हैरिसबर्ग : अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अभियान अंतिम चरण में पहुंच रहा है, ऐसे में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स के बीच जुबानी हमले तेज होते जा रहे है. इसी क्रम में मजदूर दिवस (सात सितंबर) पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप (रिपब्लिकन) और जो बाइडेन (डेमोक्रेट्स) ने अर्थव्यवस्था और श्रमिकों के मुद्दों को लेकर एक-दूसरे पर जमकर हमला बोला.
इस अवसर पर बाइडेन ने प्रमुख राज्य पेनसिल्वेनिया के हैरिसबर्ग में मजदूर नेताओं से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि जहां मजदूर 'अमेरिकी संहिता' के अनुरूप जीते हैं, वहीं ट्रंप 'झूठ, लालच और स्वार्थ की संहिता' के अनुरूप काम करते हैं.
इस बीच ट्रंप ने व्हाइट हाउस की प्रेस वार्ता में रुकी हुई अर्थव्यवस्था में हो रहे सुधार को प्रकाश में लाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि बाइडेन और उनकी सहयोगी सीनेटर कमला हैरिस इस देश को और इस अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देंगे.
अमेरिका में मजदूर दिवस सात सितंबर को मनाया जाता है और आम तौर पर इस मौसम के चुनावी अभियान की अनौपचारिक शुरुआत करता है. जब प्रत्याशी मतदान वाले दिन के लिए अपनी गतिविधियों को तेज कर देते हैं.
दोनों प्रत्याशियों ने सोमवार को इस तत्कालिकता का परिचय दिया, जब हैरिस और उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने विस्कॉनसिन में अभियान चलाया. इस राज्य में ट्रंप को 2016 में बहुत कम अंतर से जीत मिली थी.
यह सारे कार्यक्रम वैश्विक महामारी की पृष्ठभूमि में हो रहे हैं, जिसने अभियानों पर एक तरह से रोक लगा दी है. बाइडेन और हैरिस को खासकर ज्यादातर पारंपरिक चुनावी गतिविधि ऑनलाइन ही करनी पड़ रही है.
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अमेरिकी अर्थव्यवस्था और मजदूरों की स्थिति मजदूर दिवस पर मुख्य विषय रहे, लेकिन दोनों अभियानों ने हाल के प्रदर्शनों पर भी ध्यान दिया, जिसने विस्कॉनसिन और पूरे राष्ट्र को आक्रोशित किया जब पिछले महीने केनोशॉ में एक अश्वेत व्यक्ति जैकब ब्लेक को पुलिस ने गोली मार दी थी.
डेमोक्रेटिक पार्टी से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हैरिस ने मिलवॉकी पहुंचकर ब्लेक के परिवार से निजी तौर पर मुलाकात की और फोन पर ब्लेक से बात की. ब्लेक के वकीलों ने एक बयान में बताया कि हैरिस ने ब्लेक से कहा कि उन्हें ब्लेक पर गर्व है और उनके परिवार के प्रत्येक सदस्य से निजी तौर पर और फोन पर बात की.
बाइडेन ने पिछले हफ्ते विस्कॉनसिन के दौरे पर ब्लेक के परिवार से मुलाकात की थी. वहीं ट्रंप और पेंस दोनों ने ही न तो ब्लेक के परिवार से मुलाकात की और न ही भाषणों के दौरान प्रदर्शनों का कोई उल्लेख किया.