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ट्रंप प्रशासन के रोकने के बावजूद, बोल्टन कर सकते हैं अपनी पुस्तक का विमोचन - the room where it happened

अमेरिकी जिला जज रॉयस लाम्बर्थ ने आदेश दिया है कि पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन अपनी किताब का विमोचन कर सकते हैं. न्याय विभाग ने पुस्तक के विमोचन को रोकने के लिए पिछले हफ्ते मुकदमा दायर किया था. पढ़ें पूरी खबर...

डोनाल्ड ट्रंप
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Published : Jun 21, 2020, 10:55 AM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने आदेश जारी किया कि पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन अपनी पुस्तक का विमोचन कर सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने गोपनीय सूचनाओं का खुलासा हो जाने की आशंका को लेकर 'द रूम वेयर इट हैपेन्ड' पुस्तक के विमोचन को रोकने की कोशिशें की थी. अमेरिकी जिला न्यायाधीश रॉयस लाम्बर्थ का यह फैसला एक ऐसे अदालती मामले में बोल्टन की जीत है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं शामिल हैं.

हालांकि, न्यायाधीश ने यह स्पष्ट कर दिया कि बोल्टन ने ह्वाइट हाउस की औपचारिक मंजूरी के बिना खुद से अपना संस्मरण प्रकाशित करने का कदम उठाकर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया, जबकि ह्वाइट हाउस का कहना है कि वह गोपनीय सूचनाओं को लेकर अब भी इसकी पड़ताल कर रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह साबित करने में नाकाम रही कि इस पर रोक से अपूर्णीय क्षति रोकी जा सकती है. तात्कालिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह प्रदर्शित होता है कि इस फैसले ने चुनावी वर्ष में पुस्तक के पढ़े जाने और इसे बांटे जाने का दायरा बढ़ा दिया है. इस पुस्तक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति का जिक्र है, जब बोल्टन ह्वाइट हाउस में सेवा दे रहे थे.

पढ़ें- राष्ट्रपति ट्रंप ने बोल्टन को बताया 'सिक पपी'

न्यायाधीश का फैसला आने के शीघ्र बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि 'बोल्टन ने गोपनीय सूचना (बड़े पैमाने पर) जारी कर कानून तोड़ा है'. ट्रंप ने कहा कि बोल्टन को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह दोबारा कभी नहीं होना चाहिए.

न्याय विभाग ने पुस्तक के विमोचन को रोकने के लिये पिछले हफ्ते मुकदमा दायर किया था और पुस्तक की प्रतियां भी विक्रेताओं से वापस मंगाने की मांग की थी.

लेम्बर्थ ने कहा कि इस पुस्तक की दो लाख प्रतियां देशभर में पुस्तक विक्रेताओं के पास पहुंच चुकी है, इसके विमोचन को रोकना निरर्थक होगा. बड़े मीडिया संस्थानों को भी यह पुस्तक मिल चुकी है और उन्होंने इस बारे में व्यापक सामग्री छापी है.

वॉशिंगटन : अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने आदेश जारी किया कि पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन अपनी पुस्तक का विमोचन कर सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि ट्रंप प्रशासन ने गोपनीय सूचनाओं का खुलासा हो जाने की आशंका को लेकर 'द रूम वेयर इट हैपेन्ड' पुस्तक के विमोचन को रोकने की कोशिशें की थी. अमेरिकी जिला न्यायाधीश रॉयस लाम्बर्थ का यह फैसला एक ऐसे अदालती मामले में बोल्टन की जीत है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं शामिल हैं.

हालांकि, न्यायाधीश ने यह स्पष्ट कर दिया कि बोल्टन ने ह्वाइट हाउस की औपचारिक मंजूरी के बिना खुद से अपना संस्मरण प्रकाशित करने का कदम उठाकर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया, जबकि ह्वाइट हाउस का कहना है कि वह गोपनीय सूचनाओं को लेकर अब भी इसकी पड़ताल कर रहा है.

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार यह साबित करने में नाकाम रही कि इस पर रोक से अपूर्णीय क्षति रोकी जा सकती है. तात्कालिक परिप्रेक्ष्य में देखें तो यह प्रदर्शित होता है कि इस फैसले ने चुनावी वर्ष में पुस्तक के पढ़े जाने और इसे बांटे जाने का दायरा बढ़ा दिया है. इस पुस्तक में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति का जिक्र है, जब बोल्टन ह्वाइट हाउस में सेवा दे रहे थे.

पढ़ें- राष्ट्रपति ट्रंप ने बोल्टन को बताया 'सिक पपी'

न्यायाधीश का फैसला आने के शीघ्र बाद ट्रंप ने ट्वीट किया कि 'बोल्टन ने गोपनीय सूचना (बड़े पैमाने पर) जारी कर कानून तोड़ा है'. ट्रंप ने कहा कि बोल्टन को इसकी बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. यह दोबारा कभी नहीं होना चाहिए.

न्याय विभाग ने पुस्तक के विमोचन को रोकने के लिये पिछले हफ्ते मुकदमा दायर किया था और पुस्तक की प्रतियां भी विक्रेताओं से वापस मंगाने की मांग की थी.

लेम्बर्थ ने कहा कि इस पुस्तक की दो लाख प्रतियां देशभर में पुस्तक विक्रेताओं के पास पहुंच चुकी है, इसके विमोचन को रोकना निरर्थक होगा. बड़े मीडिया संस्थानों को भी यह पुस्तक मिल चुकी है और उन्होंने इस बारे में व्यापक सामग्री छापी है.

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