वाशिंगटन: अमेरिका (America) में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी (Democratic Party) के चार भारतीय-अमेरिकी नेता बुधवार को अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के लिए निर्वाचित हुए और कई अन्य ने देशभर में मध्यावधि चुनाव में प्रांतीय विधानमंडलों के लिए जीत हासिल की. अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (The House Of Representatives) के लिए निर्वाचित भारतीय मूल के नेताओं में राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल शामिल हैं. भारतीय-अमेरिकी उद्यमी से नेता बने एवं डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंधित श्री थानेदार रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार मार्टेल बिविंग्स को मात देते हुए मिशिगन से कांग्रेस (संसद) का चुनाव जीतने वाले पहले भारतीय अमेरिकी बने.
थानेदार (67 वर्ष) वर्तमान में मिशिगन हाउस में तीसरे जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं. इलिनॉइस के आठवें कांग्रेस जिले में 49 वर्षीय राजा कृष्णमूर्ति लगातार चौथे कार्यकाल के लिए फिर से निर्वाचित हुए. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार क्रिस डार्गिस को हराया. सिलिकॉन वैली में, भारतीय-अमेरिकी रो खन्ना (46) ने कैलिफोर्निया के 17वें कांग्रेस जिले में रिपब्लिकन पार्टी उम्मीदवार रितेश टंडन को हराया. प्रतिनिधिसभा में एकमात्र भारतीय-अमेरिकी महिला सांसद, चेन्नई में जन्मी प्रमिला जयपाल ने वाशिंगटन प्रांत के 7वें कांग्रेस जिले में अपने प्रतिद्वंद्वी क्लिफ मून को हराया.
खन्ना, कृष्णमूर्ति और जयपाल लगातार चौथे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़ रहे थे. भारतीय-अमेरिकी नेताओं में सबसे वरिष्ठ, अमी बेरा (57) कैलिफोर्निया के 7वें कांग्रेस जिले से प्रतिनिधि सभा में छठे कार्यकाल के लिए चुनाव लड़े हैं. चुनाव परिणाम की घोषणा होनी अभी बाकी है. भारतीय-अमेरिकी उम्मीदवारों ने प्रांतीय विधानमंडलों में भी सीटों पर कब्जा जमाया. मैरीलैंड में, अरुणा मिलर ने लेफ्टिनेंट गवर्नर की दौड़ जीतने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी नेता बनकर इतिहास रचा. हालांकि, भारतीय-अमेरिकी संदीप श्रीवास्तव टेक्सास के तीसरे कांग्रेस जिले से कॉलिन काउंटी के पूर्व न्यायाधीश कीथ सेल्फ से हार गए.
डेमोक्रेटिक पार्टी का चौंकाने वाला प्रदर्शन
अमेरिकी संसद पर किसका नियंत्रण होगा इसे लेकर बुधवार तड़के तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई और रिपब्लिकन पार्टी की उम्मीदों को झटका देते हुए डेमोक्रेटिक पार्टी ने कई जगहों पर कड़े मुकाबले में आश्चर्यजनक रूप से ताकत दिखाई. पार्टी के इस प्रदर्शन ने उन अटकलों को भी खारिज कर दिया, जिनमें कहा जा रहा था कि मुद्रास्फीति की ऊंची दर और राष्ट्रपति जो बाइडन की घटती लोकप्रियता से चुनावों में पार्टी को नुकसान होगा.
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डेमोक्रेट्स के लिए सबसे खुशी देने वाली खबरों में, जॉन फेट्टरमैन ने रिपब्लिकन-नियंत्रित सीनेट सीट पर बाजी पलट दी. यह सदन पर नियंत्रण बनाए रखने की पार्टी की उम्मीदों की कुंजी है. विस्कॉन्सिन, नेवाडा, जॉर्जिया और एरिजोना में महत्वपूर्ण सीनेट सीटों के लिए कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी, जो बहुमत का निर्धारण कर सकती हैं. इस बीच, प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेट्स ने वर्जीनिया से कन्सास से लेकर रोड आइलैंड तक के जिलों में सीटें बरकरार रखीं, जबकि न्यूयॉर्क और कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में कई जिलों में स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है.
(पीटीआई-भाषा इनपुट)