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राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संविधान का उल्लंघन किया : इस्लामाबाद हाईकोर्ट से PAK चुनाव आयोग

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा नियुक्त किए गए पाकिस्तान चुनाव आयोग के दो सदस्यों को मुख्य चुनाव आयुक्त सरदार मोहम्मद रजा खान ने शपथ दिलाने से इंकार कर दिया. आयोग ने कहा है कि राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने संविधान का उल्लंघन किया है. जानें पूरा मामला

राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (फाइल फोटो)
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Published : Sep 13, 2019, 6:06 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 11:48 AM IST

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया है. आयोग ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि द्वारा सिंध और बलूचिस्तान के चुनाव आयोग के दो सदस्यों की नियुक्ति के लिए जारी एक आदेश संविधान का उल्लंघन था.

डॉन में छपी खबर के अनुसार, इन दोनों ECP सदस्यों की नियुक्ति के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में वकील जहांगीर खान जादौन द्वारा दायर याचिका के जवाब में, आयोग ने गुरुवार को कहा कि क्योंकि इन दोनों को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा अनुसरण किए बिना नियुक्त किए गए था.

इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) जस्टिस सरदार मोहम्मद रजा खान ने शपथ का पालन करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि उन्होंने संविधान में निर्धारित की गई प्रक्रिया का पालन नहीं किया.

याचिका में कहा गया है कि चुनाव प्रक्रिया में हुई गंभीर अवैधता के कारण CEC ने नए सदस्यों को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है.

ECP के अनुसार, राष्ट्रपति ने यह नियुक्तियां करते समय न केवल संविधान का उल्लंघन किया बल्कि संसदीय समिति को भी दरकिनार किया.

पढ़ें- मुहाजिर नेता ने खोली पाक की पोल, PoK में सेना पर लगाया अत्याचार का आरोप

बता दें कि अल्वी ने 22 अगस्त को सिंध के खालिद महमूद सिद्दिकी और ब्लूचस्तान के मुनीर अहमद काकर को नियुक्त किया.

इसके बाद CEC ने दोनों सदस्यों को शपथ दिलाने से इंकार कर दिया और और कानून मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि नियुक्ति संविधान के अनुसार नहीं है. CEC ने

यह स्पष्ट कर दिया कि वो गैर संविधानिक सदस्यों को किसी भी हाल में शपथ नहीं दिलाएंगे.

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया है. आयोग ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि द्वारा सिंध और बलूचिस्तान के चुनाव आयोग के दो सदस्यों की नियुक्ति के लिए जारी एक आदेश संविधान का उल्लंघन था.

डॉन में छपी खबर के अनुसार, इन दोनों ECP सदस्यों की नियुक्ति के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में वकील जहांगीर खान जादौन द्वारा दायर याचिका के जवाब में, आयोग ने गुरुवार को कहा कि क्योंकि इन दोनों को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा अनुसरण किए बिना नियुक्त किए गए था.

इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) जस्टिस सरदार मोहम्मद रजा खान ने शपथ का पालन करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि उन्होंने संविधान में निर्धारित की गई प्रक्रिया का पालन नहीं किया.

याचिका में कहा गया है कि चुनाव प्रक्रिया में हुई गंभीर अवैधता के कारण CEC ने नए सदस्यों को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है.

ECP के अनुसार, राष्ट्रपति ने यह नियुक्तियां करते समय न केवल संविधान का उल्लंघन किया बल्कि संसदीय समिति को भी दरकिनार किया.

पढ़ें- मुहाजिर नेता ने खोली पाक की पोल, PoK में सेना पर लगाया अत्याचार का आरोप

बता दें कि अल्वी ने 22 अगस्त को सिंध के खालिद महमूद सिद्दिकी और ब्लूचस्तान के मुनीर अहमद काकर को नियुक्त किया.

इसके बाद CEC ने दोनों सदस्यों को शपथ दिलाने से इंकार कर दिया और और कानून मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि नियुक्ति संविधान के अनुसार नहीं है. CEC ने

यह स्पष्ट कर दिया कि वो गैर संविधानिक सदस्यों को किसी भी हाल में शपथ नहीं दिलाएंगे.

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Prez violated Constitution: Pak EC tells court

Islamabad, Sep 13 (IANS) The Election Commission of Pakistan (ECP) told the Islamabad High Court that an order issued by President Arif Alvi for the appointment of two ECP members from Sindh and Balochistan was in violation of the Constitution.



In response to a petition filed by advocate Jahangir Khan Jadoon in the IHC against the appointment of two ECP members, the Commission on Thursday argued that the Chief Election Commissioner (CEC) had declined to administer the oath because they had been appointed by Alvi without following the necessary procedure laid down in the Constitution, Dawn news reported.



The petition pointed out that due to the "grave illegality, the CEC has refused to administer oath" to the newly appointed members.



According to the ECP, the President had not only violated the Constitution but also bypassed the parliamentary committee while making these appointments.



President Alvi had on August 22 appointed Khalid Meh­mood Siddiqui from Sindh and Munir Ahmed Kakar from Balochistan.



The CEC refused to administer the oath to both members-designate and wrote a letter to the Law Ministry, observing that the appointment was not in accordance with the Constitution.



He made it clear that he would not administer the oath to the "unconstitutionally" appointed members.


Conclusion:
Last Updated : Sep 30, 2019, 11:48 AM IST
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