इस्लामाबाद : एफएटीएफ की ग्रे सूची में से निकलने के लिए पाकिस्तान धनशोधन रोधी मामलों के संबंध में नए नियम लाने की तैयारी कर रहा है. मीडिया में आई एक खबर में सोमवार को यह जानकारी दी गई है.
धनशोधन और आतंकवाद का वित्तपोषण करने के मामलों पर निगरानी करने वाली वैश्विक संस्था पेरिस स्थित एफएटीएफ ने जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे सूची में डाल दिया था. तब से देश इससे निकलने की कोशिश में लगा हुआ है.
पाकिस्तान के एक अखबार ने खबर दी है कि इन बदलावों में धन शोधन रोधी (एएमएल) मामलों की जांच और अभियोजन का जिम्मा पुलिस, प्रांतीय भ्रष्टाचार रोधी प्रतिष्ठान (एसीई) और अन्य एजेंसियों से लेकर विशिष्ट एजेंसियों को देना शामिल है.
ये दो नियमों का हिस्सा है जिनमें एएमएल (जब्त संपत्ति प्रबंधन) नियम 2021 और एएमएल (रेफरल) नियम 2021 शामिल हैं जो नेशनल पॉलिसी स्टेटमेंट ऑन फॉलो मनी के तहत आता है. खबर में बताया गया है कि इसे कुछ दिन पहले संघीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है.
धन शोधन रोधी अधिनियम 2010 (एएमएलए) की मौजूदा सूची में कुछ बदलाव के लिए नियम और संबंधित अधिसूचनाएं प्रशासकों और विशेष सरकारी अभियोजकों की नियुक्ति के तुरंत बाद लागू होंगी. इन उपायों के आधार पर एफएटीएफ यह तय करेगा कि क्या 27 में से तीन शेष मानदंडों को पाकिस्तान ने पूरा किया है या नहीं.
जिस वजह से पाकिस्तान इस साल फरवरी में ग्रे सूची से बाहर नहीं निकल सका था. एफएटीएफ की कई समीक्षा बैठकें जून के दूसरे हफ्ते में शुरू होनी हैं और उसका पूर्ण सत्र 21-25 जून को होगा.
अब सरकार ने दर्जनों प्रशासकों को नियुक्त करने का निर्णय किया है जिन्हें संपत्तियों के मूल्य को संरक्षित रखने के लिए जब्त करने, प्राप्त करने, प्रबंधन करने, किराए पर देने, नीलामी करने, हस्तांतरण करने या निपटान करने या अन्य उपाय करने के अधिकार दिए गए हैं.
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धन शोधन रोधी (रेफल) नियम 2021 को एक एजेंसी से अन्य एजेंसियों को मामलों को स्थानांतरण करने के लिए लाया जा रहा है.