रानी का जन्म 21 मार्च 1978 को मुंबई, महाराष्ट्र में हुआ था उनके पिता का नाम राम मुखर्जी और मां का नाम कृष्णा मुखर्जी है. उनके एक बड़े भाई भी हैं जिनका नाम राजा मुखर्जी है. रानी के परिवार के ज्यादातर लोग किसी ना किसी तरह से फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ाव रखते हैं.
पर्दे पर रानी पहली बार फिल्म 'बियर फूल' में नज़र आईं थीं लेकिन उन्हें उनकी पहली फिल्म 'राजा की आएगी बारात' से एक नया रास्ता मिला. फिल्म तो खास नहीं चल पाई लेकिन उनके काम की जमकर तारीफ हुई. साल 1998 में रानी ने आमिर खान के साथ एक्शन फ़िल्म गुलाम में अभिनय किया जिसने उन्हें एक नई पहचान दी.
ये वही साल था जब वो सुपरहिट फिल्म 'कुछ-कुछ होता है' में शाहरुख खान और काजोल के साथ नज़र आईं. इस फ़िल्म ने उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड दिलाया. उनकी इस पहली सफलता के बाद उन्होंने कॉमेडी फिल्म 'हैलो ब्रदर', एक्शन थ्रिलर फिल्म 'बिच्छू'और ड्रामा फिल्म 'नायक' जैसी अलग-अलग फिल्मों में लीड एक्ट्रेस का रोल प्ले किया लेकिन इनमें से कोई भी उनके फ़िल्मी जीवन को आगे बढ़ाने मे मददगार साबित नहीं हुई.
साल 2004 में रोमांटिक-कॉमेडी फिल्म 'हम-तुम' और 'युवा' में अपने अभिनय के लिए मुखर्जी एक ही साल में लगातार फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड और सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड जीतने वाली एकमात्र एक्ट्रेस बनीं. उसी साल उन्होंने साल की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली बॉलीवुड फिल्म 'वीर-ज़ारा' में भी अभिनय किया. साल 2005 में उन्होंने 'ब्लैक' में अंधी, बहरी और गूंगी लड़की का रोल प्ले कर करोड़ों लोगों के दिल जीत लिए. रानी ने उसी साल की हिट फ़िल्मों में से एक 'बंटी और बबली' में एक चोर का रोल भी किया.
अच्छे दिन देखने के बाद रानी के बुरे दिन भी आए, जब उनकी सारी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर असफल हो रही थीं. फिर 2011 में एक सच्ची घटना पर आधारित थ्रिलर फ़िल्म नो वन किल्ड जेसिका में टेलीविजन रिपोर्टर मीरा गैटी के रोल से उन्हें एक बार फिर फ़िल्मफेयर में बेस्ट सपोर्टिंग अवार्ड मिला और ये फिल्म पिछले चार सालों में उनकी पहली सफल फ़िल्म बनी.
'ब्लैक' में अमिताभ बच्चन के साथ अपने अभिनय के लिए उन्होंने फिल्मफेयर अवार्ड्स में बेस्ट एक्ट्रेस और बेस्ट एक्ट्रेस क्रिटिक अवार्ड अपने नाम किए. मुखर्जी के फ़िल्मी जीवन को तब एक नया मोड़ मिला जब उन्होंने साल 2002 में यश राज फ़िल्म्स के बैनर तले बनी फ़िल्म साथिया में लीड रोल प्ले किया. यही वो फिल्म थी जिसके लिए उन्हें फ़िल्मफेयर क्रिटिक्स अवार्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस का खिताब मिला.
उन्होंने अपने करियर में कई छोटी बड़ी फिल्में की हैं और अपने काम के जरिए इंडस्ट्री में एक अलग मुकाम हासिल किया है.
यही नहीं रानी समाज सेवा के कामों में भी बहुत सक्रिय रहती हैं. उन्होंने बहुत सारी संस्थाओं के लिए चंदा इकठ्ठा किया है. रानी ने 2 वल्ड टूर में हिस्सा लिया था जहाँ बॉलीवुड के कुछ सितारों के साथ उन्होंने स्टेज शो में दर्शकों के सामने धमाकेदार पर्फामेंस दी. अपने पहले टूर में वो आमिर खान, ऐश्वर्या राय बच्चन, अक्षय खन्ना और ट्विंकल खन्ना के साथ थीं वहीं दूसरे में वो शाहरुख़ खान, सैफ अली ख़ान, प्रीती ज़िंटा, अर्जुन रामपाल और प्रियंका चोपड़ा के साथ नज़र आईं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है की रानी अपने समय में कितनी लोकप्रिय अभिनेत्री थीं.
साल 2005 में रानी को बॉलीवुड की तरफ से पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ के साथ खाने पर न्योता दिया गया. 2006 में उन्होंने बाकी बॉलीवुड अभिनेत्रियों के साथ ऑस्ट्रेलिया के कोम्मनवेल्थ खेलों में भारतीय परंपरा का प्रदर्शन किया. रानी उन अभिनेत्रियों में से हैं जो कभी खाली नहीं बैठतीं.
रानी ने फिल्म निर्माता आदित्य चोपड़ा से शादी की है. अपनी फिल्मों में रानी मुखर्जी को अभिनय करते देख आदित्य को उनसे प्यार होने लगा. उनका प्यार एकतरफा था. अभिषेक की शादी होने के बाद रानी को भी एक योग्य वर की तलाश थी. रानी के लिए भी आदित्य से बेहतर चुनाव और कोई नहीं हो सकता था. हालांकि रानी और आदित्य को कभी भी सार्वजनिक स्थान पर साथ में नहीं देखा गया. लेकिन दोनों का प्यार तब सामने आया जब इन्होंने शादी करने का फैसला किया. अब दोनों की एक बेटी अदीरा है.
कुछ टाइम ब्रेक लेने के बाद रानी फिल्म 'हिचकी' में नज़र आईं. वैसे तो रानी की जिंदगी में कई हिचकियां आईं लेकिन हर बार उन्होंने इसे एक चैलेंज समझकर पार किया. बॉलीवुड के हर बड़े एक्टर के साथ रानी की जोड़ी ने पर्दे पर कमाल किया है. आज रानी के जन्मदिन पर हम उन्हें ढ़ेर सारी बधाईयां देंगे और चाहेंगे की वो हमेशा ऐसे ही दर्शकों को अपने काम से एंटरटेन करती रहें.