ETV Bharat / international

म्यांमार में इंटरनेट सेवाएं बहाल, सैन्य तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन बढ़ा

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का विरोध करते हुए प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे, जिन पर सू ची और राष्ट्रपति विन मिंत को रिहा करने की अपील की गई थी, जिन्हें उनके आवास में ही नजरबंद रखा गया है और उन पर मामूली अपराधों के आरोप लगाए गए हैं

myanmar coup protests
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का हो रहा विरोध
author img

By

Published : Feb 7, 2021, 7:25 PM IST

यंगून : म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ रविवार को देश के सबसे बड़े शहर यंगून में हजारों लोगों की भीड़ ने सड़कों पर उतरकर मार्च किया, नतीजतन इंटरनेट सेवाओं को बहाल करना पड़ गया. इंटरनेट सेवाएं एक दिन पहले बंद कर दी गई थीं. इंटरनेट सेवाओं को बाधित किये जाने और उन्हें बंद किये जाने की कार्रवाई पर रखने वाली लंदन की 'नेटब्लॉक्स' सेवा ने इस बात की पुष्टि की है कि म्यांमार में रविवार को आंशिक रूप से इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.

हालांकि, उसने यह भी कहा कि इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया जाना अस्थायी हो सकता है. साथ ही, उसने बताया कि सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल अब भी बंद है. इससे पहले, यंगून में विभिन्न हिस्सों से प्रदर्शन शुरू करते हुए लोग शहर के प्रमुख इलाके के मध्य में स्थित सुले पगोडा में एकत्र हुए. इस दौरान उन्होंने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का विरोध करते हुए नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू ची और उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं को नजरबंदी से रिहा करने की मांग की.

सोमवार को तख्तापलट होने के बाद से ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती जा रही है. यंगून विश्वविद्यालय के निकट प्रमुख चौराहे पर एकत्र मजदूर संघों कम से कम 2,000 सदस्यों, छात्र कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने 'आपकी आयु लंबी हो मां सू ची' और 'सैन्य तानाशाही खत्म करो' के नारे लगाए. उन्होंने मुख्य सड़क की ओर मार्च किया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ. वाहन चालकों ने अपने वाहनों का हॉर्न बजाकर उनका समर्थन किया. इस दौरान पुलिस ने विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया. इसके अलावा पानी की बौछारें करने वाली दो गाड़ियां भी पास ही खड़ी थीं.

पढ़ें: न्यूयॉर्क असेम्बली ने पारित किया कश्मीर प्रस्ताव, भारत ने दी तीखी प्रक्रिया

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे, जिन पर सू ची और राष्ट्रपति विन मिंत को रिहा करने की अपील की गई थी, जिन्हें उनके आवास में ही नजरबंद रखा गया है और उन पर मामूली अपराधों के आरोप लगाए गए हैं. इससे पहले, शनिवार को नए सैन्य शासन ने अधिकतर स्थानों पर इंटरनेट बंद कर दिया था. साथ ही उसने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी पाबंदी लगा दी थी। फेसबुक के इस्तेमाल पर इस सप्ताह की शुरुआत में ही रोक लगाई जा चुकी है, हालांकि यह पाबंदी पूरी तरह से प्रभाव में नहीं आई है.

यंगून : म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ रविवार को देश के सबसे बड़े शहर यंगून में हजारों लोगों की भीड़ ने सड़कों पर उतरकर मार्च किया, नतीजतन इंटरनेट सेवाओं को बहाल करना पड़ गया. इंटरनेट सेवाएं एक दिन पहले बंद कर दी गई थीं. इंटरनेट सेवाओं को बाधित किये जाने और उन्हें बंद किये जाने की कार्रवाई पर रखने वाली लंदन की 'नेटब्लॉक्स' सेवा ने इस बात की पुष्टि की है कि म्यांमार में रविवार को आंशिक रूप से इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं.

हालांकि, उसने यह भी कहा कि इंटरनेट सेवाओं को बहाल किया जाना अस्थायी हो सकता है. साथ ही, उसने बताया कि सोशल मीडिया मंचों का इस्तेमाल अब भी बंद है. इससे पहले, यंगून में विभिन्न हिस्सों से प्रदर्शन शुरू करते हुए लोग शहर के प्रमुख इलाके के मध्य में स्थित सुले पगोडा में एकत्र हुए. इस दौरान उन्होंने म्यांमार में सैन्य तख्तापलट का विरोध करते हुए नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू ची और उनकी पार्टी के शीर्ष नेताओं को नजरबंदी से रिहा करने की मांग की.

सोमवार को तख्तापलट होने के बाद से ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ती जा रही है. यंगून विश्वविद्यालय के निकट प्रमुख चौराहे पर एकत्र मजदूर संघों कम से कम 2,000 सदस्यों, छात्र कार्यकर्ताओं और आम लोगों ने 'आपकी आयु लंबी हो मां सू ची' और 'सैन्य तानाशाही खत्म करो' के नारे लगाए. उन्होंने मुख्य सड़क की ओर मार्च किया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ. वाहन चालकों ने अपने वाहनों का हॉर्न बजाकर उनका समर्थन किया. इस दौरान पुलिस ने विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार को बंद कर दिया. इसके अलावा पानी की बौछारें करने वाली दो गाड़ियां भी पास ही खड़ी थीं.

पढ़ें: न्यूयॉर्क असेम्बली ने पारित किया कश्मीर प्रस्ताव, भारत ने दी तीखी प्रक्रिया

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में पोस्टर ले रखे थे, जिन पर सू ची और राष्ट्रपति विन मिंत को रिहा करने की अपील की गई थी, जिन्हें उनके आवास में ही नजरबंद रखा गया है और उन पर मामूली अपराधों के आरोप लगाए गए हैं. इससे पहले, शनिवार को नए सैन्य शासन ने अधिकतर स्थानों पर इंटरनेट बंद कर दिया था. साथ ही उसने ट्विटर और इंस्टाग्राम पर भी पाबंदी लगा दी थी। फेसबुक के इस्तेमाल पर इस सप्ताह की शुरुआत में ही रोक लगाई जा चुकी है, हालांकि यह पाबंदी पूरी तरह से प्रभाव में नहीं आई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.