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मरियम नवाज ने भ्रष्टाचार मामले में निचली अदालत के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी - अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी

पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने एक निचली अदालत के फैसले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए यहां उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की है.

High Court
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Published : Oct 6, 2021, 3:23 AM IST

इस्लामाबाद : निचली अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज को भ्रष्टाचार के एक मामले में एक साल कैद की सजा सुनाई है. अब नवाज ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. जवाबदेही अदालत ने 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम को एवियनफील्ड मामले में सजा सुनाई थी.

मरियम के पति मुहम्मद सफदर और नवाज शरीफ को क्रमश: सात साल और दस साल कैद की सजा सुनाई गई थी. उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी थी जिसने उसी साल 18 सितंबर को उनकी सजा को निलंबित करते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.

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मरियम (47) ने उच्च न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से अलग याचिका दायर की और जवाबदेही अदालत के मूल फैसले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि फैसला त्रुटिपूर्ण है. याचिका में उन्होंने कहा कि दोषसिद्धी कानून के उल्लंघनों का स्पष्ट उदाहरण है.

इस्लामाबाद : निचली अदालत ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज की उपाध्यक्ष मरियम नवाज को भ्रष्टाचार के एक मामले में एक साल कैद की सजा सुनाई है. अब नवाज ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी है. जवाबदेही अदालत ने 2018 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम को एवियनफील्ड मामले में सजा सुनाई थी.

मरियम के पति मुहम्मद सफदर और नवाज शरीफ को क्रमश: सात साल और दस साल कैद की सजा सुनाई गई थी. उन्होंने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में इसे चुनौती दी थी जिसने उसी साल 18 सितंबर को उनकी सजा को निलंबित करते हुए जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.

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मरियम (47) ने उच्च न्यायालय में अपने वकील के माध्यम से अलग याचिका दायर की और जवाबदेही अदालत के मूल फैसले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए कहा कि फैसला त्रुटिपूर्ण है. याचिका में उन्होंने कहा कि दोषसिद्धी कानून के उल्लंघनों का स्पष्ट उदाहरण है.

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