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एलजी, मित्सुबिशी समेत 19 व्हाइट गुड्स कंपनियों ने पीएलआई योजना के तहत किया आवेदन - एलजी, मित्सुबिशी समेत 19 व्हाइट गुड्स कंपनियों ने पीएलआई योजना के लाभ के लिए किया आवेदन

देश में एयर-कंडीशनर, एसी कलपुर्जों और एलईडी लाइट बनाने वाली 19 कंपनियों ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लाभ के लिए आवेदन किया है. जिससे अनुमान है कि इन क्षेत्रों में लगभग 1500 करोड़ रुपये के नए निवेश होंगे और उत्पादन में 27000 करोड़ रुपये की वृद्धि होगी.

व्हाइट गुड्स कंपनियों
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Published : Apr 27, 2022, 10:50 AM IST

नई दिल्ली : देश में एयर-कंडीशनर, एसी कलपुर्जों और एलईडी लाइट के निर्माण करने वाली 19 कंपनियों ने दूसरे दौर के आवेदनों में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लाभ के लिए आवेदन किया है. इन कंपनियों ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का आश्वासन दिया है. देश में इन उत्पादों के उत्पादन में अगले पांच वर्षों में लगभग 27,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है. इसके साथ ही स्वदेशी घटक निर्माण वर्तमान 15-20% से बढ़कर 75-80 प्रतिशत तक होने का अनुमान है. अधिकारियों के अनुसार इन कंपनियों में एसी कलपुर्जों के लिए 8 कंपनियां और एलईडी लाइट के लिए 11 कंपनियां शामिल हैं. इनसे लगभग 5,500 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है. इन कंपनियों में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, अदानी कॉपर ट्यूब्स, जिंदल पॉली फिल्म्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, विप्रो, ज़ेको एयरकॉन, स्टारियन इंडिया और स्वामीनाथन एंटरप्राइजेज जैसे कुछ सबसे बड़े घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड शामिल हैं क्योंकि उन्होंने एसी घटकों और एलईडी लाइट के निर्माण के लिए आवेदन दिया है.

भारत में कौन सी कंपनियां निर्माण करेंगी? पीएलआई योजना का उद्देश्य उन उपकरणों और घटकों के उत्पादन को बढ़ावा देना है जिसका वर्तमान में पर्याप्त क्षमता में भारत में उत्पादन नहीं हो रहा है. उदाहरण के लिए एयर कंडीशनर कंपनियां तांबे की ट्यूबिंग, कम्प्रेसर, इनडोर और आउटडोर इकाइयों के लिए नियंत्रण असेंबलियों, हीट एक्सचेंजर्स और बीएलडीसी (BLDC) मोटरों का निर्माण करेंगी. इसी तरह एलईडी लाइट के लिए एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर, एलईडी इंजन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर के लिए मेटलाइज्ड फिल्म का निर्माण भारत में किया जाएगा. वर्तमान में इन घटकों को ज्यादातर चीन, ताइवान और अन्य पूर्वी एशियाई देशों जैसे थाईलैंड और वियतनाम से आयात किया जाता है. कुल मिलाकर यह योजना एसी और एलईडी लाइट उद्योग के कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इको-सिस्टम में 7,074 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी. व्हाइट गुड्स सेक्टर के लिए पीएलआई योजना जिसमें फ्रिज, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और घरेलू सामान शामिल हैं, से भारत में एसी और एलईडी के कुल उत्पादन में 1.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है.

पीएलआई योजना क्या है? नवंबर 2020 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश की विनिर्माण क्षमताओं में सुधार के लिए 1,45,980 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के लक्ष्य के साथ 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी थी. निर्यात को बढ़ावा देने के लक्ष्य से साथ 3 नए सेक्टरों को जोड़ा गया है. अप्रैल 2020 में भारत सरकार ने मोबाइल निर्माण और विशेष इलेक्ट्रॉनिक घटकों, विशेष दवा और एपीआई और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के लिए पीएलआई योजनाओं को मंजूरी दी थी.

यह भी पढ़ें-देश में एसी, एलईडी का उत्पादन करने के लिए कई शीर्ष वैश्विक ब्रांड ने भी किए आवेदन

नई दिल्ली : देश में एयर-कंडीशनर, एसी कलपुर्जों और एलईडी लाइट के निर्माण करने वाली 19 कंपनियों ने दूसरे दौर के आवेदनों में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के लाभ के लिए आवेदन किया है. इन कंपनियों ने 1500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश का आश्वासन दिया है. देश में इन उत्पादों के उत्पादन में अगले पांच वर्षों में लगभग 27,000 करोड़ रुपये की वृद्धि होने का अनुमान है. इसके साथ ही स्वदेशी घटक निर्माण वर्तमान 15-20% से बढ़कर 75-80 प्रतिशत तक होने का अनुमान है. अधिकारियों के अनुसार इन कंपनियों में एसी कलपुर्जों के लिए 8 कंपनियां और एलईडी लाइट के लिए 11 कंपनियां शामिल हैं. इनसे लगभग 5,500 प्रत्यक्ष रोजगार सृजन की उम्मीद है. इन कंपनियों में एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स, मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक, अदानी कॉपर ट्यूब्स, जिंदल पॉली फिल्म्स, क्रॉम्पटन ग्रीव्स, विप्रो, ज़ेको एयरकॉन, स्टारियन इंडिया और स्वामीनाथन एंटरप्राइजेज जैसे कुछ सबसे बड़े घरेलू और अंतरराष्ट्रीय ब्रांड शामिल हैं क्योंकि उन्होंने एसी घटकों और एलईडी लाइट के निर्माण के लिए आवेदन दिया है.

भारत में कौन सी कंपनियां निर्माण करेंगी? पीएलआई योजना का उद्देश्य उन उपकरणों और घटकों के उत्पादन को बढ़ावा देना है जिसका वर्तमान में पर्याप्त क्षमता में भारत में उत्पादन नहीं हो रहा है. उदाहरण के लिए एयर कंडीशनर कंपनियां तांबे की ट्यूबिंग, कम्प्रेसर, इनडोर और आउटडोर इकाइयों के लिए नियंत्रण असेंबलियों, हीट एक्सचेंजर्स और बीएलडीसी (BLDC) मोटरों का निर्माण करेंगी. इसी तरह एलईडी लाइट के लिए एलईडी चिप पैकेजिंग, एलईडी ड्राइवर, एलईडी इंजन, एलईडी लाइट मैनेजमेंट सिस्टम और कैपेसिटर के लिए मेटलाइज्ड फिल्म का निर्माण भारत में किया जाएगा. वर्तमान में इन घटकों को ज्यादातर चीन, ताइवान और अन्य पूर्वी एशियाई देशों जैसे थाईलैंड और वियतनाम से आयात किया जाता है. कुल मिलाकर यह योजना एसी और एलईडी लाइट उद्योग के कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग इको-सिस्टम में 7,074 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और विनिर्माण क्षेत्र में लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा करेगी. व्हाइट गुड्स सेक्टर के लिए पीएलआई योजना जिसमें फ्रिज, वाशिंग मशीन, एयर कंडीशनर और घरेलू सामान शामिल हैं, से भारत में एसी और एलईडी के कुल उत्पादन में 1.07 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि होने की उम्मीद है.

पीएलआई योजना क्या है? नवंबर 2020 में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में देश की विनिर्माण क्षमताओं में सुधार के लिए 1,45,980 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के लक्ष्य के साथ 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिए उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना को मंजूरी दी थी. निर्यात को बढ़ावा देने के लक्ष्य से साथ 3 नए सेक्टरों को जोड़ा गया है. अप्रैल 2020 में भारत सरकार ने मोबाइल निर्माण और विशेष इलेक्ट्रॉनिक घटकों, विशेष दवा और एपीआई और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के लिए पीएलआई योजनाओं को मंजूरी दी थी.

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