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अफगानिस्तान : राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार अब्दुल्ला ने की पुनर्मतगणना रोकने की मांग - पुनर्मतगणना रोकने की मांग

अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के एक उम्मीदवार अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने पुनर्मतगणना रोकने की मांग की है. उन्होंने कहा कि हम धोखेबाजी से इस प्रक्रिया को बचाना चाहते हैं. पढ़ें विस्तार से...

उम्मीदवार अब्दुल्ला ने की पुनर्मतगणना रोकने की मांग
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Published : Nov 10, 2019, 6:08 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान के मुख्य प्रशासक अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने हालिया राष्ट्रपति चुनाव की पुनर्मतगणना रोकने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वह मतगणना में धांधली कर घोषित किये जाने वाले चुनाव नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि देश में बीते 28 सितम्बर को हुए चुनाव के बाद यह घटनाक्रम एक नई अनिश्चितता पैदा कर रहा है.

इन चुनावों में मतदान प्रतिशत काफी कम रहा था, जो कि एक रिकार्ड है.

अब्दुल्ला ने काबुल में एक रैली में कहा, 'पुनमर्तगणना रोकी जानी चाहिए. हम धोखेबाजों से प्रक्रिया को बचाना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'धांधलीपूर्ण चुनाव को स्वीकार नहीं किया जाए. चुनाव नतीजे हमारे लोगों के स्पष्ट वोटों पर आधारित होने चाहिए.'

अब्दुल्ला को पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

वहीं, समाचार एजेंसी एपी की एक खबर के मुताबिक अब्दुल्ला ने पुनर्मतगणना की प्रक्रिया से अपनी टीम के चुनाव पर्यवेक्षकों को एकतरफा तरीके से हटा लिया है.

पढ़ेंः अफगानिस्तान की आजादी के सौ साल हुए पूरे, दूतावास ने किया क्रिकेट मैच का आयोजन

उन्होंने चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले यह कदम उठाया है.

अब्दुल्ला ने कहा कि यदि उनकी टीम के पर्यवेक्षक अफगानिस्तान के स्वतंत्र चुनाव आयोग (आईईसी) द्वारा पुनर्मतगणना के दौरान उपस्थित नहीं रहते हैं तो चुनाव नतीजों की कोई वैधता नहीं रहेगी.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाली देश की सरकार में अब्दुल्ला एक साझेदार हैं. इस चुनाव में गनी उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं.

गनी ने पुनर्मतगणना प्रक्रिया से अब तक अपने पर्यवेक्षकों को नहीं हटाया है, लेकिन अन्य उम्मीदवारों ने पुनर्मतगणना प्रक्रिया से परेशानी जाहिर की है.

मतगणना में धांधली और तकनीकी मुद्दों के लेकर नतीजों की घोषणा बार-बार टाली गई. शुरुआती चुनाव नतीजे 14 नवम्बर को आने की उम्मीद है.

काबुल : अफगानिस्तान के मुख्य प्रशासक अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने हालिया राष्ट्रपति चुनाव की पुनर्मतगणना रोकने की मांग की है. उन्होंने कहा कि वह मतगणना में धांधली कर घोषित किये जाने वाले चुनाव नतीजों को स्वीकार नहीं करेंगे.

गौरतलब है कि देश में बीते 28 सितम्बर को हुए चुनाव के बाद यह घटनाक्रम एक नई अनिश्चितता पैदा कर रहा है.

इन चुनावों में मतदान प्रतिशत काफी कम रहा था, जो कि एक रिकार्ड है.

अब्दुल्ला ने काबुल में एक रैली में कहा, 'पुनमर्तगणना रोकी जानी चाहिए. हम धोखेबाजों से प्रक्रिया को बचाना चाहते हैं.'

उन्होंने कहा, 'धांधलीपूर्ण चुनाव को स्वीकार नहीं किया जाए. चुनाव नतीजे हमारे लोगों के स्पष्ट वोटों पर आधारित होने चाहिए.'

अब्दुल्ला को पिछले दो राष्ट्रपति चुनावों में शिकस्त का सामना करना पड़ा था.

वहीं, समाचार एजेंसी एपी की एक खबर के मुताबिक अब्दुल्ला ने पुनर्मतगणना की प्रक्रिया से अपनी टीम के चुनाव पर्यवेक्षकों को एकतरफा तरीके से हटा लिया है.

पढ़ेंः अफगानिस्तान की आजादी के सौ साल हुए पूरे, दूतावास ने किया क्रिकेट मैच का आयोजन

उन्होंने चुनाव नतीजों की घोषणा से पहले यह कदम उठाया है.

अब्दुल्ला ने कहा कि यदि उनकी टीम के पर्यवेक्षक अफगानिस्तान के स्वतंत्र चुनाव आयोग (आईईसी) द्वारा पुनर्मतगणना के दौरान उपस्थित नहीं रहते हैं तो चुनाव नतीजों की कोई वैधता नहीं रहेगी.

गौरतलब है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी के नेतृत्व वाली देश की सरकार में अब्दुल्ला एक साझेदार हैं. इस चुनाव में गनी उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं.

गनी ने पुनर्मतगणना प्रक्रिया से अब तक अपने पर्यवेक्षकों को नहीं हटाया है, लेकिन अन्य उम्मीदवारों ने पुनर्मतगणना प्रक्रिया से परेशानी जाहिर की है.

मतगणना में धांधली और तकनीकी मुद्दों के लेकर नतीजों की घोषणा बार-बार टाली गई. शुरुआती चुनाव नतीजे 14 नवम्बर को आने की उम्मीद है.

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