बीजिंग: अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में एक मसौदा भेजा. इस मसौदे पर चीन ने आरोप लगाया कि अमेरिका ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए यूएनएससी में जबरदस्ती मसौदा प्रस्ताव पेश किया है.
इसके अलावा चीन ने कहा कि इस मसौदे ने संयुक्त राष्ट्र आतंकवाद-रोधी समिति के अधिकार को कमजोर किया है. चीन ने कहा कि अमेरिका का यह कदम इस मुद्दे को केवल जटिल बनाता है.
संपत्ति जब्त और ब्लैक लिस्ट करने की मांग
सुरक्षा परिषद के 1267 के तहत परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति में अजहर को सूचीबद्ध कर उसे वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के एक प्रस्ताव पर चीन के वीटो करने के दो सप्ताह के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान के आतंकी समूह के मुखिया का नाम काली सूची में डालने, उसके यात्रा करने पर प्रतिबंध लगाने, उसकी संपत्ति जब्त करने आदि के लिए परिषद को मसौदा प्रस्ताव भेजा था.
अन्य देशों का समर्थन
अमेरिका के इस प्रस्ताव को फ्रांस और ब्रिटेन का समर्थन प्राप्त है.
चीन की दलील- मुद्दा जटिल बन रहा है
इस घटनाक्रम के बारे में पूछे जाने पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने मीडिया ब्रीफिंग में बताया कि अमेरिका का यह कदम इस मुद्दे को केवल जटिल बनाता है.
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समिति के अधिकार कमजोर किए
उन्होंने कहा, यह बातचीत और वार्ता के माध्यम से मुद्दे के समाधान के अनुरूप नहीं है. इसने यूएनएससी के एक मुख्य आतंकवाद-निरोधी निकाय के रूप में समिति के अधिकार को कम किया है और इससे मुद्दा केवल जटिल हुआ है.
बलपूर्वक आगे बढ़ाने का आरोप
गेंग ने कहा, हम अमेरिका से आग्रह करते हैं कि वह सतर्कतापूर्वक काम करे और इस प्रस्ताव के मसौदे को बलपूर्वक आगे बढ़ाने से बचे.
भारत की प्रतिक्रिया
MEA के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, 'इस समय प्रक्रिया पूरी तरह से परिषद और उसके सदस्यों की अनौपचारिक चर्चा के मापदंडों के भीतर है इसलिए इस स्तर पर इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा.'
मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, 'हमारे लिए मसूद अजहर आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद, जिसने14 फरवरी को पुलवामा में हमारे अर्धसैनिक बलों के जवानों पर जघन्य हमले सहित हमारे नागरिकों पर कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है, का संस्थापक है.'