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भारत और वियतनाम के बीच मजबूत हुए मैत्रीपूर्ण संबंध : उप राष्ट्रपति नायडू

उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू वियतनाम की यात्रा पर थे. इस दौरान वह संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस में भी शामिल हुए. नायडू ने कहा कि दो देशों के बीच संघर्ष की मूल वजह नफरत के विचार में और व्यक्तिगत सोच में है.

उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू
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Published : May 12, 2019, 9:07 PM IST

Updated : May 12, 2019, 10:13 PM IST

हनोई : वियतनाम में वेसाक समारोह के 16वें संयुक्त राष्ट्र दिवस पर उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बौद्ध और हिंदू धर्म के बंधनों से भारत और वियतनाम के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत हुए हैं.

दरअसल उप राष्ट्रपति नायडू इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश की चार दिवसीय यात्रा पर आए थे और रविवार को उनकी यात्रा संपन्न हो गई. इस यात्रा के अंतिम चरण में वह वेसाक दिवस में शामिल हुए.

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ट्वीट की तस्वीर.

गौरतलब है कि 'वेसाक' भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान और परिनिर्वाण का प्रतीक है. पिछले 2,500 साल में दुनिया भर में बुद्ध के उपदेशों की चर्चा होती रही है.

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16वें संयुक्त राष्ट्र वेसाख दिवस कार्यक्रम की तस्वीर.

आतंकवाद की बढ़ती ताकतों पर चिंता जताते हुए उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने कहा कि नफरत की विचारधारा को समर्थकों को रचनात्मक कार्यों में शामिल करने की जरुरत है. इसे के बलबूते हम तबाही को डाल सकते है. नायडू ने यहां 16वें संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस में अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रों के बीच संघर्षों की मूल वजह नफरत के विचार और व्यक्तिगत सोच में है.

नायडू ने कहा, 'दुनिया में आतंकवाद की बढ़ती बुराई इस विनाशकारी भावना का प्रदर्शन है. नफरत की विचारधाराओं के समर्थकों को रचनात्मक कार्यों में शामिल करने की जरूरत है ताकि बेकसूरों की मौत और तबाही को टाला जा सके.'

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उप राष्ट्रपति नायडू और प्रधानमंत्री एन शुआन फुक.

नायडू ने कहा कि बुद्ध का शांति और करूणा का संदेश एक विचारधारा प्रदान करता है तथा यह दुनियाभर में साम्पद्रायिक और विचाराधारा चालित हिंसा का प्रभावी जवाब है.

उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम और शांतिपूर्ण सह - अस्तित्व के विचार में यकीन रखता है. उन्होंने कहा कि इस बारे में स्पष्ट मान्यता है कि शांति के बगैर सतत विकास नहीं हो सकता और सतत विकास के बगैर भी शांति कायम नहीं हो सकती.

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द्विपक्षीय वार्ता का दृश्य.

इस कार्यक्रम में वियतनाम के प्रधानमंत्री नगुयेन शुआन फुक, म्यामां के राष्ट्रपति विन मयिंत और नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली सहित अन्य शरीक हुए.

इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने इस यात्रा के दौरान अपने वियतनामी समकक्ष दांग ती एन तिह्न, प्रधानमंत्री एन शुआन फुक और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष एन ती किम नगान के साथ वार्ता की.

पढ़ेंः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का वियतनाम दौरा कल से शुरू

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'उपराष्ट्रपति की वियतनामी वार्ताकारों से व्यापक एवं सार्थक वार्ता हुई, जिसमें द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग के सारे मुद्दे शामिल थे.'

बयान में कहा गया है कि दोनों देश रक्षा एवं सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा एवं बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग, तेल एवं गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि तथा नवोन्मेष आधारित क्षेत्रों में सहयोग और भी मजबूत करने पर सहमत हुए. वियतनाम, भारत का एक अहम व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल करीब 14 अरब डॉलर था, जबकि तीन साल पहले यह 7. 8 अरब डॉलर था.

अपनी चार दिवसीय यात्रा को पूरा करने के बाद उपराष्ट्रपति रविवार को भारत लौट आए.

हनोई : वियतनाम में वेसाक समारोह के 16वें संयुक्त राष्ट्र दिवस पर उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि बौद्ध और हिंदू धर्म के बंधनों से भारत और वियतनाम के बीच सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण संबंध मजबूत हुए हैं.

दरअसल उप राष्ट्रपति नायडू इस दक्षिण पूर्व एशियाई देश की चार दिवसीय यात्रा पर आए थे और रविवार को उनकी यात्रा संपन्न हो गई. इस यात्रा के अंतिम चरण में वह वेसाक दिवस में शामिल हुए.

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ट्वीट की तस्वीर.

गौरतलब है कि 'वेसाक' भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान और परिनिर्वाण का प्रतीक है. पिछले 2,500 साल में दुनिया भर में बुद्ध के उपदेशों की चर्चा होती रही है.

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16वें संयुक्त राष्ट्र वेसाख दिवस कार्यक्रम की तस्वीर.

आतंकवाद की बढ़ती ताकतों पर चिंता जताते हुए उप राष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने कहा कि नफरत की विचारधारा को समर्थकों को रचनात्मक कार्यों में शामिल करने की जरुरत है. इसे के बलबूते हम तबाही को डाल सकते है. नायडू ने यहां 16वें संयुक्त राष्ट्र वेसाक दिवस में अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रों के बीच संघर्षों की मूल वजह नफरत के विचार और व्यक्तिगत सोच में है.

नायडू ने कहा, 'दुनिया में आतंकवाद की बढ़ती बुराई इस विनाशकारी भावना का प्रदर्शन है. नफरत की विचारधाराओं के समर्थकों को रचनात्मक कार्यों में शामिल करने की जरूरत है ताकि बेकसूरों की मौत और तबाही को टाला जा सके.'

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उप राष्ट्रपति नायडू और प्रधानमंत्री एन शुआन फुक.

नायडू ने कहा कि बुद्ध का शांति और करूणा का संदेश एक विचारधारा प्रदान करता है तथा यह दुनियाभर में साम्पद्रायिक और विचाराधारा चालित हिंसा का प्रभावी जवाब है.

उप राष्ट्रपति ने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम और शांतिपूर्ण सह - अस्तित्व के विचार में यकीन रखता है. उन्होंने कहा कि इस बारे में स्पष्ट मान्यता है कि शांति के बगैर सतत विकास नहीं हो सकता और सतत विकास के बगैर भी शांति कायम नहीं हो सकती.

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द्विपक्षीय वार्ता का दृश्य.

इस कार्यक्रम में वियतनाम के प्रधानमंत्री नगुयेन शुआन फुक, म्यामां के राष्ट्रपति विन मयिंत और नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली सहित अन्य शरीक हुए.

इसके अलावा उपराष्ट्रपति ने इस यात्रा के दौरान अपने वियतनामी समकक्ष दांग ती एन तिह्न, प्रधानमंत्री एन शुआन फुक और नेशनल असेंबली के अध्यक्ष एन ती किम नगान के साथ वार्ता की.

पढ़ेंः उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का वियतनाम दौरा कल से शुरू

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, 'उपराष्ट्रपति की वियतनामी वार्ताकारों से व्यापक एवं सार्थक वार्ता हुई, जिसमें द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय सहयोग के सारे मुद्दे शामिल थे.'

बयान में कहा गया है कि दोनों देश रक्षा एवं सुरक्षा, परमाणु ऊर्जा एवं बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग, तेल एवं गैस, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि तथा नवोन्मेष आधारित क्षेत्रों में सहयोग और भी मजबूत करने पर सहमत हुए. वियतनाम, भारत का एक अहम व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल करीब 14 अरब डॉलर था, जबकि तीन साल पहले यह 7. 8 अरब डॉलर था.

अपनी चार दिवसीय यात्रा को पूरा करने के बाद उपराष्ट्रपति रविवार को भारत लौट आए.

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VIETNAM-NAIDU-VESAK
Proponents of ideologies of hate need to be 'constructively engaged': Naidu
         Ha Nam (Vietnam), May 12 (PTI) Voicing concern over the growing menace of terrorism, Vice President M Venkaiah Naidu said on Sunday that the proponents of ideologies of hate need to be "constructively engaged" to avoid mindless death and destruction.
         In his keynote address at the 16th UN Day of Vesak here, Naidu said the genesis of conflict among nations has roots in the idea of hate and violence originating from an individual's mind-space.
         Vesak, also known as Buddha Jayanti, is traditionally observed by Buddhists as 'Buddha's Birthday'.
         "The growing menace of terrorism in the world is a manifestation of this destructive emotion. The proponents of ideologies of hate need to be constructively engaged to avoid mindless death and destruction," Naidu said at the event attended by Vietnam Prime Minister Nguyen Xuan Phuc, Myanmar President Win Myint and Nepal Premier K P Sharma Oli among others.
         Naidu said Lord Buddha's message of peace and compassion provides an ideology and effective answer to overcome sectarian and ideology-driven violence all over the world.
         "The global leadership more than ever needs to work together to promote dialogue, harmony and justice, based on compassion and wisdom. We need to create a more positive environment of peace by agreeing to work together to uphold the ideals of Lord Buddha and promote values of peace, accommodation, inclusiveness and compassion in the policies and conduct of the global community," he said.
         The Vice President said India's vision has been of a world as one large family and its dreams have been woven around the theme of peaceful co-existence.
         He said there is a clear recognition that there can be no sustainable development without peace and no peace without sustainable development.
         Noting that Buddhism's great contribution is its balanced approach, Naidu said if global leadership can adopt this approach, it is possible to avoid conflict, reconcile different viewpoints and achieve consensus. It can also steer individuals away from bigotry, dogmatism and fanaticism to a more balanced view of life essential for peaceful co-existence, he added.
         "It is an antidote to the contemporary malaise of radicalisation and religious fundamentalism. It is an approach that promotes equity and equanimity in which each view point is given equal importance and no irrational or hasty decision is taken," he said.
         "On this blessed day of Vesak, we are reminding ourselves of the great treasure house that Lord Buddha bequeathed to humanity. The path of Dhamma he showed us is a path that can lead us to discover a world of lasting peace," he added.
         Naidu, who is in Vietnam on a four-day official visit, on Friday held wide-ranging talks with his Vietnamese counterpart Dang Thi Ngoc Thinh to enhance bilateral and multilateral cooperation. PTI
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Last Updated : May 12, 2019, 10:13 PM IST
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