इस्लामाबाद: पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ECP) ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी पर संविधान के उल्लंघन का आरोप लगाया है. आयोग ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को बताया कि द्वारा सिंध और बलूचिस्तान के चुनाव आयोग के दो सदस्यों की नियुक्ति के लिए जारी एक आदेश संविधान का उल्लंघन था.
डॉन में छपी खबर के अनुसार, इन दोनों ECP सदस्यों की नियुक्ति के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट में वकील जहांगीर खान जादौन द्वारा दायर याचिका के जवाब में, आयोग ने गुरुवार को कहा कि क्योंकि इन दोनों को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा अनुसरण किए बिना नियुक्त किए गए था.
इसलिए मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) जस्टिस सरदार मोहम्मद रजा खान ने शपथ का पालन करने से इनकार कर दिया था. क्योंकि उन्होंने संविधान में निर्धारित की गई प्रक्रिया का पालन नहीं किया.
याचिका में कहा गया है कि चुनाव प्रक्रिया में हुई गंभीर अवैधता के कारण CEC ने नए सदस्यों को शपथ दिलाने से इनकार कर दिया है.
ECP के अनुसार, राष्ट्रपति ने यह नियुक्तियां करते समय न केवल संविधान का उल्लंघन किया बल्कि संसदीय समिति को भी दरकिनार किया.
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बता दें कि अल्वी ने 22 अगस्त को सिंध के खालिद महमूद सिद्दिकी और ब्लूचस्तान के मुनीर अहमद काकर को नियुक्त किया.
इसके बाद CEC ने दोनों सदस्यों को शपथ दिलाने से इंकार कर दिया और और कानून मंत्रालय को एक पत्र लिखा, जिसमें कहा गया कि नियुक्ति संविधान के अनुसार नहीं है. CEC ने
यह स्पष्ट कर दिया कि वो गैर संविधानिक सदस्यों को किसी भी हाल में शपथ नहीं दिलाएंगे.