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म्यांमार में ताजा संघर्ष में 25 की मौत

म्यांमार में हुए ताजा संघर्ष में 25 लोगों की मौत हुई है. म्यांमार में चल रहे संघर्ष में पीडीएफ के 18 सदस्यों के मारे जाने जबकि 10 से ज्यादा के घायल होने की खबर है.

म्यांमार में 25 की मौत
म्यांमार में 25 की मौत
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Published : Jul 5, 2021, 7:16 PM IST

कोलकाता: भारत की सीमा से लगे म्यांमार के एक कस्बे में बीते हफ्ते के आखिर में ताजा संघर्ष शुरू हो गया, जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई. 2 जुलाई को, म्यांमार के सैनिकों ने सागाइंग प्रांत में तबायिन बस्ती के पश्चिम में सतपयारकिन गांव को घेर लिया था. पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के नागरिक प्रतिरोध लड़ाकुओं ने हथियारों से लैस लगभग 200 सैनिकों से खिलाफ गांव का बचाव किया.

तबायिन सी आंग में पीडीएफ कमांडर ने बताया कि रविवार को प्रतिरोध समाप्त हो गया, जब पीडीएफ लड़ाकुओं की शिकारी राइफलों की गोली खत्म हो गई और धनुषों के तीर समाप्त हो गए. उन्होंने स्वीकार किया कि लगभग 48 घंटों की लंबी लड़ाई के दौरान, कम से कम 18 पीडीएफ सदस्य मारे गए और 10 से अधिक घायल हो गए. आंग ने कहा कि गोलीबारी में तीन ग्रामीणों के साथ चार जुंटा सैनिक मारे गए. उन्होंने कहा कि सैनिकों के हमले से पहले गांव में कम से कम 40 गोले दागे गए.
आंग ने कहा "हमारे प्रतिरोध के कारण उन्हें कई बार पीछे हटना पड़ा, लेकिन अंत में हम अधिक हताहत होने से बचने के लिए सतपयारकिन से बाहर चले गए और हमारे पास और गोलियां नहीं बची थीं" सतपयारकिन के ग्रामीणों ने बर्मी मीडिया समूहों को बताया कि मृतकों की संख्या 30 को पार जा सकती है. एक ग्रामीण के हवाले से कहा गया, "हम सभी शवों को नहीं निकाल सकते क्योंकि शासन की छापेमारी जारी है"
हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने सतपयारकिन और आसपास के 11 गांवों को छोड़ दिया है. एक ग्रामीण ने बर्मी मीडिया को बताया, "विस्थापित लोगों के लिए भोजन और दवा की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि वे अपने घरों से भागते समय कुछ भी नहीं लेकर जा सके।"

(आईएएनएस)

कोलकाता: भारत की सीमा से लगे म्यांमार के एक कस्बे में बीते हफ्ते के आखिर में ताजा संघर्ष शुरू हो गया, जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई. 2 जुलाई को, म्यांमार के सैनिकों ने सागाइंग प्रांत में तबायिन बस्ती के पश्चिम में सतपयारकिन गांव को घेर लिया था. पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के नागरिक प्रतिरोध लड़ाकुओं ने हथियारों से लैस लगभग 200 सैनिकों से खिलाफ गांव का बचाव किया.

तबायिन सी आंग में पीडीएफ कमांडर ने बताया कि रविवार को प्रतिरोध समाप्त हो गया, जब पीडीएफ लड़ाकुओं की शिकारी राइफलों की गोली खत्म हो गई और धनुषों के तीर समाप्त हो गए. उन्होंने स्वीकार किया कि लगभग 48 घंटों की लंबी लड़ाई के दौरान, कम से कम 18 पीडीएफ सदस्य मारे गए और 10 से अधिक घायल हो गए. आंग ने कहा कि गोलीबारी में तीन ग्रामीणों के साथ चार जुंटा सैनिक मारे गए. उन्होंने कहा कि सैनिकों के हमले से पहले गांव में कम से कम 40 गोले दागे गए.
आंग ने कहा "हमारे प्रतिरोध के कारण उन्हें कई बार पीछे हटना पड़ा, लेकिन अंत में हम अधिक हताहत होने से बचने के लिए सतपयारकिन से बाहर चले गए और हमारे पास और गोलियां नहीं बची थीं" सतपयारकिन के ग्रामीणों ने बर्मी मीडिया समूहों को बताया कि मृतकों की संख्या 30 को पार जा सकती है. एक ग्रामीण के हवाले से कहा गया, "हम सभी शवों को नहीं निकाल सकते क्योंकि शासन की छापेमारी जारी है"
हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने सतपयारकिन और आसपास के 11 गांवों को छोड़ दिया है. एक ग्रामीण ने बर्मी मीडिया को बताया, "विस्थापित लोगों के लिए भोजन और दवा की तत्काल आवश्यकता है, क्योंकि वे अपने घरों से भागते समय कुछ भी नहीं लेकर जा सके।"

(आईएएनएस)

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