वॉशिंगटनः अमेरिका में हाल में जारी हुई एक रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में वहां रह रहा हर चौथा प्रवासी भारतीय था. रिपोर्ट की मानें तो उसी साल वहां रह रहे करीब 60 प्रतिशत प्रवासी एशियाई देशों के नागरिक थे, जिनमें से 15 प्रतिशत चीन से थे.
गृह सुरक्षा मंत्रालय की ओर से तैयार इस रिपोर्ट में बताया गया कि 2016 में यहां प्रवासियों की संख्या करीब 23 लाख थी, जिनमें मुख्य रूप से कामगार, छात्र, ‘एक्सचेंज विजिटर’, राजनयिक और अन्य प्रतिनिधि शामिल थे. यह संख्या 2015 की तुलना में 15 प्रतिशत ज्यादा थी. उस साल प्रवासियों की संख्या 20 लाख थी.
बता दें, सांस्कृतिक कूटनीति को बढ़ावा देने के लिए रखे गए कार्यक्रमों में हिस्सा लेने वालों को एक्सचेंज विजिटर कहा जाता है.
रिपोर्ट में बताया गया कि 2016 में अमेरिका में प्रवासी भारतीयों की संख्या पांच लाख 80 हजार थी. इनमें से चार लाख 40 हजार अस्थायी कामगार थे, जिनमें एच-1बी वीजा धारक भी शामिल थे. शेष एक लाख 40 हजार विद्यार्थी थे.
वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर चीन भारत से काफी पीछे था, जहां से आने वाले प्रवासियों की संख्या तीन लाख 40 हजार थी.
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इस रिपोर्ट के मुताबिक 75 प्रतिशत भारतीय प्रवासियों को अस्थायी कामगार की श्रेणी में रखा गया, जबकि 75 प्रतिशत चीनी नागरिकों को विद्यार्थी की श्रेणी में रखा गया. इसके अलावा एक्सचेंज विजिटर के मामले में भारत के चार प्रतिशत की तुलना में चीन की हिस्सेदारी ज्यादा थी और कुल एक्सचेंज विजिटर में वहां से 15 प्रतिशत लोग थे.
आपको बता दें, भारत और चीन के बाद मेक्सिको, कनाडा, दक्षिण कोरिया, जापान और सऊदी अरब का नंबर आता है. वित्तीय वर्ष 2018 के लिए जारी एक हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश मंत्रालय दूतावास अधिकारियों ने 90 लाख प्रवासी वीजा जारी किए, जो 2015 के 1.09 करोड़ से काफी कम है.