वाशिंगटन : संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार को कहा कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थक है. वाशिंगटन में विदेश विभाग की नियमित प्रेस ब्रीफिंग के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए आधिकारिक प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि जैसा कि हमने लंबे समय से कहा है, हम भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करते हैं. दोनों देश चिंता के मुद्दों पर आपस में बात करें इससे बेहतर कुछ नहीं होगा. लेकिन यह कब और कैसे होगा यह भारत और पाकिस्तान को तय करना है.
1947 में अपनी आजादी के बाद से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों के इतिहास के बावजूद, पाकिस्तान के प्रधान मंत्री ने कहा कि वह मूल्यवान जुड़ाव को बढ़ावा देना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने पड़ोसियों के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है. उन्होंने कहा कि 'पिछले 75 वर्षों में हमने तीन युद्ध लड़े हैं. उससे गरीबी, बेरोजगारी बढ़ी है. युद्ध लोगों की भलाई के लिए संसाधनों की कमी पैदा करता है.
पीएम शरीफ ने कहा और कहा कि वह जानते हैं कि दोनों देश तब तक सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता. हमें शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चाओं के माध्यम से गंभीर मुद्दों को समझा और संबोधित किया जाता है. बता दें कि दोनों देशों के गठन के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के रिश्ते कभी भी सामान्य नहीं रहे. भारत ने सीमा पार आतंकवाद को पाकिस्तान के समर्थन पर बार-बार चिंता जताई है. भारत की ओर से कहा कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते.
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अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर की विशेष स्थिति को समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों [जम्मू-कश्मीर और लद्दाख] में विभाजित करने के भारत सरकार के फैसले के बाद, इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में भारत के राजदूत को निष्कासित करते हुए द्विपक्षीय व्यापार रोक लगा दिया था.
(एएनआई)