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अर्डर्न ने हत्यारे का नाम न लेने का संकल्प जताया - प्रधानमंत्री

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने दो मस्जिदों में अंधाधुंध गोलीबारी कर 50 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हमलावर का नाम कभी न लेने का संकल्प जताया. उन्होंने कहा कि हमलावर देश के कानून का सामना करेगा. उसका नाम बिल्कुल नहीं लिया जाएगा ताकि उसे किसी भी तरह का प्रचार मिल सके.

न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न
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Published : Mar 19, 2019, 12:54 PM IST

Updated : Mar 20, 2019, 7:46 AM IST

क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने ग़मगीन माहौल में संसद के सत्र की शुरुआत करते हुए मुसलमानों को अस्सलामु अलैकुम कहते हुए शांति का संदेश दिया और देश की दो मस्जिदों में अंधाधुंध गोलीबारी कर 50 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हमलावर का नाम कभी न लेने का संकल्प जताया.

अर्डर्न ने हत्यारे का नाम न लेने का संकल्प जताया

अर्डर्न ने शोकाकुल लोगों से कहा वह देश के कानून का सामना करेगा. साथ ही प्रधानमंत्री ने वादा किया कि इस हमलावर का नाम बिल्कुल नहीं लिया जाएगा ताकि उसे किसी भी तरह का प्रचार न मिल सके.

उन्होंने 28 वर्षीय हमलावर के बारे में कहा कि उसने जो किया, उसके कई उद्देश्य थे जिनमें एक कारण सुर्खियां बटोरना भी था. ‘‘इसीलिए आप कभी भी मेरे मुंह से उसका नाम नहीं सुनेंगे. वह एक आतंकवादी है, वह एक अपराधी है, वह एक चरमपंथी है. लेकिन अब उसका कोई नाम नहीं होगा.’’

काले रंग के परिधान पहने 38 वर्षीय अर्डर्न ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा ‘‘वा अलैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाही वा बरकतुह. अल्लाह की दुआ, अमन और रहम आप सब पर बना रहे.’’

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा ‘‘शुक्रवार को इस हमले का एक सप्ताह हो जाएगा. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज के लिए एकत्र होंगे. हमें उनकी पीड़ा समझनी चाहिए.’’

हमले में मारे गए लोगों की पहचान और उनके फॉरेन्सिक दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में समय लगने की वजह से अब तक मृतकों को दफनाया नहीं जा सका है. इस्लामिक परंपरा के अनुसार, आम तौर पर मौत के 24 घंटे के अंदर शव को दफना दिया जाता है.
मृतकों के परिजन अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करने के लिए एकत्र हो रहे हैं. हालांकि कुछ शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है.

क्राइस्टचर्च: न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने ग़मगीन माहौल में संसद के सत्र की शुरुआत करते हुए मुसलमानों को अस्सलामु अलैकुम कहते हुए शांति का संदेश दिया और देश की दो मस्जिदों में अंधाधुंध गोलीबारी कर 50 लोगों को मौत की नींद सुलाने वाले हमलावर का नाम कभी न लेने का संकल्प जताया.

अर्डर्न ने हत्यारे का नाम न लेने का संकल्प जताया

अर्डर्न ने शोकाकुल लोगों से कहा वह देश के कानून का सामना करेगा. साथ ही प्रधानमंत्री ने वादा किया कि इस हमलावर का नाम बिल्कुल नहीं लिया जाएगा ताकि उसे किसी भी तरह का प्रचार न मिल सके.

उन्होंने 28 वर्षीय हमलावर के बारे में कहा कि उसने जो किया, उसके कई उद्देश्य थे जिनमें एक कारण सुर्खियां बटोरना भी था. ‘‘इसीलिए आप कभी भी मेरे मुंह से उसका नाम नहीं सुनेंगे. वह एक आतंकवादी है, वह एक अपराधी है, वह एक चरमपंथी है. लेकिन अब उसका कोई नाम नहीं होगा.’’

काले रंग के परिधान पहने 38 वर्षीय अर्डर्न ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा ‘‘वा अलैकुम अस्सलाम वा रहमतुल्लाही वा बरकतुह. अल्लाह की दुआ, अमन और रहम आप सब पर बना रहे.’’

अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा ‘‘शुक्रवार को इस हमले का एक सप्ताह हो जाएगा. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज के लिए एकत्र होंगे. हमें उनकी पीड़ा समझनी चाहिए.’’

हमले में मारे गए लोगों की पहचान और उनके फॉरेन्सिक दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया में समय लगने की वजह से अब तक मृतकों को दफनाया नहीं जा सका है. इस्लामिक परंपरा के अनुसार, आम तौर पर मौत के 24 घंटे के अंदर शव को दफना दिया जाता है.
मृतकों के परिजन अंतिम संस्कार की रस्में पूरी करने के लिए एकत्र हो रहे हैं. हालांकि कुछ शवों की पहचान अब तक नहीं हो पाई है.

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Last Updated : Mar 20, 2019, 7:46 AM IST
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