ETV Bharat / science-and-technology

तमिलनाडु में नटराज की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा

तमिलनाडु में नटराज की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा की विशेष पूजा की गई और औपचारिक रूप से तेलंगाना के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन द्वारा वेल्लोर के लक्ष्मी नारायणी पीदम के ट्रस्टियों को सौंप दी गई.

The tallest statue of Nataraja in the worldEtv Bharat
दुनिया में नटराज की सबसे ऊंची प्रतिमाEtv Bharat
author img

By

Published : Sep 14, 2022, 7:51 AM IST

तंजावुर: वरदराज पिछले 25 वर्षों से कास्ट इन फ्रांस क्रिएटिव चला रहे हैं, जो कुंभकोणम के पास स्वामीमलाई के पास थिम्माकुडी गांव में एक मूर्तिकला स्टूडियो है. ऐसे में वह कुम्भकोणम के निकट कोनेरिराजपुरम मंदिर के लिए लगभग 23 फीट की ऊंचाई पर नटराज की एक विशाल मूर्ति बनाना चाहते थे.

वह भी उन्होंने मुख्य रूप से सिंगल कास्टिंग के साथ काम करना शुरू किया. काम शुरू होने के दस साल बाद करोड़ों रुपये की लागत से काम पूरा हुआ है. यह 15 टन वजनी 23 फीट लंबा और 17 फीट चौड़ा है और मूर्ति में चार भुजा है. इसे ऐसा डिजाइन किया गया है कि इसमें 102 कमल के फूल, 52 शेर और 34 नाग हैं. 12 सितंबर को नटराज की इस विशाल प्रतिमा की प्रदोष संध्या के दौरान शिवनादियारों ने तमिल शैली के अनुसार नंदी वाद्ययंत्र बजाकर और पवित्र जल से भरी पानी की बोतलों को पकड़कर विशेष यज्ञ किए.

ये भी पढ़ें-तमिलनाडु ने फ्रांस के नागरिक के घर से 20 प्राचीन कलाकृतियों को जब्त किया

अंत में, तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उप राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने मुख्य विशेष अतिथि के रूप में पहले अभिषेकम में भाग लिया. इसके बाद डॉ. तमिलिसाई चौधरीराजन ने औपचारिक रूप से मूर्ति को लक्ष्मी नारायणी पीदम के ट्रस्टियों को सौंप दिया.

तंजावुर: वरदराज पिछले 25 वर्षों से कास्ट इन फ्रांस क्रिएटिव चला रहे हैं, जो कुंभकोणम के पास स्वामीमलाई के पास थिम्माकुडी गांव में एक मूर्तिकला स्टूडियो है. ऐसे में वह कुम्भकोणम के निकट कोनेरिराजपुरम मंदिर के लिए लगभग 23 फीट की ऊंचाई पर नटराज की एक विशाल मूर्ति बनाना चाहते थे.

वह भी उन्होंने मुख्य रूप से सिंगल कास्टिंग के साथ काम करना शुरू किया. काम शुरू होने के दस साल बाद करोड़ों रुपये की लागत से काम पूरा हुआ है. यह 15 टन वजनी 23 फीट लंबा और 17 फीट चौड़ा है और मूर्ति में चार भुजा है. इसे ऐसा डिजाइन किया गया है कि इसमें 102 कमल के फूल, 52 शेर और 34 नाग हैं. 12 सितंबर को नटराज की इस विशाल प्रतिमा की प्रदोष संध्या के दौरान शिवनादियारों ने तमिल शैली के अनुसार नंदी वाद्ययंत्र बजाकर और पवित्र जल से भरी पानी की बोतलों को पकड़कर विशेष यज्ञ किए.

ये भी पढ़ें-तमिलनाडु ने फ्रांस के नागरिक के घर से 20 प्राचीन कलाकृतियों को जब्त किया

अंत में, तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उप राज्यपाल डॉ. तमिलिसाई सुंदरराजन ने मुख्य विशेष अतिथि के रूप में पहले अभिषेकम में भाग लिया. इसके बाद डॉ. तमिलिसाई चौधरीराजन ने औपचारिक रूप से मूर्ति को लक्ष्मी नारायणी पीदम के ट्रस्टियों को सौंप दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.