लंदन : स्कॉटलैंड यार्ड की प्रमुख क्रेसिडा डिक ने अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की हिरासत में मौत के विरोध में ‘ब्लैक लाइव मैटर’ प्रदर्शन के दौरान मध्य लंदन में हुई हिंसा में 14 मेट्रोपोलिटिन पुलिस अधिकारियों के घायल होने के बाद रविवार को प्रदर्शनकारियों से संयम बरतने की अपील की.
फ्लॉयड की 25 मई को अमेरिका के मिनियापोलिस में मौत हो गई थी. जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी डेरेक चाउविन ने उसे जमीन पर गिराकर अपना घुटना उसकी गर्दन पर आठ मिनट से ज्यादा समय तक दबाए रखा. इस दौरान 46 वर्षीय फ्लॉयड सांस लेने के लिए छटपटाता रहा. पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है. वहीं फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका और कई अन्य देशों में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.
ब्रिटेन में लॉकडाउन का उल्लंघन करते हुए हजारों की संख्या में लोग जॉर्ज फ्लॉयड के लिए न्याय के प्रदर्शन में शामिल हुए. इन लोगों ने हाथों में तख्तियां ले रखी थीं, जिन पर लिखा था- कोविड-19 से भी एक बड़ा वायरस है और इसे नस्लवाद कहते हैं. ये लोग अमेरिका में फ्लॉयड को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये इसमें शामिल हुए है.
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लंदन में डाउनिंग स्ट्रीट के सामने हो रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया और वहां मौजूद कुछ समूहों ने ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों पर वस्तुएं फेंकनी शुरू कर दीं. इस दौरान महिला अधिकारी समेत 14 मेट्रोपोलिटिन पुलिस अधिकारियों को चोटें आईं. महिला अधिकारी अपने घोड़े से गिर गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. उसकी हालत हालांकि खतरे से बाहर है.
मेट्रोपोलिटिन पुलिस आयुक्त डिक ने एक बयान में कहा, 'मैं इस बात से बेहद दुखी और निराश हूं कि कुछ प्रदर्शनकारी शनिवार शाम मध्य लंदन में अधिकारियों के प्रति हिंसक हो गए. इस घटना में 14 अधिकारी जख्मी हो गए जबकि इसी हफ्ते इससे पहले हुए प्रदर्शन के दौरान भी 13 पुलिसकर्मी घायल हुए थे.'
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उन्होंने कहा, 'हमलों की संख्या चौंकाने वाली है और पूरी तरह से अस्वीकार्य है. आयुक्त डिक ने प्रदर्शनकारियों से अनुरोध किया है कि वह अपनी आवाज को सुनाने के लिए कोई दूसरा तरीका अपनाएं. जिसमें लंदन की सड़कों पर उतरने की जरूरत न पड़े. अपना और अपने परिवार का और अधिकारियों का जीवन जोखिम में न डालना पड़े क्योंकि हम लगातार इस खतरनाक वायरस का सामना कर रहे हैं.'
ब्रिटेन के गृह मंत्री प्रीति पटेल ने प्रदर्शनकारियों से कहा कि सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन न करें. उन्होंने कहा था कि हिंसा स्वीकार नहीं की जाएगी.