वॉशिंगटन : ट्रंप प्रशासन ने घोषणा की है कि ईरान पर संयुक्त राष्ट्र की सभी पाबंदियां बहाल कर दी गई हैं. अमेरिका के इस कदम को बाकी दुनिया ने खारिज कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की महासभा की बैठक से पहले इस वैश्विक संगठन में जबर्दस्त जोर-आजमाईश के आसार पैदा हो गए हैं.
यह कदम तब उठाया गया है, जब एक महीने पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने सुरक्षा परिषद को बताया कि ईरान ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन या जेसीपीओए (2015 के ईरान परमाणु करार) के तहत अपने दायित्वों का पालन नहीं कर रहा है.
एक बयान में कहा गया कि अमेरिका ने यह कार्रवाई इसलिए की है क्योंकि ईरान के जेसीपीओए दायित्वों का पालन करने में विफल रहने के साथ ही सुरक्षा परिषद भी ईरान पर हथियार पाबंदियों का विस्तार करने में विफल रही, जो उस पर 13 सालों से थी.
उन्होंने कहा कि अपने अधिकारों के तहत हमने हथियार पाबंदी समेत संयुक्त राष्ट्र के हटा लिए गए प्रतिबंधों को बहाल करने की अपनी स्नैपबैक (एक प्रकार की कानूनी) प्रक्रिया शुरू की है. फलस्वरूप दुनिया सुरक्षित रहेगी, लेकिन अमेरिका के इस कदम का सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों देशों ने जबर्दस्त विरोध किया है. इन देशों का कहना है कि अमेरिका इसका कानूनी हक गवां चुका है, क्योंकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2018 में इस परमाणु करार से हट गए और ईरान पर अमेरिकी पाबंदियां लगा दी.
स्नैपबैक का तात्पर्य है कि परमाणु करार के तहत दी गई ढील या हटा ली गई पाबंदियों को संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों द्वारा दोबारा लगाया जा सकता है.