लंदन : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को अपने ब्रिटिश समकक्ष ग्रांट शाप्स से मुलाकात की तथा रक्षा सहयोग, सुरक्षा एवं रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर 'सार्थक चर्चा' की.
सिंह 22 साल में ब्रिटेन की यात्रा करने वाले पहले भारतीय रक्षा मंत्री हैं. इससे पहले भारत की ओर से रक्षा मंत्री की ब्रिटेन यात्रा जनवरी 2002 में हुई थी. सिंह ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'ब्रिटेन के रक्षा मंत्री श्री ग्रांट शाप्स के साथ बेहतरीन बैठक हुई. हमने भारत-ब्रिटेन रक्षा संबंधों के पूरे आयाम की समीक्षा की. हमने रक्षा सहयोग, सुरक्षा के साथ ही रक्षा औद्योगिक सहयोग बढ़ाने से संबंधित कई मुद्दों पर उपयोगी चर्चा की.'
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Delighted to visit the Ambedkar Museum in London today.
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Babasaheb Ambedkar strived for a society based on equality and justice. He inspired many generations from his thought provoking ideas and vision. I bow to him for his tremendous contribution. pic.twitter.com/RxOWKK8g5C
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— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 9, 2024
Babasaheb Ambedkar strived for a society based on equality and justice. He inspired many generations from his thought provoking ideas and vision. I bow to him for his tremendous contribution. pic.twitter.com/RxOWKK8g5CDelighted to visit the Ambedkar Museum in London today.
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Babasaheb Ambedkar strived for a society based on equality and justice. He inspired many generations from his thought provoking ideas and vision. I bow to him for his tremendous contribution. pic.twitter.com/RxOWKK8g5C
भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार बैठक में विचारों का उपयोगी आदान-प्रदान हुआ और शाप्स ने इस बात पर बल दिया कि ब्रिटेन और भारत के संबंध लेन-देन पर आधारित नहीं है, बल्कि दोनों देश विभिन्न समानताओं और साझा लक्ष्यों के साथ स्वाभाविक भागीदार हैं.
द्विपक्षीय बैठक के बाद दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए जिनमें से एक समझौता ज्ञापन द्विपक्षीय अंतरराष्ट्रीय कैडेट आदान-प्रदान कार्यक्रम के संचालन से संबंधित है. इसके साथ ही अनुसंधान एवं विकास में रक्षा सहयोग के लिए रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और ब्रिटेन की रक्षा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (डीएसटीएल) के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए.
मंत्रालय ने कहा कि ये दस्तावेज लोगों खासकर युवाओं के बीच आदान-प्रदान और दोनों देशों के रक्षा अनुसंधान सहयोग को गति प्रदान करेंगे. शाप्स ने 'हॉर्स गार्ड्स' परेड में औपचारिक 'गार्ड ऑफ ऑनर' का निरीक्षण करने के लिए व्हाइटहॉल पहुंचे सिंह का स्वागत किया. व्हाइटहॉल ब्रिटिश सरकार का मुख्यालय है. इससे पहले सिंह को हिंदी में विशेष परेड का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया गया.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि भारतीय रक्षा मंत्री सिंह को हिंदी में 'गार्ड ऑफ ऑनर' का निरीक्षण करने के लिए आमंत्रित किया गया. मंत्रालय ने कहा, 'भारत ब्रिटेन के लिए एक समान भागीदार है और यह मित्रता काफी मूल्यवान है, जैसा कि आज का गार्ड ऑफ ऑनर प्रदर्शित करता देता है.' बयान में कहा गया है, 'भारत और ब्रिटेन ऐसी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं जो दोनों देशों के लिए फायदेमंद है. वह साझा दृष्टिकोण हमारे लोगों के बीच गतिशील संबंधों के लिए है...'
मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश रक्षा सलाहकार समूह के तहत एक साथ काम कर रहे हैं. बयान में कहा गया है, 'इस तरह की यात्राओं से हमारी साझा सैन्य क्षमताओं, उद्देश्यों और प्राथमिकताओं के बारे में समझ बढ़ाने में मदद मिलती हैं, जो मजबूत ब्रिटिश-भारत रणनीतिक साझेदारी के लिए महत्वपूर्ण हैं.' इससे पहले, सिंह ने अपने दौरे की शुरुआत मध्य लंदन के टैविस्टॉक चौराहे पर महात्मा गांधी की प्रतिमा पर फूल चढ़ाए.
ब्रिटेन में भारतीय उच्चायुक्त विक्रम दोरईस्वामी और उनके प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के साथ सिंह ने 20वीं सदी के स्मारक पर राष्ट्रपिता को पुष्पांजलि अर्पित की. सिंह बाद में भारतीय संविधान के निर्माता बी.आर. आंबेडकर को श्रद्धांजलि देने के लिए उत्तरी लंदन में आंबेडकर संग्रहालय गए. उन्होंने लंदन में नेसडेन मंदिर के नाम से जाने जाने वाले बीएपीएस स्वामीनारायण मंदिर में पूजा-अर्चना भी की.
सिंह, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), सेवा मुख्यालय, रक्षा विभाग और रक्षा उत्पादन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधिमंडल के साथ तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार रात लंदन पहुंचे. इस दौरान उनके ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात करने और विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ बैठक करने की भी उम्मीद है.