मॉस्को : अमेरिका-चीन के संबंध लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. इस बीच रूस ने भी चीन पर जासूसी करने का आरोप लगाया है.
रूसी खुफिया अधिकारियों ने सेंट पीटर्सबर्ग आर्कटिक सोशल साइंसेज एकेडमी के अध्यक्ष वालेरी मिट्को को चीनी खुफिया एजेंसी को टॉप सीक्रेट फाइल सौंपने का दोषी पाया है. जांच के दौरान रूसी अधिकारियों को पता चला कि मिट्को ने यह जानकारी अपनी चीन यात्रा के दौरान दी थी.
रूस लौटने के बाद मिट्को के अपार्टमेंट की तलाशी ली गई, जिसके बाद उसके ऊपर देशद्रोह का आरोप लगाया गया है. वहीं मिट्को के वकील इवान पावलोव ने कहा है कि उसके ऊपर लगाया गया आरोप बेगुनियाद है और मिट्को ने इसे खारिज किया है. आरोपी को लेनिनग्राद में स्थित उसके अपार्टमेंट में नजरबंद कर दिया गया है.
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मामले से परिचित सूत्र ने कहा कि मिट्को ने चीन को हाइड्रो एक्टैक्टिक्स और पनडुब्बी का पता लगाने के तरीकों पर अनुसंधान के बारे में जानकारी दी.
टास ने बताया कि मिट्को तकनीकी विज्ञान का डॉक्टर है, जो सेंट पीटर्सबर्ग एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग, रूसी एकेडमी ऑफ नेचुरल साइंसेज के सदस्य और आर्कटिक सोशल साइंसेज एकेडमी के अध्यक्ष हैं.
चीन ने पिछले कुछ वर्षों में अपनी जासूसी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. यहां तक कि उस पर ऑस्ट्रेलिया में भी राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया है.
गत वर्ष नवंबर में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने उन रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की थी, जिनमें बीजिंग ने ऑस्ट्रेलियाई संसद के लिए एक एजेंट का चुनाव करने का प्रयास किया था.