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4 अफगान पत्रकारों को खुफिया एजेंसी ने किया गिरफ्तार - अफगान प्रेस स्वतंत्रता समूह

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना है कि चारों पर तालिबान के दुष्प्रचार को प्रसारित करने का आरोप है. अफगान मीडिया निगरानी संगठन ने कहा कि वे सोमवार को कंधार लौट आए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया.

गिरफ्तार
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Published : Jul 27, 2021, 9:26 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) द्वारा हाल ही में अपने कब्जे में लिए गए एक सीमावर्ती क्षेत्र की रिपोर्टिंग करने के बाद कंधार शहर (city of Kandahar) लौटने के उपरांत चार अफगान पत्रकारों को देश की खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया. एक अफगान प्रेस स्वतंत्रता समूह ने आज (मंगलवार) यह जानकारी दी.

चारों ने तालिबान कमांडरों का साक्षात्कार लेने के लिए स्पिन बोल्डाक की यात्रा की थी, जब उग्रवादियों ने पाकिस्तान से सटे एक सीमावर्ती क्षेत्र पर कब्जा कर लिया.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना है कि चारों पर तालिबान के दुष्प्रचार को प्रसारित करने का आरोप है. अफगान मीडिया निगरानी संगठन ने कहा कि वे सोमवार को कंधार लौट आए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें- पाकिस्तान और सऊदी अरब मिलकर काम करने पर सहमत हुए

अफगान मीडिया के मुताबिक, आज (मंगलवार) पत्रकारों के ठिकाने का पता नहीं चला. संगठन ने बताया कि तीन रिपोर्टर-बसीमुल्लाह वतनदोस्त, कुदरत सुल्तानी और मोहेब ओबैदी स्थानीय रेडियो स्टेशन मेल्लत झाग के लिए काम करते हैं. चौथे सनाउल्लाह सियाम हैं, जो एक समाचार एजेंसी के कैमरामैन हैं.

कतर में स्थित विद्रोहियों के राजनीतिक कार्यालय के साथ तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने अफगान प्रशासन द्वारा की गई गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि चारों केवल अपना काम कर रहे थे, घटनाओं को कवर करने और तथ्यों को सामने लाने की कोशिश कर रहे थे.

नाई ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध है और पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग की.

मंगलवार को बाद में, अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्टैनिकजई ने कहा कि चारों पर दुश्मन के दुष्प्रचार को फैलाने का आरोप लगाया गया है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि काबुल सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन आगाह किया कि उसे देश के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा.

पढ़ें- चीनी को देख भड़का भारतीय, बोल बैठा ऐसी बात कि हो गई जेल

स्टैनिकजई ने कहा, 'आतंकवादियों और दुश्मन को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय हित के खिलाफ किसी भी तरह के प्रचार को अपराध के रूप में गिना जाएगा.'

गौरतलब है कि रिपोर्टरों को अफगानिस्तान में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है और अक्सर उन्हें हिंसा, खतरों और धमकियों का सामना करता पड़ता है. उन्हें अपना काम ठीक से करने से रोका जाता है.

युद्धग्रस्त देश में 2,000 से अधिक आधिकारिक तौर पर पंजीकृत मीडिया संगठन हैं.

अफगान पत्रकार सुरक्षा समिति के अनुसार, देश में 2019 की तुलना में 2020 में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई. समिति ने पिछले साल पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के खिलाफ हिंसा के 132 मामलों को दर्ज किया था.

(एपी)

काबुल : अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) द्वारा हाल ही में अपने कब्जे में लिए गए एक सीमावर्ती क्षेत्र की रिपोर्टिंग करने के बाद कंधार शहर (city of Kandahar) लौटने के उपरांत चार अफगान पत्रकारों को देश की खुफिया एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया. एक अफगान प्रेस स्वतंत्रता समूह ने आज (मंगलवार) यह जानकारी दी.

चारों ने तालिबान कमांडरों का साक्षात्कार लेने के लिए स्पिन बोल्डाक की यात्रा की थी, जब उग्रवादियों ने पाकिस्तान से सटे एक सीमावर्ती क्षेत्र पर कब्जा कर लिया.

गृह मंत्रालय के एक प्रवक्ता का कहना है कि चारों पर तालिबान के दुष्प्रचार को प्रसारित करने का आरोप है. अफगान मीडिया निगरानी संगठन ने कहा कि वे सोमवार को कंधार लौट आए और उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा निदेशालय ने गिरफ्तार कर लिया.

पढ़ें- पाकिस्तान और सऊदी अरब मिलकर काम करने पर सहमत हुए

अफगान मीडिया के मुताबिक, आज (मंगलवार) पत्रकारों के ठिकाने का पता नहीं चला. संगठन ने बताया कि तीन रिपोर्टर-बसीमुल्लाह वतनदोस्त, कुदरत सुल्तानी और मोहेब ओबैदी स्थानीय रेडियो स्टेशन मेल्लत झाग के लिए काम करते हैं. चौथे सनाउल्लाह सियाम हैं, जो एक समाचार एजेंसी के कैमरामैन हैं.

कतर में स्थित विद्रोहियों के राजनीतिक कार्यालय के साथ तालिबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने अफगान प्रशासन द्वारा की गई गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि चारों केवल अपना काम कर रहे थे, घटनाओं को कवर करने और तथ्यों को सामने लाने की कोशिश कर रहे थे.

नाई ने कहा कि गिरफ्तारी अवैध है और पत्रकारों की तत्काल रिहाई की मांग की.

मंगलवार को बाद में, अफगान गृह मंत्रालय के प्रवक्ता मीरवाइज स्टैनिकजई ने कहा कि चारों पर दुश्मन के दुष्प्रचार को फैलाने का आरोप लगाया गया है.

उन्होंने जोर देकर कहा कि काबुल सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन आगाह किया कि उसे देश के संविधान और कानूनों का पालन करना होगा.

पढ़ें- चीनी को देख भड़का भारतीय, बोल बैठा ऐसी बात कि हो गई जेल

स्टैनिकजई ने कहा, 'आतंकवादियों और दुश्मन को लाभ पहुंचाने के साथ-साथ अफगानिस्तान के राष्ट्रीय हित के खिलाफ किसी भी तरह के प्रचार को अपराध के रूप में गिना जाएगा.'

गौरतलब है कि रिपोर्टरों को अफगानिस्तान में अत्यंत कठिन परिस्थितियों में काम करना पड़ता है और अक्सर उन्हें हिंसा, खतरों और धमकियों का सामना करता पड़ता है. उन्हें अपना काम ठीक से करने से रोका जाता है.

युद्धग्रस्त देश में 2,000 से अधिक आधिकारिक तौर पर पंजीकृत मीडिया संगठन हैं.

अफगान पत्रकार सुरक्षा समिति के अनुसार, देश में 2019 की तुलना में 2020 में पत्रकारों के खिलाफ हिंसा में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई. समिति ने पिछले साल पत्रकारों और मीडिया कर्मियों के खिलाफ हिंसा के 132 मामलों को दर्ज किया था.

(एपी)

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