नई दिल्लीः एक कंपनी में निदेशक के पद पर तैनात शख्स को चीफ अकाउंटेंट की जिम्मेदारी देना मालिक को भारी पड़ गया. आरोपी ने फायदा उठाकर 12.85 करोड़ रुपये की गड़बड़ी कर डाली. कंपनी मालिक को जब इसका पता चला, तो आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में मामला दर्ज कराया. करीब दो साल बाद ईओडब्ल्यू ने आरोपी अनुराग महाजन को गिरफ्तार कर लिया है.
वर्ष 1999 में बनाया गया था निदेशक
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा के अनुसार, शिकायत करने वाली कंपनी ने बताया था कि अनुराग महाजन को सॉफ्टवेयर एवं ट्रेवल कंपनी में बतौर निदेशक तैनात किया था. उन्हें 1999 में निदेशक बनाया गया था. वह निदेशक पद के साथ ही चीफ अकाउंटेंट का काम भी संभाल रहे थे. इस दौरान करीब 12.85 करोड़ रुपये कंपनी के बैंक खाते से निकालकर खुद के बैंक खाते में ट्रांसफर कर लिए. इसके लिए फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया. शिकायत पर वर्ष 2018 में ईओडब्ल्यू ने अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया.
सीए की पढ़ाई कर चुका है आरोपी
ईओडब्ल्यू के अनुसार, आरोपी अनुराग महाजन 12वीं तक राजौरी गार्डन स्थित कैंब्रिज फाउंडेशन स्कूल से पढ़ा हुआ है. उसने रामजस कॉलेज से ग्रेजुएशन की है. इसके अलावा लोधी रोड स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट ऑफ इंडिया से उसने सीए की डिग्री हासिल की है. फिलहाल पुलिस टीम उससे पूछताछ कर रही है.