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पोम्पिओ ने ताइवान पर लगे प्रतिबंध हटाए, अमेरिका-चीन में बढ़ सकता है तनाव

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि विदेश विभाग ताइवान के साथ राजनयिक स्तर पर और अन्य स्तर पर संपर्क स्थापित करने पर लगे प्रतिबंधों को समाप्त कर रहा है. ताइवान को लेकर उठाया गया अमेरिका का यह कदम चीन को नाराज कर सकता है.

माइक पोम्पिओ
माइक पोम्पिओ
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Published : Jan 10, 2021, 3:32 PM IST

Updated : Jan 10, 2021, 7:18 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि विदेश विभाग अमेरिका और ताइवान के राजयनिकों और अधिकारियों के बीच संपर्क स्थापित करने पर स्वयं लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त कर रहा है. इसी के साथ चीन को 'खुश' करने की लंबे समय से जारी नीति खत्म हो गई.

ताइवान को लेकर उठाया गया यह कदम चीन को नाराज कर सकता है और अमेरिका और चीन के बीच तनाव को बढ़ा सकता है.

हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है और उनका स्थान जो बाइडन लेंगे.

पोम्पिओ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कई दशकों से विदेश विभाग ने 'हमारे राजनयिकों, सैन्य और अन्य अधिकारियों की उनके ताइवान के समकक्षों के साथ बातचीत को नियमित करने के लिए जटिल आंतरिक प्रतिबंध लगाए हुए थे.'

अमेरिका ने कहा कि गृह युद्ध के बाद 1949 में मुख्य भूमि चीन से अलग होकर बने ताइवान से उसके शुरू से ही करीबी संबंध हैं. ताइवान को 'विश्वसनीय' और 'अनौपचारिक' साझेदार बताते हुए पोम्पिओ ने कहा कि अधिकारी ताइवान के साथ संपर्क रखने को लेकर पहले जारी किए गए दिशा-निर्देशों को रद्द मानें.

पोम्पिओ ने शनिवार को कहा, 'आज मैं ऐलान कर रहा हूं कि मैं (ताइवान के संबंध में) लगाए गए सभी प्रतिबंधों को खत्म कर रहा हूं.' पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर में अनौपचारिक साझेदारों के साथ रिश्ते कायम रखता है और इसमें ताइवान कोई अपवाद नहीं है. उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान को अमेरिकी समर्थन की पुनःपुष्टि करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत केली क्राफ्ट ताइवान जाएंगी.

ताइवान ने आभार जताया

इस कदम का ताइवान ने स्वागत किया है. ताइवान के विदेश मंत्री जे जोसेफ वू ने ट्वीट किया, 'मैं गैर जरूरी प्रतिबंध हटाने के लिए विदेश मंत्री पोम्पिओ और विदेश विभाग का आभार व्यक्त करता हूं. इनसे विगत वर्षों में हमारे संपर्क सीमित हुए थे. मैं ताइवान आश्वासन अधिनियम के लिए कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त करता हूं जो पहले के दिशा-निर्देशों की समीक्षा की पैरवी करता है.'

पढ़ें : US कैपिटोल हिंसा : हमलावरों का साथ देने वाले आरोपी सांसद ने दिया इस्तीफा

चीन-ताइवान में है तनातनी

चीन ताइवान को अपना एक अलग हुआ प्रांत बताता है जो मुख्य भूमि के साथ दोबारा जोड़ा जाएगा, भले ही ऐसा करने के लिए बल का ही इस्तेमाल क्यों न करना पड़े. वहीं ताइवान खुद को स्वायत्त देश बताता है.

वाशिंगटन : अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि विदेश विभाग अमेरिका और ताइवान के राजयनिकों और अधिकारियों के बीच संपर्क स्थापित करने पर स्वयं लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त कर रहा है. इसी के साथ चीन को 'खुश' करने की लंबे समय से जारी नीति खत्म हो गई.

ताइवान को लेकर उठाया गया यह कदम चीन को नाराज कर सकता है और अमेरिका और चीन के बीच तनाव को बढ़ा सकता है.

हालांकि राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है और उनका स्थान जो बाइडन लेंगे.

पोम्पिओ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कई दशकों से विदेश विभाग ने 'हमारे राजनयिकों, सैन्य और अन्य अधिकारियों की उनके ताइवान के समकक्षों के साथ बातचीत को नियमित करने के लिए जटिल आंतरिक प्रतिबंध लगाए हुए थे.'

अमेरिका ने कहा कि गृह युद्ध के बाद 1949 में मुख्य भूमि चीन से अलग होकर बने ताइवान से उसके शुरू से ही करीबी संबंध हैं. ताइवान को 'विश्वसनीय' और 'अनौपचारिक' साझेदार बताते हुए पोम्पिओ ने कहा कि अधिकारी ताइवान के साथ संपर्क रखने को लेकर पहले जारी किए गए दिशा-निर्देशों को रद्द मानें.

पोम्पिओ ने शनिवार को कहा, 'आज मैं ऐलान कर रहा हूं कि मैं (ताइवान के संबंध में) लगाए गए सभी प्रतिबंधों को खत्म कर रहा हूं.' पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर में अनौपचारिक साझेदारों के साथ रिश्ते कायम रखता है और इसमें ताइवान कोई अपवाद नहीं है. उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान को अमेरिकी समर्थन की पुनःपुष्टि करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत केली क्राफ्ट ताइवान जाएंगी.

ताइवान ने आभार जताया

इस कदम का ताइवान ने स्वागत किया है. ताइवान के विदेश मंत्री जे जोसेफ वू ने ट्वीट किया, 'मैं गैर जरूरी प्रतिबंध हटाने के लिए विदेश मंत्री पोम्पिओ और विदेश विभाग का आभार व्यक्त करता हूं. इनसे विगत वर्षों में हमारे संपर्क सीमित हुए थे. मैं ताइवान आश्वासन अधिनियम के लिए कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त करता हूं जो पहले के दिशा-निर्देशों की समीक्षा की पैरवी करता है.'

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चीन-ताइवान में है तनातनी

चीन ताइवान को अपना एक अलग हुआ प्रांत बताता है जो मुख्य भूमि के साथ दोबारा जोड़ा जाएगा, भले ही ऐसा करने के लिए बल का ही इस्तेमाल क्यों न करना पड़े. वहीं ताइवान खुद को स्वायत्त देश बताता है.

Last Updated : Jan 10, 2021, 7:18 PM IST
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