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रूस में पुतिन ने स्पूतनिक वी का बड़े पैमाने पर प्रयोग करने का आदेश दिया

कोरोना महामारी से बचाव के लिए रूस में टीका विकसित किया जा रहा है. इसका नाम स्पूतनिक वी है. ताजा घटनाक्रम में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने निर्देश दिया है रूस के डॉक्टरों और शिक्षकों को स्पूतनिक वी का टीका लगाया जाए. यह टीकाकरण अगले सप्ताह के अंत में शुरू होगा. दिलचस्प है स्पूतनिक वी कितना प्रभावी है इस संबंध में विस्तृत अध्ययन किया जाना बाकी है.

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Published : Dec 3, 2020, 2:57 AM IST

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मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए विकसित की जा रही वैक्सीन स्पूतनिक वी को बड़े पैमाने पर प्रयोग करने का आदेश दिया है. पुतिन ने टीकाकरण शुरू करने का आदेश दिया है, इसके तहत डॉक्टरों और शिक्षकों को स्पूतनिक वी के दो खुराक (shot) लगाए जाएंगे.

पुतिन का बयान ब्रिटेन के उस एलान के कुछ घंटों के बाद आया जब अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई. ब्रिटेन पश्चिम में ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है.

बता दें कि रूस में विकसित किए जा रहे स्पूतनिक वी को पहले पंजीकृत वैक्सीन के रूप में जाना जाता है. इसे नियामक की मंजूरी बीते अगस्त माह में दी गई थी. हालांकि, विशेषज्ञों ने इस कदम की आलोचना भी की थी, क्योंकि यह कुछ दर्जन लोगों पर ही आजमाया गया था.

इसी बीच पुतिन ने बुधवार को कहा कि स्पूतनिक वी के 2 मिलियन से अधिक डोज तैयार किए जा चुके हैं, या अगले कुछ दिनों में कर लिए जाएंगे. पुतिन ने कहा कि इससे हमें एक मौका मिला है कि अगर हम पूरी आबादी को नहीं तो कम से कम एक बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें वो रिस्क ग्रुप शामिल होंगे जो शिक्षक और चिकित्सकों का होगा.

पुतिन ने डिप्टी पीएम टी गोलीकोवा को इस बात की जिम्मेदारी दी है कि अगले सप्ताह के अंत तक बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू किया जा सके. दो खुराक में दी जाने वाले स्पूतनिक वी वैक्सीन गामालेया इंस्टीट्यूट में विकसित किया गया है.

सरकार से मंजूरी मिलने के दो सप्ताह के बाद एडवांस स्टडी के लिए 40,000 स्वयंसेवकों ने खुद को पंजीकृत किया था, जिन पर स्पूतनिक वी का ट्रायल किया गया.

ट्रायल अभी भी जारी है, लेकिन रिस्क ग्रुप के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जा रहा है, जिनमें स्वास्थ्यकर्मी प्रमुख रूप से शामिल हैं. हालांकि, इसी बीच कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बड़े पैमाने पर इस टीके के प्रयोग को लेकर चेतावनी भी दी है.

रूस के कई हाई प्रोफाइल अधिकारियों ने कहा है कि वह स्पूतनिक वी का टीका पहले ही लगवा चुके हैं. बुधवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाएल मोरास्को ने कहा कि लगभग एक लाख लोगों को रूस में स्पूतनिक वी टीका लगाया जा चुका है.

रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के प्रमुख के दिमित्रेव ने इस बारे में कहा है कि लगभग 25,000 लोगों को स्पूतनिक वी टीका लगाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि यह क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा है.

दिमित्रेव ने कहा कि बाकी लोगों को क्लीनिकल ट्रायल के अतिरिक्त टीके लगाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि क्लिनिकल ट्रायल से इतर स्वयंसेवकों को टीके लगवाने का विकल्प दिया गया, जिसमें स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं, क्योंकि हम फ्रंटलाइन वर्कर को प्राथमिकता देना चाहते हैं.

इससे पहले नवंबर में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पूतनिक वैक्सीन की अंतरिम आकलन रिपोर्ट में इसे 91.4 फीसद प्रभावी बताया गया था. यह परिणाम 18,794 प्रतिभागियों में से 39 संक्रमित लोगों पर आधारित था. इन लोगों को स्पूतनिक वी टीके के दोनों खुराक या प्लेसीबो लगाए गए थे. संक्रमितों की संख्या के लिहाज से पश्चिमी दवा निर्माताओं ने इसे काफी कम माना.

टीके के प्रभाव के अध्ययन और इसके प्रयोग को लेकर दिमित्रेव ने कहा कि टीका विकसित कर रहे लोग यूरोपियन मेडिकल एजेंसी के पास पहले ही अपील कर चुके हैं. इसके अलावा अन्य देशों में भी प्रयोग की अपील की गई है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन फिलहाल हम 40 अलग-अलग देशों में अप्लाई कर चुके हैं, और सभी देशों के नियामकों के साथ हम नजदीकी से काम कर रहे हैं.

मॉस्को : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए विकसित की जा रही वैक्सीन स्पूतनिक वी को बड़े पैमाने पर प्रयोग करने का आदेश दिया है. पुतिन ने टीकाकरण शुरू करने का आदेश दिया है, इसके तहत डॉक्टरों और शिक्षकों को स्पूतनिक वी के दो खुराक (shot) लगाए जाएंगे.

पुतिन का बयान ब्रिटेन के उस एलान के कुछ घंटों के बाद आया जब अमेरिकी दवा निर्माता फाइजर और जर्मनी की बायोएनटेक द्वारा संयुक्त रूप से विकसित की गई कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई. ब्रिटेन पश्चिम में ऐसा करने वाला पहला देश बन गया है.

बता दें कि रूस में विकसित किए जा रहे स्पूतनिक वी को पहले पंजीकृत वैक्सीन के रूप में जाना जाता है. इसे नियामक की मंजूरी बीते अगस्त माह में दी गई थी. हालांकि, विशेषज्ञों ने इस कदम की आलोचना भी की थी, क्योंकि यह कुछ दर्जन लोगों पर ही आजमाया गया था.

इसी बीच पुतिन ने बुधवार को कहा कि स्पूतनिक वी के 2 मिलियन से अधिक डोज तैयार किए जा चुके हैं, या अगले कुछ दिनों में कर लिए जाएंगे. पुतिन ने कहा कि इससे हमें एक मौका मिला है कि अगर हम पूरी आबादी को नहीं तो कम से कम एक बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि इसमें वो रिस्क ग्रुप शामिल होंगे जो शिक्षक और चिकित्सकों का होगा.

पुतिन ने डिप्टी पीएम टी गोलीकोवा को इस बात की जिम्मेदारी दी है कि अगले सप्ताह के अंत तक बड़े पैमाने पर टीकाकरण शुरू किया जा सके. दो खुराक में दी जाने वाले स्पूतनिक वी वैक्सीन गामालेया इंस्टीट्यूट में विकसित किया गया है.

सरकार से मंजूरी मिलने के दो सप्ताह के बाद एडवांस स्टडी के लिए 40,000 स्वयंसेवकों ने खुद को पंजीकृत किया था, जिन पर स्पूतनिक वी का ट्रायल किया गया.

ट्रायल अभी भी जारी है, लेकिन रिस्क ग्रुप के लोगों को प्राथमिकता के आधार पर टीका लगाया जा रहा है, जिनमें स्वास्थ्यकर्मी प्रमुख रूप से शामिल हैं. हालांकि, इसी बीच कई स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बड़े पैमाने पर इस टीके के प्रयोग को लेकर चेतावनी भी दी है.

रूस के कई हाई प्रोफाइल अधिकारियों ने कहा है कि वह स्पूतनिक वी का टीका पहले ही लगवा चुके हैं. बुधवार को रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाएल मोरास्को ने कहा कि लगभग एक लाख लोगों को रूस में स्पूतनिक वी टीका लगाया जा चुका है.

रूस के डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के प्रमुख के दिमित्रेव ने इस बारे में कहा है कि लगभग 25,000 लोगों को स्पूतनिक वी टीका लगाया जा चुका है. उन्होंने बताया कि यह क्लिनिकल ट्रायल का हिस्सा है.

दिमित्रेव ने कहा कि बाकी लोगों को क्लीनिकल ट्रायल के अतिरिक्त टीके लगाए जाएंगे. उन्होंने यह भी कहा कि क्लिनिकल ट्रायल से इतर स्वयंसेवकों को टीके लगवाने का विकल्प दिया गया, जिसमें स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं, क्योंकि हम फ्रंटलाइन वर्कर को प्राथमिकता देना चाहते हैं.

इससे पहले नवंबर में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक स्पूतनिक वैक्सीन की अंतरिम आकलन रिपोर्ट में इसे 91.4 फीसद प्रभावी बताया गया था. यह परिणाम 18,794 प्रतिभागियों में से 39 संक्रमित लोगों पर आधारित था. इन लोगों को स्पूतनिक वी टीके के दोनों खुराक या प्लेसीबो लगाए गए थे. संक्रमितों की संख्या के लिहाज से पश्चिमी दवा निर्माताओं ने इसे काफी कम माना.

टीके के प्रभाव के अध्ययन और इसके प्रयोग को लेकर दिमित्रेव ने कहा कि टीका विकसित कर रहे लोग यूरोपियन मेडिकल एजेंसी के पास पहले ही अपील कर चुके हैं. इसके अलावा अन्य देशों में भी प्रयोग की अपील की गई है. उन्होंने कहा कि इसमें कुछ समय लग सकता है, लेकिन फिलहाल हम 40 अलग-अलग देशों में अप्लाई कर चुके हैं, और सभी देशों के नियामकों के साथ हम नजदीकी से काम कर रहे हैं.

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