लंदन : ब्रिटेन में अभियान चलाने वाले कुछ लोगों ने भविष्य में एक स्मारक सिक्के पर महात्मा गांधी को चित्रित किये जाने संबंधी हाल में आई खबरों से पैदा हुए भ्रम को मंगलवार को दूर करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इसे गलती से ब्रिटेन की मुद्रा पर जातीय अल्पसंख्यकों को प्रतिनिधित्व दिये जाने के एक अलग अभियान से जोड़ा गया.
ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की कि गांधी के लिए स्मारक सिक्के पर अक्टूबर 2019 से काम चल रहा है, जब पूर्व चांसलर साजिद जाविद ने भारत के राष्ट्रपिता की 150वीं जयंती मनाने के लिए इसका प्रस्ताव पेश किया था. हालांकि, ब्रिटेन की मुद्रा पर जातीय अल्पसंख्यकों को व्यापक प्रतिनिधित्व दिये जाने के एक अलग अभियान से यह किसी भी प्रकार से जुड़ा नहीं है.
'वी टू बिल्ट ब्रिटेन' अभियान के प्रमुख ज़ेहरा ज़ैदी ने कहा,' वैध मुद्रा ऐसे लोगों के सम्मान के लिए है जिन्होंने ब्रिटेन के समाज, संस्कृति अथवा अर्थव्यवस्था में योगदान दिया हो, न की किसी वैश्विक हस्ती को. मिसाल के तौर पर जब हमारे पास जीबीपी 5 की मुद्रा पर चर्चिल की तस्वीर है, आपके पास जेएफके अथवा मंडेला जैसे वैश्विक नेताओं के लिए कोई सुझाव नहीं है. हमने मुद्रा पर जातीय अल्पसंख्यकों के प्रतिनिधित्व के लिए 400 वर्ष इंतजार किया है. '
इस अभियान को सप्ताहांत में वित्त मंत्री ऋषि सुनक का समर्थन मिला था.
सुनक ने इस बात का खुलासा किया कि उन्होंने शाही टकसाल को यह विचार करने के लिए पत्र लिखा था कि ब्रिटेन के सिक्के पर जगह देकर जातीय अल्पसंख्यकों के योगदान का जश्न कैसे मनाया जाए.
उन्होंने कहा,'मुझे पता है कि जेहरा जैदी, पैट्रिक वेरनोन और कई अन्य लोग बीएएमई (काले, एशियाई और जातीय अल्पसंख्यक) लोगों के लिए वर्षों से अभियान चला रहे हैं.
जैदी ने कहा कि गांधी पर स्मारक सिक्का जारी करने को लेकर शाही टकसाल विचार कर रहा है, लेकिन सुनक का पत्र खासतौर पर ब्रिटिश ऐतिहासिक हस्तियों का सम्मान करने के लिए ‘राष्ट्र की सेवा’ श्रेणी के तहत सिक्कों के लिए उनके अभियान से संबंधित है. उन्होंने कहा कि अब उनका अभियान सैन्य संघर्षों की नायिकाओं को सम्मानित करने की दिशा में जोर पकड़ रहा है. सुनक के पिछले सप्ताह औपचारिक रूप से हस्तक्षेप करने के बाद से भारतीय मूल की ब्रिटिश जासूस नूर इनायत खान और क्रीमिया युद्ध की नायिका ब्रिटिश जमैकन मैरी सीकोल सबसे प्रबल दावेदारों में से एक हैं.
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भारतीय मूल के कार्यकर्ता और राजनीतिक जैदी ने कहा,' हमारे अभियान के लिए हमारा ध्यान ब्रिटिश इतिहास की हस्तियों के इर्द-गिर्द एकजुट करना है. एकता अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से जब हम ऑनलाइन कुछ मतभेदों को देखते हैं, जिस विभाजन का हमने ब्रेक्जिट के बाद सामना किया. आइए अपने योगदानों को स्वीकार करते हुए सकारात्मक रूप से आगे बढ़ें. '
अन्य लोगों ने भी उस गलत धारणा को दूर करने की मांग की है कि गांधी ब्रिटेन में एक विशेष सिक्के पर जगह पाने वाले पहले जातीय अल्पसंख्यक व्यक्ति होंगे.