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ग्राफिक डिटेल्स में करीब से दिखा नया कोरोना वायरस - corona virus closely visible

अमेरिका में शोधकर्ताओं की एक टीम ने कोरोना वायरस की ग्राफिकल तस्वीरें प्रकाशित की हैं. इन फोटो में संक्रमित कोशिकाओं को अलग-अलग रंगों में दर्शाया गया है. पढ़ें विस्तार से...

graphical corona
ग्राफिकल कोरोना
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Published : Sep 13, 2020, 8:43 PM IST

न्यूयॉर्क : अमेरिका में शोधकर्ताओं की एक टीम ने श्वसन प्रक्रिया वाले मार्ग की सार्स-कोव-2 संक्रमित कोशिकाओं की नई तस्वीरें प्रकाशित की हैं. ये तस्वीरें ग्राफिकल हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में हयूमन ब्रोन्कियल ऐपिथेलियल सेल्स में नए कोरोना वायरस का टीका लगाया और फिर 96 घंटे बाद इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उपयोग कर इसकी जांच की गई.

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने अपने इस काम को 'इमेज इन मेडिसिन' में प्रकाशित किया है.

बाल रोग के सहायक प्रोफेसर केमिली एहरे ने इन चित्रों को यह बताने के लिए प्रकाशित किया है कि सार्स-कोव-2 का संक्रमण कितना गहरा है.

इन फोटो में संक्रमित कोशिकाओं को अलग-अलग रंगों में दर्शाया गया है.

इसमें सिलिया कोशिकाएं बाल जैसी संरचनाएं हैं, जो फेफड़ों से बलगम (और फंसे हुए वायरस) का परिवहन करती हैं.

वहीं वायरस संक्रमित मेजबान कोशिकाओं द्वारा श्वसन की सतह पर पाया गया वायरस का पूर्ण संक्रामक रूप हैं.

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह फोटो जानने में मदद करेगी कि मानव श्वसन प्रणाली के अंदर प्रति सेल उत्पादित और जारी की गई वाइरन की संख्या कितनी है.

बड़ा वायरल इंफेक्शन संक्रमित व्यक्ति के कई अंगों में संक्रमण फैला सकता है और संभवत: दूसरों में कोविड-19 ट्रांसमीट करने की आवृत्ति बढ़ाएगा.

पढ़ें :- शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी कोरोना से बचाव की गारंटी नहीं

लेखकों ने लिखा है कि ये फोटो संक्रमित और असंक्रमित व्यक्तियों द्वारा सार्स-कोव-2 के ट्रांसमिशन को सीमित करने के लिए मास्क के उपयोग को लेकर अहमियत बताती हैं.

न्यूयॉर्क : अमेरिका में शोधकर्ताओं की एक टीम ने श्वसन प्रक्रिया वाले मार्ग की सार्स-कोव-2 संक्रमित कोशिकाओं की नई तस्वीरें प्रकाशित की हैं. ये तस्वीरें ग्राफिकल हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में हयूमन ब्रोन्कियल ऐपिथेलियल सेल्स में नए कोरोना वायरस का टीका लगाया और फिर 96 घंटे बाद इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का उपयोग कर इसकी जांच की गई.

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन ने अपने इस काम को 'इमेज इन मेडिसिन' में प्रकाशित किया है.

बाल रोग के सहायक प्रोफेसर केमिली एहरे ने इन चित्रों को यह बताने के लिए प्रकाशित किया है कि सार्स-कोव-2 का संक्रमण कितना गहरा है.

इन फोटो में संक्रमित कोशिकाओं को अलग-अलग रंगों में दर्शाया गया है.

इसमें सिलिया कोशिकाएं बाल जैसी संरचनाएं हैं, जो फेफड़ों से बलगम (और फंसे हुए वायरस) का परिवहन करती हैं.

वहीं वायरस संक्रमित मेजबान कोशिकाओं द्वारा श्वसन की सतह पर पाया गया वायरस का पूर्ण संक्रामक रूप हैं.

शोधकर्ताओं के अनुसार, यह फोटो जानने में मदद करेगी कि मानव श्वसन प्रणाली के अंदर प्रति सेल उत्पादित और जारी की गई वाइरन की संख्या कितनी है.

बड़ा वायरल इंफेक्शन संक्रमित व्यक्ति के कई अंगों में संक्रमण फैला सकता है और संभवत: दूसरों में कोविड-19 ट्रांसमीट करने की आवृत्ति बढ़ाएगा.

पढ़ें :- शरीर में एंटीबॉडी की मौजूदगी कोरोना से बचाव की गारंटी नहीं

लेखकों ने लिखा है कि ये फोटो संक्रमित और असंक्रमित व्यक्तियों द्वारा सार्स-कोव-2 के ट्रांसमिशन को सीमित करने के लिए मास्क के उपयोग को लेकर अहमियत बताती हैं.

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