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पंजशीर में खूनी संघर्ष, रेजिस्टेंस फोर्स का 600 तालिबानियों को मारने का दावा - नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स

पंजशीर के नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स ने खूनी संघर्ष में तालिबान के करीब 600 लड़ाकों को मारने का दावा किया है. रेजिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता ने ट्वीट कर कहा कि 1,000 से अधिक तालिबानी आतंकवादियों को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है.

रेजिस्टेंस फोर्स
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Published : Sep 5, 2021, 1:24 PM IST

Updated : Sep 5, 2021, 1:34 PM IST

काबुल : अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर पर कब्जा करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने अभियान शुरू किया था. लेकिन पंजशीर के नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स (National Resistance Force) से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को तालिबानी लड़ाकों और नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें तालिबान को भारी नुकसान हुआ है.

रेजिस्टेंस फोर्स ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी प्रांत पंजशीर में हुए संघर्ष में करीब 600 तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं और एक हजार से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों ने सरेंडर कर दिया है.

स्पुतनिक न्यूज के अनुसार, रेजिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता फहीम दश्ती (Fahim Dashti) ने ट्वीट किया, पंजशीर के विभिन्न जिलों में लगभग 600 तालिबानी आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है. 1,000 से अधिक तालिबानी आतंकवादियों को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है.

इसके उलट, तालिबान ने दावा किया है कि उसने पंजशीर के चार जिलों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिले हमारे कब्जे में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि तालिबान लड़ाके पंजशीर के केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं.

मीडिया समूह अल-जज़ीरा ने तालिबान के हवाले से बताया कि पंजशीर में लड़ाई चल रही थी, लेकिन राजधानी बाजारक और प्रांतीय गवर्नर के परिसर की ओर जाने वाली बारूदी सुरंगों के कारण गति धीमी हो गई थी.

शनिवार को अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति और विद्रोही गुट के नेता अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के पंजशीर घाटी पर कब्जा करने के दावे को खारिज किया था. सालेह ने कहा था, अभी भी पंजशीर में लड़ाई जारी है. मैं अपनी मिट्टी के साथ हूं और इसकी गरिमा की रक्षा कर रहा हूं.

यह भी पढ़ें- तालिबान का पंजशीर पर कब्जे के दावे को अमरुल्ला सालेह ने किया खारिज, बोले- लड़ाई जारी है

बता दें, पिछले कई दिनों से पंजशीर प्रांत में अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. शुरुआती कुछ दिनों तक तालिबान और विद्रोही गुट के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके बाद, तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा करने के लिए अभियान शुरू किया.

पंजशीर अफगानिस्तान के नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का गढ़ है, जिसका नेतृत्व दिवंगत गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं. तालिबान ने उस समय भी पंजशीर घाटी पर कब्जा नहीं कर सका था, जब उसने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था.

काबुल : अफगानिस्तान के आखिरी प्रांत पंजशीर पर कब्जा करने के लिए तालिबान के लड़ाकों ने अभियान शुरू किया था. लेकिन पंजशीर के नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स (National Resistance Force) से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को तालिबानी लड़ाकों और नेशनल रेजिस्टेंस फोर्स के बीच खूनी संघर्ष हुआ, जिसमें तालिबान को भारी नुकसान हुआ है.

रेजिस्टेंस फोर्स ने दावा किया है कि अफगानिस्तान के उत्तर-पूर्वी प्रांत पंजशीर में हुए संघर्ष में करीब 600 तालिबानी लड़ाके मारे गए हैं और एक हजार से ज्यादा तालिबानी लड़ाकों ने सरेंडर कर दिया है.

स्पुतनिक न्यूज के अनुसार, रेजिस्टेंस फोर्स के प्रवक्ता फहीम दश्ती (Fahim Dashti) ने ट्वीट किया, पंजशीर के विभिन्न जिलों में लगभग 600 तालिबानी आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है. 1,000 से अधिक तालिबानी आतंकवादियों को पकड़ लिया गया है या उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है.

इसके उलट, तालिबान ने दावा किया है कि उसने पंजशीर के चार जिलों पर कब्जा कर लिया है. तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि पंजशीर प्रांत के सात में से चार जिले हमारे कब्जे में आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि तालिबान लड़ाके पंजशीर के केंद्र की ओर बढ़ रहे हैं.

मीडिया समूह अल-जज़ीरा ने तालिबान के हवाले से बताया कि पंजशीर में लड़ाई चल रही थी, लेकिन राजधानी बाजारक और प्रांतीय गवर्नर के परिसर की ओर जाने वाली बारूदी सुरंगों के कारण गति धीमी हो गई थी.

शनिवार को अफगानिस्तान के पूर्व उप-राष्ट्रपति और विद्रोही गुट के नेता अमरुल्ला सालेह ने तालिबान के पंजशीर घाटी पर कब्जा करने के दावे को खारिज किया था. सालेह ने कहा था, अभी भी पंजशीर में लड़ाई जारी है. मैं अपनी मिट्टी के साथ हूं और इसकी गरिमा की रक्षा कर रहा हूं.

यह भी पढ़ें- तालिबान का पंजशीर पर कब्जे के दावे को अमरुल्ला सालेह ने किया खारिज, बोले- लड़ाई जारी है

बता दें, पिछले कई दिनों से पंजशीर प्रांत में अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह तालिबान के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. शुरुआती कुछ दिनों तक तालिबान और विद्रोही गुट के बीच बातचीत का दौर चला, लेकिन कोई हल नहीं निकला. इसके बाद, तालिबान ने पंजशीर पर कब्जा करने के लिए अभियान शुरू किया.

पंजशीर अफगानिस्तान के नेशनल रेजिस्टेंस फ्रंट का गढ़ है, जिसका नेतृत्व दिवंगत गुरिल्ला कमांडर अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद और अमरुल्ला सालेह कर रहे हैं. तालिबान ने उस समय भी पंजशीर घाटी पर कब्जा नहीं कर सका था, जब उसने 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान पर शासन किया था.

Last Updated : Sep 5, 2021, 1:34 PM IST
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