इस्लामाबाद : पाकिस्तान के संघीय गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) को बताया है कि जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मिली सजा को पूरा करने के बाद पांच भारतीय जासूसों को वापस भारत भेज दिया गया है.
मंत्रालय भारतीय उच्चायोग द्वारा दायर एक याचिका का जवाब दे रहा था, जिसमें बिचरे, बंग कुमार, सतीश भाग और सोनू सिंह सहित कम से कम पांच जासूसों को पाकिस्तानी जेल से रिहा करने की मांग की गई थी, क्योंकि उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली थी.
याचिका में कहा गया कि सजा पूरी करने के बाद कैदियों को जेल में रखना पाकिस्तान के संविधान के तहत अधिकारों की अवहेलना है. भारतीय उच्चायोग ने कहा कि कानूनी तौर पर उन्हें जेल में रखने का कोई कारण नहीं बनता. कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए और उनके भारत लौटने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
हालांकि, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट को सूचित किया कि जासूसी के दोषी पांच भारतीय कैदियों को उनकी सजा पूरी करने के बाद 26 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया और वापस भारत भेज दिया गया, जबकि एक अपनी सजा पूरी होने के बाद भी वापस नहीं जाना चाहता था. हालांकि, उसे डिपोर्ट कर दिया गया.
मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि गृह मंत्रालय ने पांच भारतीय कैदियों को डिपोर्ट कर दिया है. आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने याचिकाओं की सुनवाई की अगुवाई की और पूछा कि आप उन्हें उनकी सजा से अधिक समय तक कैसे रख सकते हैं?
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय कैदियों ने सजा पूरी कर ली है, तो उन्हें वापस भेज दें. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद कैदी को जेल में रखना एक अपराध है. जिन कैदियों ने अपनी सजा पूरी की हैं, उन्हें कानून के अनुसार जेल से रिहा किया जाना चाहिए.
तीन और भारतीय कैदियों की रिहाई और वापसी की मांग करने वाली एक अलग याचिका को 5 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया. याचिका की सुनवाई के दौरान भारतीय उच्चायोग ने उल्लेख किया कि तीन और नागरिक हैं, जो अपनी सजा पूरी करने के बावजूद पाकिस्तानी जेल में हैं. डिप्टी अटॉर्नी जनरल (डीएजी) तैय्यब शाह ने जवाब दिया कि अदालत आने वाले दिनों में शेष तीन कैदियों के मामले को भी देखेगी.
पाकिस्तान : सजा पूरी होने पर रिहा किए गए पांच भारतीय जासूस
भारतीय उच्चायोग द्वारा दायर एक याचिका पर प्रतिक्रिया देते हुए संघीय गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट को सूचित किया कि पांच भारतीय कैदियों ने जासूसी और आतंकवाद के आरोपों के तहत अपनी सजा पूरी कर चुके थे, उन्हें भारत वापस भेज दिया गया है.
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के संघीय गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) को बताया है कि जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मिली सजा को पूरा करने के बाद पांच भारतीय जासूसों को वापस भारत भेज दिया गया है.
मंत्रालय भारतीय उच्चायोग द्वारा दायर एक याचिका का जवाब दे रहा था, जिसमें बिचरे, बंग कुमार, सतीश भाग और सोनू सिंह सहित कम से कम पांच जासूसों को पाकिस्तानी जेल से रिहा करने की मांग की गई थी, क्योंकि उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली थी.
याचिका में कहा गया कि सजा पूरी करने के बाद कैदियों को जेल में रखना पाकिस्तान के संविधान के तहत अधिकारों की अवहेलना है. भारतीय उच्चायोग ने कहा कि कानूनी तौर पर उन्हें जेल में रखने का कोई कारण नहीं बनता. कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए और उनके भारत लौटने की व्यवस्था की जानी चाहिए.
हालांकि, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने इस्लामाबाद हाई कोर्ट को सूचित किया कि जासूसी के दोषी पांच भारतीय कैदियों को उनकी सजा पूरी करने के बाद 26 अक्टूबर को रिहा कर दिया गया और वापस भारत भेज दिया गया, जबकि एक अपनी सजा पूरी होने के बाद भी वापस नहीं जाना चाहता था. हालांकि, उसे डिपोर्ट कर दिया गया.
मंत्रालय ने अपने जवाब में कहा कि गृह मंत्रालय ने पांच भारतीय कैदियों को डिपोर्ट कर दिया है. आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह ने याचिकाओं की सुनवाई की अगुवाई की और पूछा कि आप उन्हें उनकी सजा से अधिक समय तक कैसे रख सकते हैं?
उन्होंने कहा कि अगर भारतीय कैदियों ने सजा पूरी कर ली है, तो उन्हें वापस भेज दें. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सजा पूरी होने के बाद कैदी को जेल में रखना एक अपराध है. जिन कैदियों ने अपनी सजा पूरी की हैं, उन्हें कानून के अनुसार जेल से रिहा किया जाना चाहिए.
तीन और भारतीय कैदियों की रिहाई और वापसी की मांग करने वाली एक अलग याचिका को 5 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया. याचिका की सुनवाई के दौरान भारतीय उच्चायोग ने उल्लेख किया कि तीन और नागरिक हैं, जो अपनी सजा पूरी करने के बावजूद पाकिस्तानी जेल में हैं. डिप्टी अटॉर्नी जनरल (डीएजी) तैय्यब शाह ने जवाब दिया कि अदालत आने वाले दिनों में शेष तीन कैदियों के मामले को भी देखेगी.