शुरुआत 1947 में की थी. साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत देकर खय्याम को पहचान मिलनी शुरू हुई. आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान और यात्रा जैसी फिल्मों में धुनें दीं.

मोहम्मद जहूर खय्याम ने संगीत की दुनिया में अपना सफर 17 साल की उम्र में लुधियाना से शुरू किया था. उन्हें अपने करियर का पहला बड़ा ब्रेक ब्लॉकबस्टर मूवी 'उमराव जान' से मिला था, जिसके गाने आज भी बॉलीवुड में और लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं.

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मुंबई : हिंदी सिनेमा के दिग्गज संगीतकार खय्याम साहब ने सोमवार को मुंबई के एक अस्पताल में आखिरी सांस ली. 92 वर्षीय खय्याम साहब लंग्स में इन्फेक्शन के चलते  पिछले कुछ दिनों से बीमार थे और मुंबई के सुजय अस्पताल के आईसीयू में भर्ती थे. 



सोमवार रात उनके निधन की खबर आते ही बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई. इसके साथ ही पीएम मोदी ने भी खय्याम के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया. वहीं जावेद अख्तर, सोनू निगम और सलीम मर्चेंट ने उन्हें आखिरी विधाई देते हुए मीडिया से बातचीत की. 



इस दौरान जब जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि खय्याम साहब के निधन से बॉलीवुड को कितना नुकसान पहुंचा है तो उन्होंने बड़े ही सरलता से जवाब देते हुए कहा- 'बॉलीवुड का अब नया दौर है. खय्याम साहब का संगीत पूराने दौर का है, लेकिन उनके गीतों की सादगी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है. उन्होंने भले ही कम फिल्मों में गीत दिए हैं, लेकिन वह कमाल के हैं. जिनकी तुलना करना नामुमकिन है.'





सोनू निगम ने भी अपने दुख को व्यक्त करते हुए कहा- 'खय्याम साहब ने हिंदी सिनेमा को अपने संगीत के जादू से भर एक नए मुकाम पर पहुंचाया है, जिसे भुलाना नामुमकिन है. आज भले ही वह हमारे बीच नहीं है, लेकिन उनके गीतों की गुंज हिंदी सिनेमा में हमेशा रहेगी.'





सलीम मर्चेंट ने भी मीडिया से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा- 'मैंने खय्याम साहब जैसा खुद्दार आदमी कभी नहीं देखा. वह अपना काम हमेशा खुद करते थे. उनके जाने से हिंदी सिनेमा को बड़ा नुकसान हुआ है.'





वहीं जब सलीम से खय्याम साहब के निधन की खबर सुनते ही पीएम मोदी और लता मगेंशकर के टवीट के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा- 'ये हमारे लिए गर्व की बात है कि राष्ट्रीय खय्याम जी का सम्मान कर रहा है.' 





बता दें कि खय्याम का पूरा नाम मोहम्मद जहूर खय्याम हाशमी था, लेकिन फिल्म जगत में उन्हें खय्याम के नाम से प्रसिद्धी मिली थी, उन्‍हें 'कभी-कभी' और 'उमराव जान' जैसी फिल्मों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला था.



खय्याम ने अपने करियर की शुरुआत 1947 में की थी. साल 1961 में आई फिल्म शोला और शबनम में संगीत देकर खय्याम को पहचान मिलनी शुरू हुई. आखिरी खत, कभी-कभी, त्रिशूल, नूरी, बाजार, उमराव जान और यात्रा जैसी फिल्मों में धुनें दीं.



मोहम्मद जहूर खय्याम ने संगीत की दुनिया में अपना सफर 17 साल की उम्र में लुधियाना से शुरू किया था. उन्हें अपने करियर का पहला बड़ा ब्रेक ब्लॉकबस्टर मूवी 'उमराव जान' से मिला था, जिसके गाने आज भी बॉलीवुड में और लोगों के दिलों में जगह बनाए हुए हैं.




Conclusion:
Last Updated : Sep 27, 2019, 3:18 PM IST
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