इस्लामाबाद : अमेरिका के एक मीडिया संस्था को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं जिनसे ऐसे संकेत मिलते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान पर इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएसआईएस-के) और अलकायदा जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों के निपटने में सहयोग करने का दबाव बना रहा है.
पाकिस्तान के समाचार पत्र 'द डॉन' ने कहा कि अमेरिका मीडिया संस्था पॉलिटिको में प्रकाशित एक खबर के हवाले से अपनी एक रिपोर्ट में अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अमेरिका और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संदेशों के आदान प्रदान का जिक्र किया है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ये संदेश दिखाते हैं कि बाइडेन प्रशासन अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद पाकिस्तान पर इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आईएसआईएस-के) और अलकायदा जैसे खतरनाक आतंकवादी संगठनों के निपटने में सहयोग करने का लगातार दबाव बना रहा है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पॉलिटिको ने संवेदनशील लेकिन गैर खुफिया संदेश तथा अन्य लिखित दस्तावेज प्राप्त किए हैं.
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रिपोर्ट में आगे कहा गया है पाकिस्तान ने इसके जवाब में कहा है कि अफगानिस्तान छोड़ कर आ रहे लोगों की मदद में भूमिका निभाने के लिए इस्लामाबाद सार्वजनिक तौर पर अधिक मान्यता दिए जाने का हकदार है उसने उन खतरों को नजरअंदाज किया कि तालिबान के शासन से उनके देश पर क्या असर हो सकता है.
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका पाकिस्तान को एक ऐसे देश के तौर पर देखता है जिसका अफगान तालिबान के साथ संबंध है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जिसका सहयोग मददगार साबित हो सकता है. वह परमाणु हथियार संपन्न देश भी है और अमेरिकी अधिकारी उसे पूरी तरह से चीनी प्रभाव में आने और गंवाने को स्वीकार नहीं करेंगा. आपको बता दें कि चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी देश है और अफगानिस्तान में बदल रहे हालात में वह पाकिस्तान के साथ समन्वय में काम कर रहा है.
(पीटीआई-भाषा)