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संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित संगठनों को लेकर मंजूर किया भारत का प्रस्ताव - संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रस्ताव

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के उस प्रस्ताव को पास को मंजूर कर लिया, जिसमें अनुरोध किया गया था कि ईसीओएसओसी में परामर्शदाता का आवेदन करने वाली संस्था वह न हो, जिसको यूएन ने प्रतिबंधित कर रखा हो. जानें पूरा विवरण.

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काउंसलर पौलोमी त्रिपाठी
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Published : Jan 22, 2020, 8:35 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 1:05 AM IST

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के उस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया, जिसमें अनुरोध किया गया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि विश्व निकाय की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) में परामर्शदाता के दर्जे कि लिए आवेदन करने वाले गैर सरकारी संगठन उन व्यक्तियों व संस्थाओं के न हों, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित हैं.

इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्ति और संगठन विश्व निकाय से न जुड़ें.

यूएन में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर पौलोमी त्रिपाठी ने संरा की एनजीओ समिति के ईसीओएसओसी के साथ परामर्शदाता का दर्जा चाहने वाले एनजीओ की अतिरिक्त जांच के फैसले का स्वागत किया है.

अतिरिक्त जांच यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों से जुड़े एनजीओ से संबंधित है.

त्रिपाठी ने गत मंगलवार को एनजीओ पर ईसीओएसओसी के नियमित सत्र के दौरान कहा, 'हमें खुशी है कि भारत के उस प्रस्ताव को मान लिया गया है, जिसके तहत यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से जुड़े एनजीओ को परामर्शदाता का दर्जा देने से पहले जांच की जाएगी और यह समिति द्वारा समीक्षा प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है.'

पढ़ें : जी77 का अध्यक्ष बनने पर गुयाना का भारत ने किया स्वागत

त्रिपाठी ने रेखांकित किया कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से संबद्ध एनजीओ ईसीओएसओसी में परामर्शदाता का दर्जा पाने की स्थिति में न आएं.

न्यूयॉर्क : संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने भारत के उस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया, जिसमें अनुरोध किया गया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि विश्व निकाय की आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) में परामर्शदाता के दर्जे कि लिए आवेदन करने वाले गैर सरकारी संगठन उन व्यक्तियों व संस्थाओं के न हों, जिसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित हैं.

इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्ति और संगठन विश्व निकाय से न जुड़ें.

यूएन में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर पौलोमी त्रिपाठी ने संरा की एनजीओ समिति के ईसीओएसओसी के साथ परामर्शदाता का दर्जा चाहने वाले एनजीओ की अतिरिक्त जांच के फैसले का स्वागत किया है.

अतिरिक्त जांच यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों से जुड़े एनजीओ से संबंधित है.

त्रिपाठी ने गत मंगलवार को एनजीओ पर ईसीओएसओसी के नियमित सत्र के दौरान कहा, 'हमें खुशी है कि भारत के उस प्रस्ताव को मान लिया गया है, जिसके तहत यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से जुड़े एनजीओ को परामर्शदाता का दर्जा देने से पहले जांच की जाएगी और यह समिति द्वारा समीक्षा प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है.'

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त्रिपाठी ने रेखांकित किया कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से संबद्ध एनजीओ ईसीओएसओसी में परामर्शदाता का दर्जा पाने की स्थिति में न आएं.

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संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंधित संगठनों को लेकर भारत के प्रस्ताव को मंजूर किया



संयुक्त राष्ट्र, 22 जनवरी (भाषा) संयुक्त राष्ट्र ने भारत के उस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया जिसमें अनुरोध किया गया था कि वह यह सुनिश्चित करे कि विश्व निकाय की आर्थिक और सामाजिक परिषद् (ईसीओएसओसी) में परामर्शदाता के दर्जे कि लिये आवेदन करने वाले गैर सरकारी संगठन उन व्यक्तियों व संस्थाओं के न हों, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् (यूएनएससी) द्वारा प्रतिबंधित हैं.



इस कदम से यह सुनिश्चित होगा कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्ति और संगठन विश्व निकाय से न जुड़ें.

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की काउंसलर पौलोमी त्रिपाठी ने संरा की एनजीओ समिति के ईसीओएसओसी के साथ परामर्शदाता का दर्जा चाहने वाले एनजीओ की अतिरिक्त जांच के फैसले का स्वागत किया है.

अतिरिक्त जांच यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और व्यक्तियों से जुड़े एनजीओ से संबंधित है.

त्रिपाठी ने मंगलवार को एनजीओ पर ईसीओएसओसी के नियमित सत्र के दौरान कहा, 'हमें खुशी है कि भारत के उस प्रस्ताव को मान लिया गया है जिसके तहत यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से जुड़े एनजीओ को परामर्शदाता का दर्जा देने से पहले जांच की जाएगी और यह समिति द्वारा समीक्षा प्रक्रिया को मजबूत बनाने की दिशा में पहला महत्वपूर्ण कदम है.'

त्रिपाठी ने रेखांकित किया कि इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यूएनएससी द्वारा प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों से संबद्ध एनजीओ ईसीओएसओसी में परामर्शदाता का दर्जा पाने की स्थिति में न आएं.


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Last Updated : Feb 18, 2020, 1:05 AM IST
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