ETV Bharat / international

मलेशिया के सुल्तान ने संसद को गुमराह करने को लेकर सरकार को लगाई फटकार - Malaysian PM Muhyiddin Yassin

मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह ने असाधारण कदम उठाते हुए संसद को गुमराह करने को लेकर प्रधानमंत्री मुहीद्दीन यासिन की सरकार को फटकार लगाई है. उन्होंने ये नाराजगी कोरोना वायरस संबंधी आपात कदमों की स्थिति को लेकर जाहिर की है.

parliament of malaysia, Sultan of Malaysia Abdullah Sultan Ahmed Shah
मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह
author img

By

Published : Jul 29, 2021, 10:32 PM IST

कुआलालंपुर: मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह (Sultan of Malaysia Abdullah Sultan Ahmed Shah) ने कोरोना वायरस संबंधी आपात कदमों की स्थिति पर संसद को गुमराह करने को लेकर प्रधानमंत्री मुहीद्दीन यासिन की सरकार को फटकार लगाई है. मुहीद्दीन ने जनवरी में आपात स्थिति की घोषणा करने के लिए शाही मंजूरी ली थी, जिससे उन्हें संसद को स्थगित करने और अध्यादेश के जरिए शासन करने की अनुमति मिल गई थी.

इस साल पहली बार सोमवार को संसद (Malaysia Parliament) का सत्र आरंभ हुआ, लेकिन सरकार ने कहा कि पांच दिवसीय विशेष सत्र में सांसदों को सिर्फ महामारी पर जानकारी दी जाएगी और कोई अन्य प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं होगी. सुल्तान ने कानून मंत्री ताकियुद्दीन हसन के सोमवार को संसद में दिये उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया है कि आपातकालीन अध्यादेश एक अगस्त को समाप्ति की अवधि से पहले 21 जुलाई को रद्द कर कर दिया गया था.

सुल्तान ने कहा कि उन्होंने इसे रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी और कानून मंत्री का बयान सांसदों के लिए गलत और भ्रामक है. कहा कि सरकार का हड़बड़ी में उठाया गया यह कदम कानून के शासन के खिलाफ है और राष्ट्र प्रमुख के रूप में सुल्तान के कामकाज और शक्तियों की अनदेखी है. सुल्तान के बयान के फौरन बाद संसद में हंगामा हो गया, विपक्षी सांसदों ने 'राजद्रोह' के आरोप लगाये और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की.

पढ़ें: मलेशिया में सात महीने बाद संसद की बैठक, खत्म होगा आपातकाल

विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम ने कहा कि बयान से स्पष्ट होता है कि मुहीद्दीन नीत मंत्रिमंडल ने शाही संस्था का अपमान किया और ताकियुद्दीन ने सदन में झूठ बोला तथा मलेशिया के नागरिकों को गुमराह किया. सरकार की ओर से इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है और बृहस्पतिवार को संसद का सत्र अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया.

फटकार की घटना अभूतपूर्व

विशेषज्ञों ने कहा है कि यह सुल्तान द्वारा लगाई गई फटकार की अभूतपूर्व घटना है तथा मुहीद्दीन सरकार को और कमजोर करती है जो मार्च 2020 में संसद में सत्ता में आई थी. मुहीद्दीन 2018 के चुनाव में जीत हासिल करने वाली सुधारवादी सरकार के पतन की शुरूआत करने के बाद प्रधानमंत्री बने थे. उनकी बेरसातु पार्टी ने एक अस्थिर गठबंधन किया जिसमें यूनाइटेड मलय नेशनल आर्गेनाइजेशन (यूएनएमओ) शामिल है. गठबंधन में शामिल सबसे बड़ी पार्टी यूएनएमओ बेरसातु का पिछलग्गू बनाये जाने को लेकर नाखुश है और हाल में उसने कहा था कि वह मुहीद्दीन का समर्थन करना बंद कर देगी. हालांकि, यूएनएमओ के कुछ सदस्यों ने फिर भी प्रधानमंत्री का समर्थन किया है.

(एपी)

कुआलालंपुर: मलेशिया के सुल्तान अब्दुल्ला सुल्तान अहमद शाह (Sultan of Malaysia Abdullah Sultan Ahmed Shah) ने कोरोना वायरस संबंधी आपात कदमों की स्थिति पर संसद को गुमराह करने को लेकर प्रधानमंत्री मुहीद्दीन यासिन की सरकार को फटकार लगाई है. मुहीद्दीन ने जनवरी में आपात स्थिति की घोषणा करने के लिए शाही मंजूरी ली थी, जिससे उन्हें संसद को स्थगित करने और अध्यादेश के जरिए शासन करने की अनुमति मिल गई थी.

इस साल पहली बार सोमवार को संसद (Malaysia Parliament) का सत्र आरंभ हुआ, लेकिन सरकार ने कहा कि पांच दिवसीय विशेष सत्र में सांसदों को सिर्फ महामारी पर जानकारी दी जाएगी और कोई अन्य प्रस्ताव पेश करने की अनुमति नहीं होगी. सुल्तान ने कानून मंत्री ताकियुद्दीन हसन के सोमवार को संसद में दिये उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें कहा गया है कि आपातकालीन अध्यादेश एक अगस्त को समाप्ति की अवधि से पहले 21 जुलाई को रद्द कर कर दिया गया था.

सुल्तान ने कहा कि उन्होंने इसे रद्द करने के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी थी और कानून मंत्री का बयान सांसदों के लिए गलत और भ्रामक है. कहा कि सरकार का हड़बड़ी में उठाया गया यह कदम कानून के शासन के खिलाफ है और राष्ट्र प्रमुख के रूप में सुल्तान के कामकाज और शक्तियों की अनदेखी है. सुल्तान के बयान के फौरन बाद संसद में हंगामा हो गया, विपक्षी सांसदों ने 'राजद्रोह' के आरोप लगाये और प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग की.

पढ़ें: मलेशिया में सात महीने बाद संसद की बैठक, खत्म होगा आपातकाल

विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम ने कहा कि बयान से स्पष्ट होता है कि मुहीद्दीन नीत मंत्रिमंडल ने शाही संस्था का अपमान किया और ताकियुद्दीन ने सदन में झूठ बोला तथा मलेशिया के नागरिकों को गुमराह किया. सरकार की ओर से इस पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है और बृहस्पतिवार को संसद का सत्र अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया.

फटकार की घटना अभूतपूर्व

विशेषज्ञों ने कहा है कि यह सुल्तान द्वारा लगाई गई फटकार की अभूतपूर्व घटना है तथा मुहीद्दीन सरकार को और कमजोर करती है जो मार्च 2020 में संसद में सत्ता में आई थी. मुहीद्दीन 2018 के चुनाव में जीत हासिल करने वाली सुधारवादी सरकार के पतन की शुरूआत करने के बाद प्रधानमंत्री बने थे. उनकी बेरसातु पार्टी ने एक अस्थिर गठबंधन किया जिसमें यूनाइटेड मलय नेशनल आर्गेनाइजेशन (यूएनएमओ) शामिल है. गठबंधन में शामिल सबसे बड़ी पार्टी यूएनएमओ बेरसातु का पिछलग्गू बनाये जाने को लेकर नाखुश है और हाल में उसने कहा था कि वह मुहीद्दीन का समर्थन करना बंद कर देगी. हालांकि, यूएनएमओ के कुछ सदस्यों ने फिर भी प्रधानमंत्री का समर्थन किया है.

(एपी)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.