इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ननकाना साहिब गुरुद्वारे के बाहर भीड़ के उपद्रव की निंदा करते हुए कहा है कि यह घटना उनकी दृष्टी के खिलाफ है और इस घटना के प्रति सरकार या अदालत द्वारा शून्य सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) बरती जाएगी.
दरअसल सिख समुदाय के पवित्रतम स्थलों में एक पाकिस्तान के ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर शुक्रवार को भीड़ ने हंगामा किया था और सिख समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बातें की थीं. आरोप है कि गुरुद्वारे पर पथराव किया गया था. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इससे इनकार करते हुए कहा है कि गुरुद्वारे को निशाना नहीं बनाया गया.
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घटना के वीडियो में साफ दिखा कि भीड़ का नेतृत्व करने वाला ननकाना साहिब से सिखों को निकालने समेत अन्य आपत्तिजनक बातें कर रहा है. भीड़ में वह मुस्लिम परिवार आगे था, जिस पर एक सिख लड़की के जबरन अपहरण और परिवार के सदस्य से शादी करने का आरोप है.
इस मामले के सुर्खियों में आने और कानूनी कार्रवाई से नाराज परिवार ने समुदाय के अन्य लोगों के साथ मिलकर सिखों के पवित्रतम स्थानों में एक की बेअदबी की.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस पर लीपापोती करने की कोशिश की और घटना को आश्चर्यजनक रूप से दो मुस्लिम समूहों के बीच की ही तकरार करार दिया और कहा कि हालात पर जल्द ही काबू पा लिया गया.
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लेकिन, रविवार को इमरान के ट्वीट ने साफ कर दिया कि ननकाना साहिब में सिख समुदाय को निशाना बनाया गया था. इमरान ने अपने ट्वीट में इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह अल्पसंख्यकों के प्रति उनकी सोच के खिलाफ है. हालांकि, इमरान इस निंदा में भी भारत का नाम घसीटने से नहीं चूके.
इमरान ने ट्वीट में कहा, 'जो बड़ा फर्क ननकाना साहिब की निंदनीय घटना और भारतभर में मुसलमानों व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी हमलों में है, वह यह है कि ननकाना साहिब की घटना मेरे विजन के खिलाफ है और इसे सरकार की समावेशी नीतियों और अदालत में कोई संरक्षण नहीं मिलेगा और इसके (घटना के) प्रति शून्य सहिष्णुता बरती जाएगी. इसके विपरीत, मोदी (भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) की आरएसएस सोच अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का समर्थन करती है.'