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विश्वस्तर पर भारत की तारीफ, यूरोपीय थिंक टैंक ने लॉकडाउन को बताया अहम - भारत में लॉकडाउन की सराहना

यूरोपीय थिंकटैंक ने भारत में लॉकडाउन की सराहना करते हुए इसे कोरोना से लड़ाई में जरूरी बताया है. इस संबंध में ईएफएसएएस निदेशक ने कहा कि भारत ने सीमाओं को बंद करने का फैसला पहले ही ले लिया था. पढ़ें विस्तार से...

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भारत में लॉकडाउन
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Published : Mar 31, 2020, 12:50 PM IST

एम्सटर्डम (नीदरलैंड) : कोरोना वायरस से निबटने के लिए पीएम द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की दुनियाभर में सराहना हो रही है. इसी क्रम में यूरोपीय थिंक-टैंक ने भारत में लगे देशव्यापी लॉकडाउन को कोरोना से लड़ाई में जरूरी बताकर भारत की तारीफ की है.

एम्स्टर्डम आधारित थिंक-टैंक, यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने कहा कि 130 करोड़ लोगों की जनसंख्या वाले देश में लॉकडाउन लगाना बिल्कुल भी आसान नहीं है.

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में, जहां विशाल जनसंख्या है, वहां सोशल डिस्टेंसिग को लागू करना अपने आप में एक मिसाल है.

इस संबंध में ईएफएसएएस के निदेशक जुनैद कुरैशी ने कहा कि मेरी राय में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने में लॉकडाउन एक बहुत अच्छा और बेहद महत्वपूर्ण कदम है, जबकि यूरोपीय देशों सहित कई देशों ने महामारी में बढ़ोतरी के बावजूद भी इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने में देरी कर दी.

उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी सीमाओं को बंद करने और लॉकडाउन का फैसला इन सबसे पहले ही ले लिया था.

पढ़ें : देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सुधर रहे हालात : सरकार

आपको बता दें, इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 144,280 है, जबकि इटली में 97,687 और चीन में 81,195 है.

हालांकि भारत में 1,251 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

ईएफएसएएस का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदम देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे. लेकिन इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं था.

ईएफएसएएस निदेशक ने यह भी कहा कि यह अफसोस की बात है कि पाकिस्तान ने अनावश्यक रूप से इस तरह की घटना का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है.

एम्सटर्डम (नीदरलैंड) : कोरोना वायरस से निबटने के लिए पीएम द्वारा लगाए गए लॉकडाउन की दुनियाभर में सराहना हो रही है. इसी क्रम में यूरोपीय थिंक-टैंक ने भारत में लगे देशव्यापी लॉकडाउन को कोरोना से लड़ाई में जरूरी बताकर भारत की तारीफ की है.

एम्स्टर्डम आधारित थिंक-टैंक, यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज ने कहा कि 130 करोड़ लोगों की जनसंख्या वाले देश में लॉकडाउन लगाना बिल्कुल भी आसान नहीं है.

उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में, जहां विशाल जनसंख्या है, वहां सोशल डिस्टेंसिग को लागू करना अपने आप में एक मिसाल है.

इस संबंध में ईएफएसएएस के निदेशक जुनैद कुरैशी ने कहा कि मेरी राय में कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने में लॉकडाउन एक बहुत अच्छा और बेहद महत्वपूर्ण कदम है, जबकि यूरोपीय देशों सहित कई देशों ने महामारी में बढ़ोतरी के बावजूद भी इसके प्रसार को रोकने के लिए कड़े फैसले लेने में देरी कर दी.

उन्होंने कहा कि भारत ने अपनी सीमाओं को बंद करने और लॉकडाउन का फैसला इन सबसे पहले ही ले लिया था.

पढ़ें : देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से सुधर रहे हालात : सरकार

आपको बता दें, इस रिपोर्ट के दाखिल होने तक, संयुक्त राज्य अमेरिका में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या 144,280 है, जबकि इटली में 97,687 और चीन में 81,195 है.

हालांकि भारत में 1,251 मामलों की पुष्टि हो चुकी है.

ईएफएसएएस का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदम देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करेंगे. लेकिन इसके अलावा कोई और विकल्प नहीं था.

ईएफएसएएस निदेशक ने यह भी कहा कि यह अफसोस की बात है कि पाकिस्तान ने अनावश्यक रूप से इस तरह की घटना का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है.

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