ETV Bharat / international

Israel- Hamas War: हमास से रिहा हुई लिफशिट्ज ने कहा- जिंदगी नरक की तरह गुजरी

हमास द्वारा बंधक बनाए जाने के बाद रिहा की गई इजरायल की 85 वर्षीय योचेवेद लिफशट्ज (Yocheved Lifshitz) ने कहा कि अपहरण के बाद उनकी जिंदगी नरक के समान व्यतीत हुई. Israel Hamas War,Israel Hamas conflict

Yocheved Lifshitz
योचेवेद लिफशिट्ज
author img

By ANI

Published : Oct 24, 2023, 5:43 PM IST

Updated : Oct 24, 2023, 6:11 PM IST

तेल अवीव : इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच हमास ने बंधक बनाई गई दो इजरायली महिलाओं को रिहा कर दिया है. रिहा होने वाली महिलाओं में से एक 85 वर्षीय योचेवेद लिफशिट्ज (Yocheved Lifshitz) ने कहा कि हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किए जाने के बाद आतंकवादी समूह द्वारा उनका अपहरण कर लिए जाने के बाद उनकी जिंदगी नरक की तरह गुजरी.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 85 वर्षीय महिला ने मंगलवार को उस पल को याद किया जब किबुत्ज निर ओज में उनके घर में घुसकर बाइक सवार आतंकवादियों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था. लिफशिट्ज ने कहा कि वह कठिन समय था लेकिन उम्मीद थी कि इससे हम जल्द ही पार पा लेंगे. लिफशिट्ज ने उक्त बातें रिहाई के बाद तेल अवीव के इचिलोव अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के दौरान कही.

उन्होंने आगे कहा, 'जो कुछ हुआ उसकी तस्वीरें मेरे दिमाग में लगातार घूमती रहती हैं. जब वे मुझे ले गए, तो उन्होंने मुझे एक मोटरसाइकिल पर बिठाया, एक तरफ पैर और दूसरी तरफ मेरा सिर बांध दिया, और जब वे खेतों में दौड़ रहे थे तो मैं वहीं पड़ी रही. हमारे दोनों तरफ बाइक थी और एक हमारे पीछे थी.' लिफ़शिट्ज़ ने कहा कि बाइक सवार ने उन्हें डंडे से बेरहमी से पीटा.

उन्होंने कहा कि जब मैं बाइक पर थी तब उन्होंने मेरी घड़ी और आभूषण ले लिए. सबसे पहले, उन्होंने मुझे अबासन अल-कबीरा शहर में रखा, जो कि (किबुत्ज़) बेरी के करीब है. उसके बाद, मुझे नहीं पता वो मुझे कहां ले गए. आखिरकार, हम अंडरग्राउंड हो गए और गीली सुरंगों से कई किलोमीटर तक चले, सुरंगों के मकड़ी के जाल में दो-तीन घंटे तक चले. फिर हम एक बड़े हॉल तक पहुंचे. हम 25 लोगों के एक समूह में थे.' बुजुर्ग महिला ने कहा कि किबुत्ज़ नीर ओज़ से पांच लोग थे, प्रत्येक के लिए एक गार्ड था.

उन्होंने कहा, 'उन्होंने हमसे बात की और हमारे साथ खाना खाया. उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ उसकी राजनीति के बारे में वे बात नहीं करना चाहते. एक डॉक्टर आए और हर दूसरे दिन हमारी जांच की. वे हमारे लिए जरूरी दवाएं लेकर आए. उन्होंने घायलों की अच्छी देखभाल की.' उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति था जिसके हाथ और पैर में चोटें आईं थी, जब वे उसे मोटरसाइकिल पर लेकर आए, तो यह देखकर दिल टूट गया.

उन्होंने यह भी कहा कि बंदी बनाने वाले लोग सफाई को लेकर बहुत सतर्क थे और किसी बीमारी के फैलने की आशंका से चिंतित थे. लिफ़शिट्ज़ ने कहा कि वहाँ एक शौचालय था जिसे वे हर दिन साफ़ करते थे.

बता दें कि हमास ने लिफशिट्ज और 79 वर्षीय नुरिट कूपर को रिहा कर दिया था. रिहा होने के बाद दोनों बुजुर्ग महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों से तेल अलीव के इचिलोव अस्पताल में मिल सकीं. वहीं लिफशिट्ज के पोते डैनियल ने कहा कि लिफशिट्ज की रिहाई के बारे सुना. उसने कहा कि वह बात कर रही हैं, वह चल सकती हैं, वह अपने पोते-पोतियों को गले लगा सकती हैं, यह अविश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि उनकी रिहाई की खबर से खुशी फैल गई है और उम्मीद है कि अन्य लोग भी जल्द ही मुक्त हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें - Hamas Frees Two Israeli Women: हमास ने दो बुजुर्ग इजरायली महिला बंधकों को रिहा किया

तेल अवीव : इजरायल और हमास के बीच चल रही जंग के बीच हमास ने बंधक बनाई गई दो इजरायली महिलाओं को रिहा कर दिया है. रिहा होने वाली महिलाओं में से एक 85 वर्षीय योचेवेद लिफशिट्ज (Yocheved Lifshitz) ने कहा कि हमास द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमला किए जाने के बाद आतंकवादी समूह द्वारा उनका अपहरण कर लिए जाने के बाद उनकी जिंदगी नरक की तरह गुजरी.

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक 85 वर्षीय महिला ने मंगलवार को उस पल को याद किया जब किबुत्ज निर ओज में उनके घर में घुसकर बाइक सवार आतंकवादियों द्वारा उनका अपहरण कर लिया गया था. लिफशिट्ज ने कहा कि वह कठिन समय था लेकिन उम्मीद थी कि इससे हम जल्द ही पार पा लेंगे. लिफशिट्ज ने उक्त बातें रिहाई के बाद तेल अवीव के इचिलोव अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ के दौरान कही.

उन्होंने आगे कहा, 'जो कुछ हुआ उसकी तस्वीरें मेरे दिमाग में लगातार घूमती रहती हैं. जब वे मुझे ले गए, तो उन्होंने मुझे एक मोटरसाइकिल पर बिठाया, एक तरफ पैर और दूसरी तरफ मेरा सिर बांध दिया, और जब वे खेतों में दौड़ रहे थे तो मैं वहीं पड़ी रही. हमारे दोनों तरफ बाइक थी और एक हमारे पीछे थी.' लिफ़शिट्ज़ ने कहा कि बाइक सवार ने उन्हें डंडे से बेरहमी से पीटा.

उन्होंने कहा कि जब मैं बाइक पर थी तब उन्होंने मेरी घड़ी और आभूषण ले लिए. सबसे पहले, उन्होंने मुझे अबासन अल-कबीरा शहर में रखा, जो कि (किबुत्ज़) बेरी के करीब है. उसके बाद, मुझे नहीं पता वो मुझे कहां ले गए. आखिरकार, हम अंडरग्राउंड हो गए और गीली सुरंगों से कई किलोमीटर तक चले, सुरंगों के मकड़ी के जाल में दो-तीन घंटे तक चले. फिर हम एक बड़े हॉल तक पहुंचे. हम 25 लोगों के एक समूह में थे.' बुजुर्ग महिला ने कहा कि किबुत्ज़ नीर ओज़ से पांच लोग थे, प्रत्येक के लिए एक गार्ड था.

उन्होंने कहा, 'उन्होंने हमसे बात की और हमारे साथ खाना खाया. उन्होंने कहा कि जो कुछ हुआ उसकी राजनीति के बारे में वे बात नहीं करना चाहते. एक डॉक्टर आए और हर दूसरे दिन हमारी जांच की. वे हमारे लिए जरूरी दवाएं लेकर आए. उन्होंने घायलों की अच्छी देखभाल की.' उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति था जिसके हाथ और पैर में चोटें आईं थी, जब वे उसे मोटरसाइकिल पर लेकर आए, तो यह देखकर दिल टूट गया.

उन्होंने यह भी कहा कि बंदी बनाने वाले लोग सफाई को लेकर बहुत सतर्क थे और किसी बीमारी के फैलने की आशंका से चिंतित थे. लिफ़शिट्ज़ ने कहा कि वहाँ एक शौचालय था जिसे वे हर दिन साफ़ करते थे.

बता दें कि हमास ने लिफशिट्ज और 79 वर्षीय नुरिट कूपर को रिहा कर दिया था. रिहा होने के बाद दोनों बुजुर्ग महिलाएं अपने परिवार के सदस्यों से तेल अलीव के इचिलोव अस्पताल में मिल सकीं. वहीं लिफशिट्ज के पोते डैनियल ने कहा कि लिफशिट्ज की रिहाई के बारे सुना. उसने कहा कि वह बात कर रही हैं, वह चल सकती हैं, वह अपने पोते-पोतियों को गले लगा सकती हैं, यह अविश्वसनीय है. उन्होंने कहा कि उनकी रिहाई की खबर से खुशी फैल गई है और उम्मीद है कि अन्य लोग भी जल्द ही मुक्त हो जाएंगे.

ये भी पढ़ें - Hamas Frees Two Israeli Women: हमास ने दो बुजुर्ग इजरायली महिला बंधकों को रिहा किया

Last Updated : Oct 24, 2023, 6:11 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.