काठमांडू : ऐसे समय में जब पूरा देश कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से वृद्धि को लेकर चिंतित है, प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली हर किसी को यह समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि भगवान राम का जन्मस्थान चितवन के माडी नगरपालिका के क्षेत्र अयोध्यापुरी में है.
उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को जानाकारी दी कि वह अयोध्यापुरी क्षेत्र में राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियों की स्थापना करेंगे.
प्रधानमंत्री ओली, जिन्होंने शनिवार को माडी नगरपालिका के वार्ड नंबर 9 के चेयरमैन शिवहरि सूबेदार को फोन किया. उन्होंने रविवार को माडी के महापौर ठाकुर प्रसाद ढकाल सहित एक प्रतिनिधिमंडल के साथ दो घंटे तक बातचीत की.
सूबेदार के अनुसार, पीएम ओली ने प्रतिनिधिमंडल को बताया कि उन्हें विश्वास है कि भगवान राम का जन्म नेपाल के अयोध्यापुरी में हुआ था, न कि भारत के उत्तर प्रदेश के अयोध्या में.
सूबेदार ने पीएम के प्रतिनिधिमंडल के हवाले से कहा कि सभी सबूतों को आधार पर उन्हें लगता है कि भगवान राम नेपाल के अयोध्यापुरी में पैदा हुए थे.
पीएम ओली ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि अयोध्यापुरी को बढ़ावा देने और वहां के ऐतिहासिक साक्ष्य को संरक्षित करने के लिए स्थानीय लोगों से सलाह लें.
सूबेदार ने कहा कि हम यह भी मानते हैं कि चितवन के अयोध्यापुरी से लेकर थोरी, परसा में बाल्मीकि आश्रम तक, भगवान राम का जन्मस्थान था.
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वहीं, चितवन जिले का प्रतिनिधित्व करने वालीं सांसद दिल कुमारी रावल ने कहा कि पीएम ने शिष्टमंडल से कहा कि वह अयोध्यापुरी के आसपास के क्षेत्रों के संरक्षण के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे.
रावल के अनुसार, प्रधानमंत्री ओली ने प्रतिनिधिमंडल को यह भी बताया कि अधिक सबूत जुटाने के लिए अयोध्यापुरी क्षेत्र में खुदाई का काम किया जाना चाहिए.
रावल ने बताया कि पीएम ने कहा है कि सरकार अयोध्यापुरी को एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए भूमि प्रदान करेगी.
बता दें कि पीएम ओली इससे पहले भी अयोध्यापुरी को राम जन्मभूमि बता चुके हैं. हालांकि, भारत ने इसे हास्यास्पद बताया था.