संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की अज्ञात दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए एक पूर्व भारतीय राजनयिक की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय सलाहकार पैनल बनाया है. उन्होंने गुरुवार को कहा, "मैंने AI के प्रशासन पर एक वैश्विक, बहु-विषयक, बहु-हितधारक बातचीत का आह्वान किया है, ताकि पूरी मानवता को इसका लाभ अधिकतम मिले और जोखिम कम हो जाए."
प्रौद्योगिकी पर महासचिव के दूत और एक अवर महासचिव Amandeep Singh Gill पैनल का नेतृत्व करेंगे. भारतीय विदेश सेवा के सदस्य के रूप में, गिल जिनेवा में निरस्त्रीकरण पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में स्थायी प्रतिनिधि है. "AIकी अविश्वसनीय संभावनाओं और संभावित खतरों " का उदाहरण देते हुए, गुटेरेस ने कहा कि एक AI ऐप ने उन्हें "खुद को त्रुटिहीन चीनी भाषा में भाषण देते हुए देखने का अवास्तविक अनुभव दिया, इस तथ्य के बावजूद कि मैं चीनी नहीं बोलता हूं और होठों की हरकत बिलकुल वैसी ही थी जैसी मैं कह रहा था.”
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#UN Secretary-General #AntonioGuterres has created a high-level advisory panel headed by a former Indian diplomat to meet the challenges of a world hurtling into the unknowns of #ArtificialIntelligence.
— IANS (@ians_india) October 27, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
“I have called for a global, multidisciplinary, multistakeholder… pic.twitter.com/hWozGtCbZQ
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— IANS (@ians_india) October 27, 2023
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UN Secretary General Antonio Guterres ने कहा," यह पहले से ही स्पष्ट है कि AI का दुर्भावनापूर्ण उपयोग संस्थानों में विश्वास को कम कर सकता है, सामाजिक एकजुटता को कमजोर कर सकता है और लोकतंत्र को खतरे में डाल सकता है." United Nations Secretary General ने कहा, "हमारे चुनौतीपूर्ण समय में, एआई मानवता के लिए असाधारण प्रगति को शक्ति प्रदान कर सकता है." Antonio Guterres ने कहा, "अच्छी चीजों के लिए AI की परिवर्तनकारी क्षमता को समझ पाना भी मुश्किल है." Amandeep Singh Gill ने कहा कि पैनल "विभिन्न विषयों से दुनिया भर से विशेषज्ञता, प्रौद्योगिकी की दिशा और हमारे समाजों, हमारी अर्थव्यवस्थाओं और हमारी राजनीति पर इसके प्रभाव पर नवीनतम विशेषज्ञता को एक साथ लाएगा."
"संस्था इस बात पर गौर करेगी कि इन उभरती चुनौतियों के जवाब में आज क्या किया जा रहा है और क्या कमी है, क्या कमियां हैं और मौजूदा प्रयासों को एक साथ बेहतर नेटवर्क में कैसे जोड़ा जा सकता है ताकि हमारे पास अधिक प्रभावी शासन प्रतिक्रिया हो." Antonio Guterres ने प्रतिभाओं को पैनल में शामिल करने के लिए एक व्यापक जाल बिछाया, जिसमें हर महाद्वीप से आए सरकारी अधिकारी और धार्मिक नेता, शिक्षाविद और कार्यकर्ता, और गूगल व सोनी जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों के व्यावसायिक हस्तियां शामिल हैं. आईएसपीआईआरटी फाउंडेशन के सह-संस्थापक शरद शर्मा और भारत से हगिंग फेस की प्रमुख शोधकर्ता नाज़नीन रजनी भी पैनल में हैं.