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US ने तालिबान की हिंसा का हवाला देते हुए अफगान शरणार्थी कार्यक्रम का किया विस्तार

अमेरिकी सेना इस महीने के अंत तक तालिबान से वापसी कर रही है और इन सब के बीच अफगानिस्तान की चिंता बढ़ती जा रही है. सेना ने अफगान नागरिकों को निकालने के लिए अपने अभियान को तेज कर दिया है.

अमेरिकी सेना
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Published : Aug 2, 2021, 10:55 PM IST

वाशिंगटन: जो बाइडेन प्रशासन ने इस महीने के अंत तक अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पहले तालिबान की बढ़ती हिंसा के बीच अफगानिस्तान में खतरे का सामना कर रहे अफगान नागरिकों को निकालने के लिए अपने अभियान का सोमवार को और तेज कर दिया है.

विदेश विभाग ने कहा कि सरकार अमेरिका में शरणार्थी दर्जे के लिए योग्यता का विस्तार कर रही है. इसके तहत अमेरिकी मीडिया संगठनों, अमेरिका से मदद प्राप्त राहत और विकास एजेंसियों तथा अन्य राहत समूहों के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को इसमें शामिल किया जाएगा. अमेरिकी सरकार, नाटो के मौजूदा और पूर्व कर्मचारी जो निर्धारित कार्यक्रम के तहत मापदंड पूरा नहीं कर रहे थे, वे भी अब इसके दायरे में आएंगे.

हालांकि इसमें कुछ शर्तें भी शामिल हैं.आवेदकों को निर्णय प्रक्रिया शुरू करने के लिए अफगानिस्तान छोड़ना होगा जिसमें किसी तीसरे देश में 12-14 महीने लग सकते हैं और अमेरिका उनके प्रस्थान या वहां रहने का समर्थन करने का इरादा नहीं रखता है.

विदेश विभाग ने कहा कि इस कदम का मतलब है कि हजारों अफगान नागरिकों और उनके करीबी परिजनों को अब शरणार्थियों के रूप में अमेरिका में स्थाई रूप से बसने का अवसर मिलेगा. विभाग ने उन लोगों की कोई निश्चित संख्या नहीं बताई है जो इस कार्यक्रम के लिए पात्र हो सकते हैं.

विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, अमेरिका का उद्देश्य शांतिपूर्ण, सुरक्षित अफगानिस्तान बना हुआ है. हालांकि, तालिबान की हिंसा बढ़ने के कारण बाइडेन नेतृत्व वाली सरकार अमेरिका के साथ काम कर चुके अफगान नागरिकों को अमेरिका में शरणार्थी के तौर पर बसने का अवसर मुहैया कराएगी.

अमेरिका के शरणार्थी कार्यक्रम में अफगान नागरिकों के लिए ‘प्राथमिकता दो’ श्रेणी के तहत अफगानिस्तान के नागरिकों और उनके निकट परिजनों को फायदा होगा.

इसे भी पढ़े-तालिबान से अफगानिस्तान के प्रमुख शहरों की रक्षा करेंगे : अशरफ गनी

अमेरिका के साथ जुड़ाव के कारण खतरा झेल रहे, लेकिन अमेरिकी सरकार के साथ प्रत्यक्ष तौर पर काम नहीं करने के कारण विशेष आव्रजन वीजा नहीं होने के बावजूद ऐसे लोग आवेदन कर सकेंगे. इस श्रेणी के तहत आने के लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी या अमेरिकी मीडिया संस्थान अथवा गैर सरकारी संगठनों के शीर्ष कर्मचारी द्वारा अफगान नागरिकों को अपना नाम अग्रसारित कराना होगा.

(पीटीआई-भाषा)

वाशिंगटन: जो बाइडेन प्रशासन ने इस महीने के अंत तक अमेरिकी सैनिकों की वापसी के पहले तालिबान की बढ़ती हिंसा के बीच अफगानिस्तान में खतरे का सामना कर रहे अफगान नागरिकों को निकालने के लिए अपने अभियान का सोमवार को और तेज कर दिया है.

विदेश विभाग ने कहा कि सरकार अमेरिका में शरणार्थी दर्जे के लिए योग्यता का विस्तार कर रही है. इसके तहत अमेरिकी मीडिया संगठनों, अमेरिका से मदद प्राप्त राहत और विकास एजेंसियों तथा अन्य राहत समूहों के मौजूदा और पूर्व कर्मचारियों को इसमें शामिल किया जाएगा. अमेरिकी सरकार, नाटो के मौजूदा और पूर्व कर्मचारी जो निर्धारित कार्यक्रम के तहत मापदंड पूरा नहीं कर रहे थे, वे भी अब इसके दायरे में आएंगे.

हालांकि इसमें कुछ शर्तें भी शामिल हैं.आवेदकों को निर्णय प्रक्रिया शुरू करने के लिए अफगानिस्तान छोड़ना होगा जिसमें किसी तीसरे देश में 12-14 महीने लग सकते हैं और अमेरिका उनके प्रस्थान या वहां रहने का समर्थन करने का इरादा नहीं रखता है.

विदेश विभाग ने कहा कि इस कदम का मतलब है कि हजारों अफगान नागरिकों और उनके करीबी परिजनों को अब शरणार्थियों के रूप में अमेरिका में स्थाई रूप से बसने का अवसर मिलेगा. विभाग ने उन लोगों की कोई निश्चित संख्या नहीं बताई है जो इस कार्यक्रम के लिए पात्र हो सकते हैं.

विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, अमेरिका का उद्देश्य शांतिपूर्ण, सुरक्षित अफगानिस्तान बना हुआ है. हालांकि, तालिबान की हिंसा बढ़ने के कारण बाइडेन नेतृत्व वाली सरकार अमेरिका के साथ काम कर चुके अफगान नागरिकों को अमेरिका में शरणार्थी के तौर पर बसने का अवसर मुहैया कराएगी.

अमेरिका के शरणार्थी कार्यक्रम में अफगान नागरिकों के लिए ‘प्राथमिकता दो’ श्रेणी के तहत अफगानिस्तान के नागरिकों और उनके निकट परिजनों को फायदा होगा.

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अमेरिका के साथ जुड़ाव के कारण खतरा झेल रहे, लेकिन अमेरिकी सरकार के साथ प्रत्यक्ष तौर पर काम नहीं करने के कारण विशेष आव्रजन वीजा नहीं होने के बावजूद ऐसे लोग आवेदन कर सकेंगे. इस श्रेणी के तहत आने के लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी या अमेरिकी मीडिया संस्थान अथवा गैर सरकारी संगठनों के शीर्ष कर्मचारी द्वारा अफगान नागरिकों को अपना नाम अग्रसारित कराना होगा.

(पीटीआई-भाषा)

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