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पांच में से एक स्मार्टफोन यूजर्स में ओवर-डिपेंडेंसी का खतरा

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Published : Mar 14, 2021, 9:01 AM IST

नेशनल इंफॉर्मेशन सोसायटी एजेंसी द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, 20% से अधिक दक्षिण कोरियाई स्मार्टफोन यूजर्स में अपने डिवाइसों पर अधिक आश्रित रहने का खतरा है. सर्वे में उन लोगों को अलग से दिखाया गया है, जिनका अपने स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर कोई कंट्रोल ही नहीं है.

स्मार्टफोन यूजर्स में ओवर-डिपेंडेंसी का खतरा, Smartphone
5 में से एक स्मार्टफोन यूजर्स में ओवर-डिपेंडेंसी का खतरा

सोल: दक्षिण कोरियाई स्मार्टफोन यूजर्स में 20% से अधिक लोगों को अपने डिवाइसों पर अधिक आश्रित रहने का खतरा है. एक हालिया शोध में इसका खुलासा हुआ है.

नेशनल इंफॉर्मेशन सोसायटी एजेंसी द्वारा किए गए एक सर्वे के हवाले से विज्ञान मंत्रालय और आईसीटी ने कहा कि देश के 23.3 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स में अपने डिवाइसों पर अधिक आश्रित रहने का खतरा मंडरा रहा है, जिसमें पिछले साल से 3.3 फीसदी की बढ़त है.

इस सर्वे में देशभर से 15,000 लोगों से उनके स्मार्टफोन यूजेस को लेकर सवाल पूछे गए. इसमें पता चला कि 19.3 फीसदी लोगों पर संभावित खतरा है, जबकि 4 फीसदी लोगों में इसका खतरा काफी ज्यादा है क्योंकि इनका अपने डिवाइसों पर हद से ज्यादा डिपेंडेंसी है.

सर्वे में उन लोगों को अलग से दिखाया गया है, जिनका अपने स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर कोई कंट्रोल ही नहीं है. इनकी जिंदगी और सेहत पर धीरे-धीरे इस खतरे के होने का जोखिम बढ़ता जाता है.

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरदाताओं में से 61 प्रतिशत ने कहा कि इंसान खुद चाहकर ही इस समस्या से मुक्ति पा सकता है, जबकि 21.8 फीसदियों ने कंपनियों और 17.2 फीसदियों ने सरकार को इसके लिए जिम्मेदारी ठहराया.

सोल: दक्षिण कोरियाई स्मार्टफोन यूजर्स में 20% से अधिक लोगों को अपने डिवाइसों पर अधिक आश्रित रहने का खतरा है. एक हालिया शोध में इसका खुलासा हुआ है.

नेशनल इंफॉर्मेशन सोसायटी एजेंसी द्वारा किए गए एक सर्वे के हवाले से विज्ञान मंत्रालय और आईसीटी ने कहा कि देश के 23.3 फीसदी स्मार्टफोन यूजर्स में अपने डिवाइसों पर अधिक आश्रित रहने का खतरा मंडरा रहा है, जिसमें पिछले साल से 3.3 फीसदी की बढ़त है.

इस सर्वे में देशभर से 15,000 लोगों से उनके स्मार्टफोन यूजेस को लेकर सवाल पूछे गए. इसमें पता चला कि 19.3 फीसदी लोगों पर संभावित खतरा है, जबकि 4 फीसदी लोगों में इसका खतरा काफी ज्यादा है क्योंकि इनका अपने डिवाइसों पर हद से ज्यादा डिपेंडेंसी है.

सर्वे में उन लोगों को अलग से दिखाया गया है, जिनका अपने स्मार्टफोन के इस्तेमाल को लेकर कोई कंट्रोल ही नहीं है. इनकी जिंदगी और सेहत पर धीरे-धीरे इस खतरे के होने का जोखिम बढ़ता जाता है.

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तरदाताओं में से 61 प्रतिशत ने कहा कि इंसान खुद चाहकर ही इस समस्या से मुक्ति पा सकता है, जबकि 21.8 फीसदियों ने कंपनियों और 17.2 फीसदियों ने सरकार को इसके लिए जिम्मेदारी ठहराया.

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(इनपुट-आईएएनएस)

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