नई दिल्ली: वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार ने साल 2021 में 24 प्रतिशत की वृद्धि (Global smartwatch market grows)दर्ज की. इसका मुख्य कारण रहा 100 डॉलर से कम कीमत वाले स्मार्टवॉच की मजबूत मांग. वहीं एप्पल अपनी 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी के साथ अब भी शीर्ष पर काबिज है. यह जानकारी सोमवार को जारी रिपोर्ट में दी गई है. काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसार, 2021 की चौथी तिमाही में 40 मिलियन यूनिट से अधिक का शिपमेंट देखा गया, जो एक तिमाही में अब तक की सबसे बड़ी शिपमेंट है.
इसपर एसोसिएट डायरेक्टर, सुजोंग लिम ने कहा कि, रक्तचाप, ईसीजी और एसपीओ 2 जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी करने की क्षमता के साथ, ये डिवाइस काफी लोकप्रिय हो रहे हैं. अगर ये डिवाइस अधिक सेलुलर कनेक्टिविटी सपोर्ट करने लगें तो लोगों का इनके प्रति आकर्षण और भी अधिक बढ़ जाएगा. रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि तीव्र प्रतिस्पर्धा के कारण एप्पल की बाजार हिस्सेदारी 3 प्रतिशत तक गिर गई. हालांकि, 2021 में आईफोन एसई मॉडल जारी किए बिना भी इसका एएसपी (औसत बिक्री मूल्य) 3 प्रतिशत बढ़ा जिससे एप्पल के पास, कुल बाजार राजस्व का आधा हिस्सा था.
वहीं 2021 में सैमसंग सबसे सफल स्मार्टवॉच ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चर्स (ओईएम) में से एक रहा. साल की तीसरी तिमाही में इसकी ऑन-क्वार्टर ग्रोथ 200 फीसदी से अधिक थी, जिससे ब्रांड ने अब तक के सबसे अच्छे शिपमेंट को रिकॉर्ड किया. रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'इस वृद्धि ने पिछली तिमाही तक मजबूती बरकरार रखी. वहीं गूगल के साथ साझेदारी के माध्यम से वियर ओएस में जाने से ब्रांड के लिए कई मायनों में अच्छा काम हुआ है.' इस दौरान गार्मिन ने भी उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया. कंपनी ने शुरूआत में विमानन और गोताखोरों जैसी विशेष श्रेणियों के लिए उच्च कीमत वाली स्मार्टवॉच पेश करने पर ध्यान केंद्रित किया लेकिन अब यह धीरे-धीरे कीमत और डिजाइन की दृष्टि से आकर्षक उपभोक्ता उत्पादों को लॉन्च करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है.
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इसके परिणामस्वरूप, कंपनी ने साल 2021 में 35 प्रतिशत वृद्धि की वृद्धि दर्ज की और अपनी वैश्विक रैंकिंग को एक स्थान से बढ़ाकर छठा स्थान हासिल किया. 2021 में वैश्विक स्मार्टवॉच बाजार के विकास के पीछे मुख्य कारण भारतीय बाजार का विस्तार रहा. साल 2020 में जहां भारतीय स्मार्टवॉच बाजार का वैश्विक बाजार में केवल 3 प्रतिशत का योगदान था, वहीं साल 2021 में यह चार गुना बढ़ कर करीब 10 प्रतिशत हो गया.
(आईएएनएस)