न्यू साइंटिस्ट, यूकेः वैसे तो गार्डेनिंग करना लगभग सभी को पसंद है, लेकिन यह कोई आसान काम नहीं है. पौधो की देखभाल करना, समय-समय पर उनको पानी देना, न जाने ऐसे कितने काम करने पड़ते हैं. मगर ब्लैक करंट एक ऐसी फसल है, जिसे कम जगह में भी उगाया जा सकता है. इतना ही नहीं ब्लैक करंट की झाड़ की देखरेख करना बहुत आसान है.
इसको चिड़ियों से बचाने के लिए, आपको बस एक गार्डेनिंग नेट और कुछ बास के डंडों की जरूरत पड़ती है.
ब्रिटेन के डंडी विश्वविद्यालय के हैमिलिन जोन्स का कहना है कि जलवायु परिवर्तन का प्रभाव ब्लैक करंट पर देखने को मिल सकता है. सर्दियों के मौसम में ज्यादा ठंड नहीं होने पर, ब्लैक करंट की फसल का विकास प्रभावित होता है. इससे फल का आकार भी छोटा होने की संभावना है.
1960 के बाद से ब्रिटेन में औसत तापमान में लगभग 1°C की बढ़ोतरी हुई है. नतीजा, गर्मियों की तुलना में सर्दियां अधिक गर्म हुई हैं. हालांकि, यह जरुरी नहीं है कि तापमान में जितनी गिरावट हो, उतनी ही पतझड़ भी हो.
इस वर्ष, उत्पादकों ने बेन लॉर्स नामक एक नई किस्म की पहली फसल देखी है. जिसे कम ठंड होने पर भी उगाया जा सकता है.
एग्रीकल्चर एंड हौटीकल्चर डेवलप्मेंट बोर्ड की वेबसाइट से आप यह जानकारी ले सकते हैं कि ठड़ी हवाएं, कब ज्यादा और कब कम चलेंगी. इस जानकारी से आपको ब्लैक करंट की खेती में मदद मिलेगी.
आप घर पर ब्लैक करंट की एक किस्म बेन होप को उगा सकते हैं. यह कम ठंड में भी से उग सकती है. बेन होप, यूके के दक्षिण के बागानों के लिए भी एक आदर्श फसल है.
वहीं दूसरी ओर जिन क्षेत्रों मे अधिक ठंड पड़ती है, आप वहां बेन लॉमोंड जैसी किस्म को बेहतर ढंग से उगा सकते हैं.
ब्लैक करंट को उगाने के लिए, पतझड़ और सर्दियों का मौसम सबसे सही होता है. अगर मिट्टी जमी हुई या बहुत गीली है, तो इसकी खेती करने से बचना चाहिए. ब्लैक करंट को लगाने के 18 महीनों में आप इसकी पहली फसल का आनंद ले सकते हैं.
आमतौर पर, ब्लैक करंट इतने मीठे नहीं होते है कि उन्हे झाड़ से सीधे तोड़कर खाया जा सके. मगर आइसक्रीम या ग्रीक योगर्ट बनाने के लिए इन्हे चीनी के साथ उबाला जा सकता है.
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