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साइप्रस की शीर्ष अदालत में ब्रिटिश महिला के रेप के झूठे दावों पर सजा को लेकर सुनवाई

ब्रिटिश वकील लीविस पावर ने कहा कि महिला उस वक्त 19 साल की थी और तनाव से गुजर रही थी तथा उस पर 'अविश्वसनीय' तौर पर पलटने के लिये दबाव डाला गया था.

ब्रिटिश नागरिक
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Published : Sep 16, 2021, 8:07 PM IST

निकोसिया : साइप्रस में छुट्टी बिताने के दौरान 2019 में करीब एक दर्जन इजराइली नागरिकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने का झूठा दावा करने वाली एक ब्रिटिश महिला को मिली साढ़े चार महीने कैद की सजा के खिलाफ उसके वकीलों ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है. याचिकाकर्ता ने सजा रद्द करने का अनुरोध किया है.

महिला की तरफ से गुरुवार को सुनवाई के दौरान पेश हुए एक विधिवेत्ताओं के दल ने दलील दी कि निचली अदालत को महिला के दुष्कर्म के दावे से पलटने वाले लिखित बयान को साक्ष्य के तौर पर स्वीकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि महिला को सात घंटों तक पुलिस थाने में बिना वकील या दुभाषिये की मौजूदगी में रखने के बाद इसे हासिल किया गया था.

ब्रिटिश वकील लीविस पावर ने कहा कि महिला उस वक्त 19 साल की थी और तनाव से गुजर रही थी तथा उस पर 'अविश्वसनीय' तौर पर पलटने के लिये दबाव डाला गया था.

इसके अलावा, टीम ने कहा कि निचली अदालत के 'अभद्र' न्यायाधीश महिला को 'निष्पक्ष सुनवाई' प्रदान करने में विफल रहे, क्योंकि उन्होंने बचाव पक्ष के वकीलों को महिला के दावों का समर्थन करने वाले सबूत पेश करने का मौका नहीं दिया.

मुख्य अभियोजक एडमोस डेमोस्थेनस ने हालांकि 'द एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि सरकार 'मूल निर्णय की शुद्धता का समर्थन करेगी' और इसके साथ खड़ी है.

यह भी पढ़ें- हैती के राष्ट्रपति की हत्या के मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध

महिला ने कहा था कि जुलाई 2019 में एक तटीय रिसॉर्ट शहर के एक होटल के कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया गया था और पुलिस पूछताछ के दौरान 10 दिन बाद उसे बयान वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था. इसके बाद 15-20 वर्ष की आयु के सभी इजराइलियों को तब रिहा कर दिया गया और उन्हें घर लौटने की अनुमति दे दी गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

निकोसिया : साइप्रस में छुट्टी बिताने के दौरान 2019 में करीब एक दर्जन इजराइली नागरिकों द्वारा सामूहिक दुष्कर्म करने का झूठा दावा करने वाली एक ब्रिटिश महिला को मिली साढ़े चार महीने कैद की सजा के खिलाफ उसके वकीलों ने देश के सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है. याचिकाकर्ता ने सजा रद्द करने का अनुरोध किया है.

महिला की तरफ से गुरुवार को सुनवाई के दौरान पेश हुए एक विधिवेत्ताओं के दल ने दलील दी कि निचली अदालत को महिला के दुष्कर्म के दावे से पलटने वाले लिखित बयान को साक्ष्य के तौर पर स्वीकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि महिला को सात घंटों तक पुलिस थाने में बिना वकील या दुभाषिये की मौजूदगी में रखने के बाद इसे हासिल किया गया था.

ब्रिटिश वकील लीविस पावर ने कहा कि महिला उस वक्त 19 साल की थी और तनाव से गुजर रही थी तथा उस पर 'अविश्वसनीय' तौर पर पलटने के लिये दबाव डाला गया था.

इसके अलावा, टीम ने कहा कि निचली अदालत के 'अभद्र' न्यायाधीश महिला को 'निष्पक्ष सुनवाई' प्रदान करने में विफल रहे, क्योंकि उन्होंने बचाव पक्ष के वकीलों को महिला के दावों का समर्थन करने वाले सबूत पेश करने का मौका नहीं दिया.

मुख्य अभियोजक एडमोस डेमोस्थेनस ने हालांकि 'द एसोसिएटेड प्रेस' को बताया कि सरकार 'मूल निर्णय की शुद्धता का समर्थन करेगी' और इसके साथ खड़ी है.

यह भी पढ़ें- हैती के राष्ट्रपति की हत्या के मामले में प्रधानमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने का अनुरोध

महिला ने कहा था कि जुलाई 2019 में एक तटीय रिसॉर्ट शहर के एक होटल के कमरे में उसके साथ दुष्कर्म किया गया था और पुलिस पूछताछ के दौरान 10 दिन बाद उसे बयान वापस लेने के लिए मजबूर किया गया था. इसके बाद 15-20 वर्ष की आयु के सभी इजराइलियों को तब रिहा कर दिया गया और उन्हें घर लौटने की अनुमति दे दी गई थी.

(पीटीआई-भाषा)

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