वॉशिंगटन : जो बाइडेन ने अभूतपूर्व सुरक्षा के बीच अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपने पहले भाषण में कहा कि मैं हर एक अमेरिकी का राष्ट्रपति हूं.
उन्होंने कहा कि आज का दिन अमेरिका का है. यह लोकतंत्र का दिन है. यह इतिहास और आशा का दिन है.
बाइडेन ने कहा कि आज हम एक उम्मीदवार की जीत का नहीं, बल्कि एक उद्देश्य की, लोकतंत्र के उद्देश्य की जीत का उत्सव मना रहे हैं.
देश के नए राष्ट्रपति ने कहा कि जनता की इच्छाओं को सुना और समझा गया है.
उन्होंने कहा कि श्वेतों को श्रेष्ठ मानने की मानसिकता, घरेलू आतंकवाद को हराएंगे. मैं चाहता हूं कि प्रत्येक अमेरिकी हमारी इस लड़ाई में शामिल हो.
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की जीत हुई है.
बाइडेन देश के सबसे युवा सीनेटरों में से एक थे और आज अपने लंबे अनुभव के साथ अमेरिकी इतिहास के सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति बन गए हैं.
बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों को रोकने के लिए कैपिटल बिल्डिंग (संसद भवन) के आसपास हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.
डेमोक्रेटिक नेता बाइडेन (78) को प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने कैपिटल बिल्डिंग के वेस्ट फ्रंट में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई.
इस बार समारोह में कम लोगों को आमंत्रित किया गया है और नेशनल गार्ड के 25,000 से अधिक जवान सुरक्षा में तैनात हैं.
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इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ह्वाइट हाउस को अलविदा कह दिया और इसके साथ ही अमेरिका के इतिहास में उनके कार्यकाल की एक ऐसी दागदार विरासत अंकित हो गई जैसी पहले कभी नहीं देखी गई.
कोविड-19 महामारी के प्रकोप के कालखंड में हुए चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को अपने डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन से करारी शिकस्त झेलनी पड़ी लेकिन उन्होंने कभी इसे स्वीकार नहीं किया.