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PAK में देशव्यापी बंद की धमकी, इमरान के इस्तीफे की मोहलत समाप्त

जमीयत उलेमा ए इस्लाम फजल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख रहमान ने दो दिवसीय समयसीमा समाप्त होने के बाद यहां एक प्रदर्शन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उद्देश्य पूरा होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा. साथ ही फजलुर रहमान ने पूरे देश में बंद की धमकी दी है. जानें पूरा विवरण

मौलाना फजलुर रहमान ( फाइल फोटो)
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Published : Nov 4, 2019, 8:18 AM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे के लिए दी गई समय सीमा रविवार रात समाप्त हो जाने के बाद देश के धर्मगुरु एवं नेता मौलाना फजलुर रहमान ने पूरे देश में बंद की धमकी दी.

जमीयत उलेमा ए इस्लाम फज़ल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख रहमान ने दो दिवसीय समयसीमा समाप्त होने के बाद यहां एक प्रदर्शन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उद्देश्य पूरा होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, 'यह साफ है कि शासक (इमरान खान) को जाना होगा और लोगों को निष्पक्ष चुनाव के जरिए नया शासक चुनने का मौका देना होगा. यह स्पष्ट है कि इससे अलावा और कोई विकल्प नहीं है.'

रहमान ने कहा, 'अभी इस्लामाबाद बंद है, फिर हम पूरा देश बंद करेंगे. हम रुकेंगे नहीं और अपना संघर्ष जारी रखेंगे.'

उन्होंने कहा कि वह सोमवार को विपक्ष के अन्य नेताओं से मुलाकात की योजना बना रहे हैं ताकि आगे के कदम के बारे में सर्वसम्मति से फैसला किया जा सके.

उन्होंने कहा, 'यह आंदोलन और लोगों की भीड़ इमरान खान को सत्ता से बाहर करने तक बनी रहेगी.'

रहमान ने खान पर इस्तीफे का दबाव बनाने के लिए पिछले सप्ताह इस्लामाबाद तक अपने समर्थकों के आजादी मार्च का नेतृत्व किया था. उन्होंने खान को अवैध शासक बताया था.
रहमान ने प्रधानमंत्री खान के पद छोड़ने के लिए रविवार तक की समयसीमा दी थी.

पढ़ें- फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ 'कठोर निर्णय' लेने का संकेत दिए

रहमान का दावा है कि 2018 में हुए चुनाव में धांधली हुई थी और पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना ने खान को समर्थन दिया था. सेना ने इन आरोपों से इनकार किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनकी इस्तीफा देने की कोई योजना नहीं है. इस बीच सरकार ने राजधानी में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए है.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के इस्तीफे के लिए दी गई समय सीमा रविवार रात समाप्त हो जाने के बाद देश के धर्मगुरु एवं नेता मौलाना फजलुर रहमान ने पूरे देश में बंद की धमकी दी.

जमीयत उलेमा ए इस्लाम फज़ल (जेयूआई-एफ) के प्रमुख रहमान ने दो दिवसीय समयसीमा समाप्त होने के बाद यहां एक प्रदर्शन रैली को संबोधित करते हुए कहा कि उद्देश्य पूरा होने तक प्रदर्शन जारी रहेगा.

उन्होंने कहा, 'यह साफ है कि शासक (इमरान खान) को जाना होगा और लोगों को निष्पक्ष चुनाव के जरिए नया शासक चुनने का मौका देना होगा. यह स्पष्ट है कि इससे अलावा और कोई विकल्प नहीं है.'

रहमान ने कहा, 'अभी इस्लामाबाद बंद है, फिर हम पूरा देश बंद करेंगे. हम रुकेंगे नहीं और अपना संघर्ष जारी रखेंगे.'

उन्होंने कहा कि वह सोमवार को विपक्ष के अन्य नेताओं से मुलाकात की योजना बना रहे हैं ताकि आगे के कदम के बारे में सर्वसम्मति से फैसला किया जा सके.

उन्होंने कहा, 'यह आंदोलन और लोगों की भीड़ इमरान खान को सत्ता से बाहर करने तक बनी रहेगी.'

रहमान ने खान पर इस्तीफे का दबाव बनाने के लिए पिछले सप्ताह इस्लामाबाद तक अपने समर्थकों के आजादी मार्च का नेतृत्व किया था. उन्होंने खान को अवैध शासक बताया था.
रहमान ने प्रधानमंत्री खान के पद छोड़ने के लिए रविवार तक की समयसीमा दी थी.

पढ़ें- फजलुर रहमान ने इमरान सरकार के खिलाफ 'कठोर निर्णय' लेने का संकेत दिए

रहमान का दावा है कि 2018 में हुए चुनाव में धांधली हुई थी और पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना ने खान को समर्थन दिया था. सेना ने इन आरोपों से इनकार किया है.

प्रधानमंत्री ने कहा है कि उनकी इस्तीफा देने की कोई योजना नहीं है. इस बीच सरकार ने राजधानी में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए है.

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.ISLAMABAD FGN33
PAK-PROTEST0-DEADLINE
Pakistani Islamists await deadline they set for PM to resign
         Islamabad, Nov 3 (AP) Tens of thousands of Islamists at a massive protest camp in Pakistan's capital awaited a Sunday deadline set by their leader calling for the prime minister resign.
         Authorities in Islamabad strengthened security around the camp as the protest entered its third day, including walls of shipping containers blocking roads leading into and out of the protest area, as well as deploying riot police and paramilitary forces.
         Firebrand cleric Maulana Fazlur Rehman had led a caravan of supporters to Islamabad last week in a bid to pressure Imran Khan to step down, calling him an "illegitimate" ruler.
          He claims the 2018 election that brought Khan to power was rigged, and has implied without naming names that Pakistan's powerful army supported Khan. The military denies the allegations, saying it remains impartial.
         Rehman, who heads the Jamiat Ulema-e-Islam party, has agreed with authorities that the protesters will not leave the government-designated area.
         But he has also hinted he could lead a march on the "Red Zone," the seat of Pakistan's government, to force Khan's resignation. The prime minister says he has no plans of quitting.
         It's unclear what Rehman's next move will be once his deadline expires Sunday evening.
         Negotiations to defuse the standoff were taking place between members of Khan's government and opposition lawmakers.
         Authorities have said they won't try to stop the protests as long as they remain in the designated area, which stretches over a kilometer (mile) along a highway and into an open area.
         Some protesters in the all-male encampment seemed prepared for a long stay, and had even begun turning the shipping containers into living spaces.
         "I want the government to bring more of these containers, they're now serving as our little homes here, as the weather is getting colder every night," said Gul Aman, a protester from the western Baluchistan province. Others were seen cooking meals and washing clothes outside their tents Sunday.
         Several thousand volunteers dressed in head-to-toe yellow uniforms have been handling security, according to protest organizers. Many supporters also carried the black and white striped flag of the Jamiat Ulema-e-Islam party.
         Rehman had attempted to ban female journalists from accessing the camp, but was forced to reverse his decision after sparking outrage on social media.
         The hard-line cleric has campaigned for regressive legislation targeting women, and opposed legislation to eliminate of violence against women. He has also refused to allow women members of his party to participate in the demonstration.
         The mass rally comes after Pakistani businesses observed a nationwide strike last week against recently enacted taxes, which the opposition says were imposed as part of the International Monetary Fund's USD 6 billion bailout package for Pakistan.
         A report by the World Economic Forum released last month says Pakistan ranks 110th on the international organization's annual Global Competitiveness Index. The report said Pakistan's 2019 ranking dropped three places due to poor performance in key areas of press freedoms, governance, innovation, corruption, life expectancy, productivity and human development. (AP)

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