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पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत-चीन सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया सुगमता से जारी : चीन

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Published : Feb 18, 2021, 10:02 PM IST

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 'संबद्ध प्रक्रिया संपूर्ण रूप से सुगमता से चल रही है. हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष लक्ष्य को हासिल करने के लिए सम्मिलित प्रयास करेंगे.

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बीजिंग : चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया सुगमता से जारी है. साथ ही यह उम्मीद जताई कि दोनों देश लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर प्रयास करेंगे.

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने 10 फरवरी को एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह घोषणा की थी कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी एवं उत्तरी किनारों पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों ने साथ-साथ तथा व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 'संबद्ध प्रक्रिया संपूर्ण रूप से सुगमता से चल रही है. हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष लक्ष्य को हासिल करने के लिए सम्मिलित प्रयास करेंगे.

सुगमता से हट रहीं दोनों सेनाएं

हुआ ने कहा कि हमारी कई दौर की वार्ताओं में बनी सहमति के मुताबिक, अग्रिम मोर्चे के सैनिकों ने दोनों ही ओर साथ-साथ और व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष सैनिकों की पूर्ण वापसी की प्रक्रिया सुगमतापूर्वक सुनिश्चित करने के लिए हमारे (दोनों देशों के) बीच बनी सहमति और हमारे बीच हुए समझौतों को ध्यान में रखेंगे. सैनिकों की वापसी की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं इसकी कोई निश्चित समय सीमा से अवगत नहीं हूं. आप सेना से पूछ सकते हैं.

सेना ने जारी की थीं तस्वीरें

गौरतलब है कि नौ महीनों तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बने रहने के बाद, दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से पीछे हटने के समझौते पर पहुंची हैं. यह समझौता दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित किए जा सकने वाले तरीकों से पीछे हटने का प्रावधान करता है. भारतीय थल सेना ने मंगलवार को कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी की थी. इनमें पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो (झील) के आस-पास के स्थानों से चीनी सेना द्वारा अपने सैनिकों की संख्या में कम किए जाने और उसके द्वारा अपने बंकर, शिविर और अन्य सुविधाओं को नष्ट करते देखा जा सकता है.

यह भी पढ़ें-टाइम इमर्जिंग लीडर्स : दुनिया के 100 लोगों में चंद्रशेखर समेत पांच भारतवंशी हस्तियां शामिल

वीडियो में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कुछ संरचनाओं को समतल करने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए दिखाया गया है. साथ ही, इसमें चीन के सैनिकों को उपकरण, वाहनों के साथ पीछे हटने की तैयारी करते भी दिखाया गया है. सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पिछले हफ्ते बुधवार को शुरू हुई थी.

बीजिंग : चीन ने बृहस्पतिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया सुगमता से जारी है. साथ ही यह उम्मीद जताई कि दोनों देश लक्ष्य को हासिल करने के लिए साथ मिलकर प्रयास करेंगे.

चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एवं वरिष्ठ कर्नल वु कियान ने 10 फरवरी को एक संक्षिप्त प्रेस विज्ञप्ति जारी कर यह घोषणा की थी कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी एवं उत्तरी किनारों पर अग्रिम मोर्चे पर तैनात चीन और भारत के सैनिकों ने साथ-साथ तथा व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया में हुई प्रगति के बारे में पूछे जाने पर कहा कि 'संबद्ध प्रक्रिया संपूर्ण रूप से सुगमता से चल रही है. हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष लक्ष्य को हासिल करने के लिए सम्मिलित प्रयास करेंगे.

सुगमता से हट रहीं दोनों सेनाएं

हुआ ने कहा कि हमारी कई दौर की वार्ताओं में बनी सहमति के मुताबिक, अग्रिम मोर्चे के सैनिकों ने दोनों ही ओर साथ-साथ और व्यवस्थित तरीके से पीछे हटना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों पक्ष सैनिकों की पूर्ण वापसी की प्रक्रिया सुगमतापूर्वक सुनिश्चित करने के लिए हमारे (दोनों देशों के) बीच बनी सहमति और हमारे बीच हुए समझौतों को ध्यान में रखेंगे. सैनिकों की वापसी की समय सीमा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि मैं इसकी कोई निश्चित समय सीमा से अवगत नहीं हूं. आप सेना से पूछ सकते हैं.

सेना ने जारी की थीं तस्वीरें

गौरतलब है कि नौ महीनों तक पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध बने रहने के बाद, दोनों देशों की सेनाएं पैंगोंग झील के उत्तरी एवं दक्षिणी किनारों से पीछे हटने के समझौते पर पहुंची हैं. यह समझौता दोनों देशों के अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों के चरणबद्ध, समन्वित और सत्यापित किए जा सकने वाले तरीकों से पीछे हटने का प्रावधान करता है. भारतीय थल सेना ने मंगलवार को कुछ छोटे वीडियो और तस्वीरें जारी की थी. इनमें पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग त्सो (झील) के आस-पास के स्थानों से चीनी सेना द्वारा अपने सैनिकों की संख्या में कम किए जाने और उसके द्वारा अपने बंकर, शिविर और अन्य सुविधाओं को नष्ट करते देखा जा सकता है.

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वीडियो में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कुछ संरचनाओं को समतल करने के लिए बुलडोजर का उपयोग करते हुए दिखाया गया है. साथ ही, इसमें चीन के सैनिकों को उपकरण, वाहनों के साथ पीछे हटने की तैयारी करते भी दिखाया गया है. सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया पिछले हफ्ते बुधवार को शुरू हुई थी.

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