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Racial Discrimination Issue In North America : सिएटल में जातिगत भेदभाव को प्रतिबंधित किए जाने के बाद टोरंटो में भी यह मुद्दा गरमाया

टोरंटो में जातिगत भेदभाव को प्रतिबंधित करने को लेकर लोगों की राय दो हिस्सों में बटी हुई है. कुछ लोग सिएटल की तरह ही टोरंटो में भी जातिगत भेदभाव को प्रतिबंधित करने के पक्ष में हैं. वहीं कुछ लोगों की राय इससे अलग है. उनका मानना है कि ऐसे किसी भी प्रतिबंध की आवश्यकता नहीं है.

Racial Discrimination Issue In North America
प्रतिकात्मक तस्वीर
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Published : Mar 11, 2023, 11:25 AM IST

वाशिंगटन : सिएटल में जाति आधारित भेदभाव को प्रतिबंधित किए जाने के बाद अब कनाडा के टोरंटो में भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है. जहां एक धड़ा जातिगत भेदभाव का विरोध कर रहा है, लेकिन दूसरा धड़ा इस प्रकार के प्रतिबंध के खिलाफ है. सिएटल पिछले महीने जाति आधारित भेदभाव को प्रतिबंधित करने वाला अमेरिका का पहला शहर बन गया. भारतीय अमेरिकी नेता क्षमा सावंत ने सिएटल सिटी काउंसिल में भेदभाव न करने की नीति में जाति को शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे पारित कर दिया गया है.

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उच्च जाति की हिंदू नेता सावंत के प्रस्ताव को सिएटल के सदन यानी सिटी काउंसिल में एक के मुकाबले छह मतों से पारित किया गया. अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव के मामले पर इस मत परिणाम के दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं. जातिगत भेदभाव संबंधी प्रस्ताव को टोरंटो जिला स्कूल बोर्ड (टीडीएसबी) के सामने विचार-विमर्श के लिए रखा गया, लेकिन बोर्ड ने आठ मार्च को इसे ओंटारियो मानवाधिकार आयोग के पास समीक्षा के लिए भेज दिया। बोर्ड ने कहा कि उसे इस मामले में विशेषज्ञता प्राप्त नहीं है.

पढ़ें : Arrest warrant suspended : बलूचिस्तान हाईकोर्ट ने इमरान के खिलाफ गैर ज़मानती वारंट पर लगाई रोक

सिएटल की सिटी काउंसलर सावंत ने टीडीएसबी सदस्यों को लिखे एक पत्र में कहा कि इस प्रस्ताव पर यदि 'हां' में जवाब आता है, तो यह टोरंटो में सभी स्कूली छात्रों के हित में होगा. छात्र शैक्षणिक माहौल में कई प्रकार से जातिगत भेदभाव का अनुभव कर सकते हैं. उन्हें जातिवादी अपशब्दों, सामाजिक और ऑनलाइन परिवेश में भेदभाव आदि का सामना करना पड़ सकता है. दूसरी ओर, इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे 'कोलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका' (सीओएचएनए) ने कहा कि किसी एक समुदाय को चिह्नित किए जाने के कारण कनाडाई दक्षिण एशियाई समुदाय इसका कड़ा विरोध कर रहा है.

पढ़ें : Several Dead In Shooting In Germany : जर्मन चर्च में गोलीबारी में 7 की मौत, कई घायल

मीडिया में यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि सीओएचएनए कनाडा की मदद से समुदाय के लोगों ने बोर्ड के न्यासियों को 21,000 से अधिक ईमेल भेजे और कई फोन कॉल किए. नॉर्थ यॉर्क में भी टीडीएसबी कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया.

पढ़ें : Nikki Haley Slams Biden : बाइडेन बेहद समाजवादी राष्ट्रपति हैं : निक्की हैली

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन : सिएटल में जाति आधारित भेदभाव को प्रतिबंधित किए जाने के बाद अब कनाडा के टोरंटो में भी यह मुद्दा गरमाया हुआ है. जहां एक धड़ा जातिगत भेदभाव का विरोध कर रहा है, लेकिन दूसरा धड़ा इस प्रकार के प्रतिबंध के खिलाफ है. सिएटल पिछले महीने जाति आधारित भेदभाव को प्रतिबंधित करने वाला अमेरिका का पहला शहर बन गया. भारतीय अमेरिकी नेता क्षमा सावंत ने सिएटल सिटी काउंसिल में भेदभाव न करने की नीति में जाति को शामिल करने के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था, जिसे पारित कर दिया गया है.

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उच्च जाति की हिंदू नेता सावंत के प्रस्ताव को सिएटल के सदन यानी सिटी काउंसिल में एक के मुकाबले छह मतों से पारित किया गया. अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव के मामले पर इस मत परिणाम के दूरगामी प्रभाव पड़ सकते हैं. जातिगत भेदभाव संबंधी प्रस्ताव को टोरंटो जिला स्कूल बोर्ड (टीडीएसबी) के सामने विचार-विमर्श के लिए रखा गया, लेकिन बोर्ड ने आठ मार्च को इसे ओंटारियो मानवाधिकार आयोग के पास समीक्षा के लिए भेज दिया। बोर्ड ने कहा कि उसे इस मामले में विशेषज्ञता प्राप्त नहीं है.

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सिएटल की सिटी काउंसलर सावंत ने टीडीएसबी सदस्यों को लिखे एक पत्र में कहा कि इस प्रस्ताव पर यदि 'हां' में जवाब आता है, तो यह टोरंटो में सभी स्कूली छात्रों के हित में होगा. छात्र शैक्षणिक माहौल में कई प्रकार से जातिगत भेदभाव का अनुभव कर सकते हैं. उन्हें जातिवादी अपशब्दों, सामाजिक और ऑनलाइन परिवेश में भेदभाव आदि का सामना करना पड़ सकता है. दूसरी ओर, इस प्रस्ताव का विरोध कर रहे 'कोलिशन ऑफ हिंदूज ऑफ नॉर्थ अमेरिका' (सीओएचएनए) ने कहा कि किसी एक समुदाय को चिह्नित किए जाने के कारण कनाडाई दक्षिण एशियाई समुदाय इसका कड़ा विरोध कर रहा है.

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मीडिया में यहां जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि सीओएचएनए कनाडा की मदद से समुदाय के लोगों ने बोर्ड के न्यासियों को 21,000 से अधिक ईमेल भेजे और कई फोन कॉल किए. नॉर्थ यॉर्क में भी टीडीएसबी कार्यालय के बाहर प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया.

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(पीटीआई-भाषा)

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